Psalm 92:7
कि दुष्ट जो घास की नाईं फूलते- फलते हैं, और सब अनर्थकारी जो प्रफुल्लित होते हैं, यह इसलिये होता है, कि वे सर्वदा के लिये नाश हो जाएं,
Psalm 92:7 in Other Translations
King James Version (KJV)
When the wicked spring as the grass, and when all the workers of iniquity do flourish; it is that they shall be destroyed for ever:
American Standard Version (ASV)
When the wicked spring as the grass, And when all the workers of iniquity do flourish; It is that they shall be destroyed for ever.
Bible in Basic English (BBE)
When the sinners come up like the grass, and all the workers of evil do well for themselves, it is so that their end may be eternal destruction.
Darby English Bible (DBY)
When the wicked spring as the grass, and when all the workers of iniquity flourish, it is that they may be destroyed for ever.
Webster's Bible (WBT)
A brutish man knoweth not; neither doth a fool understand this.
World English Bible (WEB)
Though the wicked spring up as the grass, And all the evil-doers flourish, They will be destroyed forever.
Young's Literal Translation (YLT)
When the wicked flourish as a herb, And blossom do all workers of iniquity -- For their being destroyed for ever and ever!
| When the wicked | בִּפְרֹ֤חַ | biprōaḥ | beef-ROH-ak |
| spring | רְשָׁעִ֨ים׀ | rĕšāʿîm | reh-sha-EEM |
| as | כְּמ֥וֹ | kĕmô | keh-MOH |
| grass, the | עֵ֗שֶׂב | ʿēśeb | A-sev |
| and when all | וַ֭יָּצִיצוּ | wayyāṣîṣû | VA-ya-tsee-tsoo |
| the workers | כָּל | kāl | kahl |
| iniquity of | פֹּ֣עֲלֵי | pōʿălê | POH-uh-lay |
| do flourish; | אָ֑וֶן | ʾāwen | AH-ven |
| destroyed be shall they that is it | לְהִשָּֽׁמְדָ֥ם | lĕhiššāmĕdām | leh-hee-sha-meh-DAHM |
| for ever: | עֲדֵי | ʿădê | uh-DAY |
| עַֽד׃ | ʿad | ad |
Cross Reference
Psalm 73:18
निश्चय तू उन्हें फिसलने वाले स्थानों में रखता है; और गिराकर सत्यानाश कर देता है।
Psalm 37:38
परन्तु अपराधी एक साथ सत्यानाश किए जाएंगे; दुष्टों का अन्तफल सर्वनाश है॥
1 Peter 1:24
क्योंकि हर एक प्राणी घास की नाईं है, और उस की सारी शोभा घास के फूल की नाईं है: घास सूख जाती है, और फूल झड़ जाता है।
Job 12:6
डाकुओं के डेरे कुशल क्षेम से रहते हैं, और जो ईश्वर को क्रोध दिलाते हैं, वह बहुत ही निडर रहते हैं; और उनके हाथ में ईश्वर बहुत देता है।
Psalm 73:12
देखो, ये तो दुष्ट लोग हैं; तौभी सदा सुभागी रहकर, धन सम्पत्ति बटोरते रहते हैं।
Jeremiah 12:1
हे यहोवा, यदि मैं तुझ से मुक़द्दमा लड़ूं, तौभी तू धमीं है; मुझे अपने साथ इस विषय पर वादविवाद करने दे। दुष्टों की चाल क्यों सफल होती है? क्या कारण है कि विश्वासघाती बहुत सुख से रहते हैं?
Malachi 3:15
अब से हम अभिमानी लोगों को धन्य कहते हैं; क्योंकि दुराचारी तो सफल बन गए हैं, वरन वे परमेश्वर की परीक्षा करने पर भी बच गए हैं॥
Malachi 4:1
क्योंकि देखो, वह धधकते भट्ठे का सा दिन आता है, जब सब अभिमानी और सब दुराचारी लोग अनाज की खूंटी बन जाएंगे; और उस आने वाले दिन में वे ऐसे भस्म हो जाएंगे कि उनका पता तक न रहेगा, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
Luke 16:19
एक धनवान मनुष्य था जो बैंजनी कपड़े और मलमल पहिनता और प्रति दिन सुख-विलास और धूम-धाम के साथ रहता था।
Psalm 37:35
मैं ने दुष्ट को बड़ा पराक्रमी और ऐसा फैलता हुए देखा, जैसा कोई हरा पेड़ अपने निज भूमि में फैलता है।
Psalm 37:1
कुकर्मियों के कारण मत कुढ़, कुटिल काम करने वालों के विषय डाह न कर!
Job 21:7
क्या कारण है कि दुष्ट लोग जीवित रहते हैं, वरन बूढ़े भी हो जाते, और उनका धन बढ़ता जाता है?
James 1:10
और धनवान अपनी नीच दशा पर: क्योंकि वह घास के फूल की नाईं जाता रहेगा।
Psalm 90:5
तू मनुष्यों को धारा में बहा देता है; वे स्वप्न से ठहरते हैं, वे भोर को बढ़ने वाली घास के समान होते हैं।
Psalm 94:4
वे बकते और ढ़िठाई की बातें बोलते हैं, सब अनर्थकारी बड़ाई मारते हैं।
Psalm 103:15
मनुष्य की आयु घास के समान होती है, वह मैदान के फूल की नाईं फूलता है,
Proverbs 1:32
क्योंकि भोले लोगों का भटक जाना, उनके घात किए जाने का कारण होगा, और निश्चिन्त रहने के कारण मूढ़ लोग नाश होंगे;
Isaiah 37:27
इसी कारण उनके रहने वालों का बल घट गया और वे विस्मित और लज्जित हुए: वे मैदान के छोटे छोटे पेड़ों और हरी घास और छत पर की घास और ऐसे अनाज के समान हो गए जो बढ़ने से पहिले ही सूख जाता है॥
Isaiah 40:6
बोलने वाले का वचन सुनाई दिया, प्रचार कर! मैं ने कहा, मैं क्या प्रचार करूं? सब प्राणी घास हैं, उनकी शोभा मैदान के फूल के समान है।
1 Samuel 25:36
तब अबीगैल नाबाल के पास लौट गई; और क्या देखती है, कि वह घर में राजा की सी जेवनार कर रहा है। और नाबाल का मन मगन है, और वह नशे में अति चूर हो गया है; इसलिये उसने भोर के उजियाले होने से पहिले उस से कुछ भी न कहा।