Daniel 9:2
उसके राज्य के पहिले वर्ष में, मुझ दानिय्येल ने शास्त्र के द्वारा समझ लिया कि यरूशलेम की उजड़ी हुई दशा यहोवा के उस वचन के अनुसार, जो यिर्मयाह नबी के पास पहुंचा था, कुछ वर्षों के बीतने पर अर्थात सत्तर वर्ष के बाद पूरी हो जाएगी।
Daniel 9:2 in Other Translations
King James Version (KJV)
In the first year of his reign I Daniel understood by books the number of the years, whereof the word of the LORD came to Jeremiah the prophet, that he would accomplish seventy years in the desolations of Jerusalem.
American Standard Version (ASV)
in the first year of his reign I, Daniel, understood by the books the number of the years whereof the word of Jehovah came to Jeremiah the prophet, for the accomplishing of the desolations of Jerusalem, even seventy years.
Bible in Basic English (BBE)
In the first year of his rule, I, Daniel, saw clearly from the books the number of years given by the word of the Lord to the prophet Jeremiah, in which the making waste of Jerusalem was to be complete, that is, seventy years.
Darby English Bible (DBY)
in the first year of his reign, I Daniel understood by the books that the number of the years, whereof the word of Jehovah came to Jeremiah the prophet, for the accomplishment of the desolations of Jerusalem, was seventy years.
World English Bible (WEB)
in the first year of his reign I, Daniel, understood by the books the number of the years about which the word of Yahweh came to Jeremiah the prophet, for the accomplishing of the desolations of Jerusalem, even seventy years.
Young's Literal Translation (YLT)
in the first year of his reign, I, Daniel, have understood by books the number of the years, (in that a word of Jehovah hath been unto Jeremiah the prophet,) concerning the fulfilling of the wastes of Jerusalem -- seventy years;
| In the first | בִּשְׁנַ֤ת | bišnat | beesh-NAHT |
| year | אַחַת֙ | ʾaḥat | ah-HAHT |
| of his reign | לְמָלְכ֔וֹ | lĕmolkô | leh-mole-HOH |
| I | אֲנִי֙ | ʾăniy | uh-NEE |
| Daniel | דָּֽנִיֵּ֔אל | dāniyyēl | da-nee-YALE |
| understood | בִּינֹ֖תִי | bînōtî | bee-NOH-tee |
| by books | בַּסְּפָרִ֑ים | bassĕpārîm | ba-seh-fa-REEM |
| the number | מִסְפַּ֣ר | mispar | mees-PAHR |
| of the years, | הַשָּׁנִ֗ים | haššānîm | ha-sha-NEEM |
| whereof | אֲשֶׁ֨ר | ʾăšer | uh-SHER |
| word the | הָיָ֤ה | hāyâ | ha-YA |
| of the Lord | דְבַר | dĕbar | deh-VAHR |
| came | יְהוָה֙ | yĕhwāh | yeh-VA |
| to | אֶל | ʾel | el |
| Jeremiah | יִרְמִיָ֣ה | yirmiyâ | yeer-mee-YA |
| the prophet, | הַנָּבִ֔יא | hannābîʾ | ha-na-VEE |
| accomplish would he that | לְמַלֹּ֛אות | lĕmallōwt | leh-ma-LOVE-t |
| seventy | לְחָרְב֥וֹת | lĕḥorbôt | leh-hore-VOTE |
| years | יְרוּשָׁלִַ֖ם | yĕrûšālaim | yeh-roo-sha-la-EEM |
| in the desolations | שִׁבְעִ֥ים | šibʿîm | sheev-EEM |
| of Jerusalem. | שָׁנָֽה׃ | šānâ | sha-NA |
Cross Reference
2 इतिहास 36:21
यह सब इसलिये हुआ कि यहोवा का जो वचन यिर्मयाह के मुंह से निकला था, वह पूरा हो, कि देश अपने विश्राम कालों में सुख भोगता रहे। इसलिये जब तक वह सूना पड़ा रहा तब तक अर्थात सत्तर वर्ष के पूरे होने तक उसको विश्राम मिला।
यिर्मयाह 29:10
यहोवा यों कहता है कि बाबुल के सत्तर वर्ष पूरे होने पर मैं तुम्हारी सुधि लूंगा, और अपना यह मनभवना वचन कि मैं तुम्हें इस स्थान में लौटा ले आऊंगा, पूरा करूंगा।
जकर्याह 7:5
सब साधारण लोगों से और याजकों से कह, कि जब तुम इन सत्तर वर्षों के बीच पांचवें और सातवें महीनों में उपवास और विलाप करते थे, तब क्या तुम सचमुच मेरे ही लिये उपवास करते थे?
यिर्मयाह 25:11
सारी जातियों का यह देश उजाड़ ही उजाड़ होगा, और ये सब जातियां सत्तर वर्ष तक बाबुल के राजा के आधीन रहेंगी।
एज्रा 1:1
फारस के राजा कुस्रू के पहिले वर्ष में यहोवा ने फारस के राजा कुस्रू का मन उभारा कि यहोवा का जो वचन यिर्मयाह के मुंह से निकला था वह पूरा हो जाए, इसलिये उसने अपने समस्त राज्य में यह प्रचार करवाया और लिखवा भी दिया:
मत्ती 24:15
सो जब तुम उस उजाड़ने वाली घृणित वस्तु को जिस की चर्चा दानिय्येल भविष्यद्वक्ता के द्वारा हुई थी, पवित्र स्थान में खड़ी हुई देखो, (जो पढ़े, वह समझे )।
मरकुस 13:14
सो जब तुम उस उजाड़ने वाली घृणित वस्तु को जहां उचित नहीं वहां खड़ी देखो, (पढ़नेवाला समझ ले) तब जो यहूदिया में हों, वे पहाड़ों पर भाग जाएं।
प्रेरितों के काम 8:34
इस पर खोजे ने फिलेप्पुस से पूछा; मैं तुझ से बिनती करता हूं, यह बता कि भविष्यद्वक्ता यह किस विषय में कहता है, अपने या किसी दूसरे के विषय में।
1 तीमुथियुस 4:13
जब तक मैं न आऊं, तब तक पढ़ने और उपदेश और सिखाने में लौलीन रह।
2 तीमुथियुस 3:15
और बालकपन से पवित्र शास्त्र तेरा जाना हुआ है, जो तुझे मसीह पर विश्वास करने से उद्धार प्राप्त करने के लिये बुद्धिमान बना सकता है।
1 पतरस 1:10
इसी उद्धार के विषय में उन भविष्यद्वक्ताओं ने बहुत ढूंढ़-ढांढ़ और जांच-पड़ताल की, जिन्हों ने उस अनुग्रह के विषय में जो तुम पर होने को था, भविष्यद्वाणी की थी।
2 पतरस 1:19
और हमारे पास जो भविष्यद्वक्ताओं का वचन है, वह इस घटना से दृढ़ ठहरा है और तुम यह अच्छा करते हो, कि जो यह समझ कर उस पर ध्यान करते हो, कि वह एक दीया है, जो अन्धियारे स्थान में उस समय तक प्रकाश देता रहता है जब तक कि पौ न फटे, और भोर का तारा तुम्हारे हृदयों में न चमक उठे।
प्रकाशित वाक्य 1:3
धन्य है वह जो इस भविष्यद्वाणी के वचन को पढ़ता है, और वे जो सुनते हैं और इस में लिखी हुई बातों को मानते हैं, क्योंकि समय निकट आया है॥
मीका 3:12
इसलिये तुम्हारे कारण सिय्योन जोत कर खेत बनाया जाएगा, और यरूशलेम डीह ही डीह हो जाएगा, और जिस पर्वत पर भवन बना है, वह वन के ऊंचे स्थान सा हो जाएगा॥
दानिय्येल 8:15
यह बात दर्शन मे देख कर, मैं, दानिय्येल, इसके समझने का यत्न करने लगा; इतने में पुरूष के रूप धरे हुए कोई मेरे सम्मुख खड़ा हुआ देख पड़ा।
भजन संहिता 79:1
हे परमेश्वर अन्यजातियां तेरे निज भग में घुस आई; उन्होंने तेरे पवित्र मन्दिर को अशुद्ध किया; और यरूशलेम को खंडहर कर दिया है।
भजन संहिता 119:24
तेरी चितौनियां मेरा सुखमूल और मेरे मन्त्री हैं॥
भजन संहिता 119:99
मैं अपने सब शिक्षकों से भी अधिक समझ रखता हूं, क्योंकि मेरा ध्यान तेरी चितौनियों पर लगा है।
यशायाह 6:11
तब मैं ने पूछा, हे प्रभु कब तक? उसने कहा, जब तक नगर न उजड़े और उन में कोई रह न जाए, और घरों में कोई मनुष्य न रह जाए, और देश उजाड़ और सुनसान हो जाए,
यशायाह 24:10
गड़बड़ी मचाने वाली नगरी नाश होगी, उसका हर एक घर ऐसा बन्द किया जाएगा कि कोई पैठ न सकेगा।
यशायाह 64:10
देख, तेरे पवित्र नगर जंगल हो गए, सिय्योन सुनसान हो गया है, यरूशलेम उजड़ गया है।
यिर्मयाह 7:34
उस समय मैं ऐसा करूंगा कि यहूदा के नगरों और यरूशलेम की सड़कों में न तो हर्ष और आनन्द का शब्द सुन पड़ेगा, और न दुल्हे वा दुल्हिन का; क्योंकि देश उजाड़ ही उजाड़ हो जाएगा।
यिर्मयाह 25:18
अर्थात यरूशलेम और यहूदा के नगरों के निवासियों, और उनके राजाओं और हाकिमों को पिलाया, ताकि उनका देश उजाड़ हो जाए और लोग ताली बजाएं, और उसकी उपमा देकर शाप दिया करें; जैसा आजकल होता है।
यिर्मयाह 26:6
तो मैं इस भवन को शीलो के समान उजाड़ दूंगा, और इस नगर का ऐसा सत्यानाश कर दूंगा कि पृथ्वी की सारी जातियों के लोग उसकी उपमा दे देकर शाप दिया करेंगे।
यिर्मयाह 26:18
यहूदा के राजा हिजकिय्याह के दिनों में मोरसेती मीकायाह भविष्यद्वाणी कहता था, उसने यहूदा के सारे लोगों से कहा, सेनाओं का यहोवा यों कहता है कि सिय्योन जोतकर खेत बनाया जाएगा और यरूशलेम खएडहर हो जाएगा, और भवन वाला पर्वत जंगली स्थान हो जाएगा।
यिर्मयाह 27:7
ये सब जातियां उसके और उसके बाद उसके बेटे और पोते के आधीन उस समय तक रहेंगी जब तक उसके भी देश का दिन न आए; तब बहुत सी जातियां और बड़े बड़े राजा उस से भी अपनी सेवा करवाएंगे।
विलापगीत 1:1
जो नगरी लोगों से भरपूर थी वह अब कैसी अकेली बैठी हुई है! वह क्यों एक विधवा के समान बन गई? वह जो जातियों की दृष्टि में महान और प्रान्तों में रानी थी, अब क्यों कर देने वाली हो गई है।
भजन संहिता 74:3
अपने डग सनातन की खंडहर की ओर बढ़ा; अर्थात उन सब बुराइयों की ओर जो शत्रु ने पवित्र स्थान में किए हैं॥