Ezekiel 32:2
“हे मानिसको छोरो! फिराऊन मिश्रको राजाको विषयमा यो दुखको गीत गाऊ। उनलाई भन“‘तिमीले सोचेको थियौ तिमी शक्तिशाली जवान सिंह हौ। देशहरूमा घमण्डसँग घुम्दै थियौ तर साँच्चै तिमी एक अजिङ्गर जस्तै हौ। तिमी पानीको प्रवाहलाई ठेल्दै बाटो बनाउँछौ, अनि आफ्नो खुट्टाले पानी छ्याप्दै, नदीहरू माटै-माटो बनायौ। तिमीले मिश्रको नदीहरूलाई उत्तेजित पार्यौ।”‘
Son | בֶּן | ben | ben |
of man, | אָדָ֗ם | ʾādām | ah-DAHM |
take up | שָׂ֤א | śāʾ | sa |
lamentation a | קִינָה֙ | qînāh | kee-NA |
for | עַל | ʿal | al |
Pharaoh | פַּרְעֹ֣ה | parʿō | pahr-OH |
king | מֶֽלֶךְ | melek | MEH-lek |
of Egypt, | מִצְרַ֔יִם | miṣrayim | meets-RA-yeem |
say and | וְאָמַרְתָּ֣ | wĕʾāmartā | veh-ah-mahr-TA |
unto | אֵלָ֔יו | ʾēlāyw | ay-LAV |
him, Thou art like | כְּפִ֥יר | kĕpîr | keh-FEER |
lion young a | גּוֹיִ֖ם | gôyim | ɡoh-YEEM |
of the nations, | נִדְמֵ֑יתָ | nidmêtā | need-MAY-ta |
thou and | וְאַתָּה֙ | wĕʾattāh | veh-ah-TA |
art as a whale | כַּתַּנִּ֣ים | kattannîm | ka-ta-NEEM |
seas: the in | בַּיַּמִּ֔ים | bayyammîm | ba-ya-MEEM |
and thou camest forth | וַתָּ֣גַח | wattāgaḥ | va-TA-ɡahk |
rivers, thy with | בְּנַהֲרוֹתֶ֗יךָ | bĕnahărôtêkā | beh-na-huh-roh-TAY-ha |
and troubledst | וַתִּדְלַח | wattidlaḥ | va-teed-LAHK |
the waters | מַ֙יִם֙ | mayim | MA-YEEM |
feet, thy with | בְּרַגְלֶ֔יךָ | bĕraglêkā | beh-rahɡ-LAY-ha |
and fouledst | וַתִּרְפֹּ֖ס | wattirpōs | va-teer-POSE |
their rivers. | נַהֲרוֹתָֽם׃ | nahărôtām | na-huh-roh-TAHM |