Jeremiah 26:2 in Hindi

Hindi Hindi Bible Jeremiah Jeremiah 26 Jeremiah 26:2

Jeremiah 26:2
यहोवा के भवन के आंगन में खड़ा हो कर, यहूदा के सब नगरों के लोगों के साम्हने जो यहोवा के भवन में दण्डवत करने को आएं, ये वचन जिनके विषय उन से कहने की आज्ञा मैं तुझे देता हूँ कह दे; उन में से कोई वचन मत रख छोड़।

Jeremiah 26:1Jeremiah 26Jeremiah 26:3

Jeremiah 26:2 in Other Translations

King James Version (KJV)
Thus saith the LORD; Stand in the court of the LORD's house, and speak unto all the cities of Judah, which come to worship in the LORD's house, all the words that I command thee to speak unto them; diminish not a word:

American Standard Version (ASV)
Thus saith Jehovah: Stand in the court of Jehovah's house, and speak unto all the cities of Judah, which come to worship in Jehovah's house, all the words that I command thee to speak unto them; diminish not a word.

Bible in Basic English (BBE)
This is what the Lord has said: Take your place in the open square of the Lord's house and say to all the towns of Judah, who come into the Lord's house for worship, everything I give you orders to say to them: keep back not a word;

Darby English Bible (DBY)
Thus saith Jehovah: Stand in the court of Jehovah's house, and speak unto all the cities of Judah, which come to worship in Jehovah's house, all the words that I command thee to speak unto them: diminish not a word.

World English Bible (WEB)
Thus says Yahweh: Stand in the court of Yahweh's house, and speak to all the cities of Judah, which come to worship in Yahweh's house, all the words that I command you to speak to them; don't diminish a word.

Young's Literal Translation (YLT)
`Thus said Jehovah, Stand thou in the court of the house of Jehovah, and thou hast spoken unto all `those of' the cities of Judah who are coming in to bow themselves in the house of Jehovah, all the words that I have commanded thee to speak unto them, thou dost not diminish a word.

Thus
כֹּ֣ה׀koh
saith
אָמַ֣רʾāmarah-MAHR
the
Lord;
יְהוָ֗הyĕhwâyeh-VA
Stand
עֲמֹד֮ʿămōduh-MODE
in
the
court
בַּחֲצַ֣רbaḥăṣarba-huh-TSAHR
Lord's
the
of
בֵּיתbêtbate
house,
יְהוָה֒yĕhwāhyeh-VA
and
speak
וְדִבַּרְתָּ֞wĕdibbartāveh-dee-bahr-TA
unto
עַלʿalal
all
כָּלkālkahl
the
cities
עָרֵ֣יʿārêah-RAY
of
Judah,
יְהוּדָ֗הyĕhûdâyeh-hoo-DA
come
which
הַבָּאִים֙habbāʾîmha-ba-EEM
to
worship
לְהִשְׁתַּחֲוֺ֣תlĕhištaḥăwōtleh-heesh-ta-huh-VOTE
in
the
Lord's
בֵּיתbêtbate
house,
יְהוָ֔הyĕhwâyeh-VA
all
אֵ֚תʾētate
the
words
כָּלkālkahl
that
הַדְּבָרִ֔יםhaddĕbārîmha-deh-va-REEM
command
I
אֲשֶׁ֥רʾăšeruh-SHER
thee
to
speak
צִוִּיתִ֖יךָṣiwwîtîkātsee-wee-TEE-ha
unto
לְדַבֵּ֣רlĕdabbērleh-da-BARE
diminish
them;
אֲלֵיהֶ֑םʾălêhemuh-lay-HEM
not
אַלʾalal
a
word:
תִּגְרַ֖עtigraʿteeɡ-RA
דָּבָֽר׃dābārda-VAHR

Cross Reference

Acts 20:27
क्योंकि मैं परमेश्वर की सारी मनसा को तुम्हें पूरी रीति से बनाने से न झिझका।

Jeremiah 19:14
तब यिर्मयाह तोपेत से लौटकर, जहां यहोवा ने उसे भविष्यद्वाणी करने को भेजा था, यहोवा के भवन के आंगन में खड़ा हुआ, और सब लोगों से कहने लगा;

Deuteronomy 4:2
जो आज्ञा मैं तुम को सुनाता हूं उस में न तो कुछ बढ़ाना, और न कुछ घटाना; तुम्हारे परमेश्वर यहोवा की जो जो आज्ञा मैं तुम्हें सुनाता हूं उन्हें तुम मानना।

Matthew 28:20
और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदैव तुम्हारे संग हूं॥

Jeremiah 1:17
इसलिये तू अपनी कमर कस कर उठ; और जो कुछ कहने की मैं तुझे आज्ञा दूं वही उन से कह। तू उनके मुख को देख कर न घबराना, ऐसा न हो कि मैं तुझे उनके साम्हने घबरा दूं।

2 Chronicles 24:20
और परमेश्वर का आत्मा यहोयादा याजक के पुत्र जकर्याह में समा गया, और वह ऊंचे स्थान पर खड़ा हो कर लोगों से कहने लगा, परमेश्वर यों कहता है, कि तुम यहोवा की आज्ञाओं को क्यों टालते हो? ऐसा कर के तुम भाग्यवान नहीं हो सकते, देखो, तुम ने तो यहोवा को त्याग दिया है, इस कारण उसने भी तुम को त्याग दिया।

Jeremiah 7:2
यहोवा के भवन के फाटक में खड़ा हो, और यह वचन प्रचार कर, ओर कह, हे सब यहूदियो, तुम जो यहोवा को दण्डवत करने के लिये इन फाटकों से प्रवेश करते हो, यहोवा का वचन सुनो।

Jeremiah 42:4
सो यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता ने उन से कहा, मैं ने तुम्हारी सुनी है; देखो, मैं तुम्हारे वचनों के अनुसार तुम्हारे परमेश्वर यहोवा से प्रार्थना करूंगा ओर जो उत्तर यहोवा तुम्हारे लिये देगा मैं तुम को बताऊंगा; मैं तुम से कोई बात न छिपाऊंगा।

Ezekiel 3:10
फिर उसने मुझ से कहा, हे मनुष्य के सन्तान, जितने वचन मैं तुझ से कहूँ, वे सब हृदय में रख और कानों से सुन।

Acts 20:20
और जो जो बातें तुम्हारे लाभ की थीं, उन को बताने और लोगों के साम्हने और घर घर सिखाने से कभी न झिझका।

Deuteronomy 12:32
जितनी बातों की मैं तुम को आज्ञा देता हूं उन को चौकस हो कर माना करना; और न तो कुछ उन में बढ़ाना और न उन में से कुछ घटाना॥

Revelation 22:19
और यदि कोई इस भविष्यद्वाणी की पुस्तक की बातों में से कुछ निकाल डाले, तो परमेश्वर उस जीवन के पेड़ और पवित्र नगर में से जिस की चर्चा इस पुस्तक में है, उसका भाग निकाल देगा॥

Acts 5:42
और प्रति दिन मन्दिर में और घर घर में उपदेश करने, और इस बात का सुसमाचार सुनाने से, कि यीशु ही मसीह है न रूके॥

Jeremiah 23:28
यदि किसी भविष्यद्वक्ता ने स्वप्न देखा हो, तो वह उसे बताए, परन्तु जिस किसी ने मेरा वचन सुना हो तो वह मेरा वचन सच्चाई से सुनाए। यहोवा की यह वाणी है, कहां भूसा और कहां गेहूं?

Jeremiah 36:10
तब बारूक ने यहोवा के भवन में सब लोगों को शापान के पुत्र गमर्याह जो प्रधान था, उसकी कोठरी में जो ऊपर के आंगन में यहोवा के भवन के नये फाटक के पास थी, यिर्मयाह के सब वचन पुस्तक में से पढ़ सुनाए।

Ezekiel 3:17
हे मनुष्य के सन्तान मैं ने तुझे इस्राएल के घराने के लिये पहरुआ नियुक्त किया है; तू मेरे मुंह की बात सुन कर, उन्हें मेरी ओर से चिताना।

Luke 19:47
और वह प्रति दिन मन्दिर में उपदेश करता था: और महायाजक और शास्त्री और लोगों के रईस उसे नाश करने का अवसर ढूंढ़ते थे।

Luke 21:37
और वह दिन को मन्दिर में उपदेश करता था; और रात को बाहर जाकर जैतून नाम पहाड़ पर रहा करता था।

John 8:2
और भोर को फिर मन्दिर में आया, और सब लोग उसके पास आए; और वह बैठकर उन्हें उपदेश देने लगा।

John 18:20
यीशु ने उस को उत्तर दिया, कि मैं ने जगत से खोलकर बातें की; मैं ने सभाओं और आराधनालय में जहां सब यहूदी इकट्ठे हुआ करते हैं सदा उपदेश किया और गुप्त में कुछ भी नहीं कहा।

Acts 5:20
कि जाओ, मन्दिर में खड़े होकर, इस जीवन की सब बातें लोगों को सुनाओ।

Acts 5:25
इतने में किसी ने आकर उन्हें बताया, कि देखो, जिन्हें तुम ने बन्दीगृह में बन्द रखा था, वे मनुष्य मन्दिर में खड़े हुए लोगों को उपदेश दे रहे हैं।

Isaiah 58:1
गला खोल कर पुकार, कुछ न रख छोड़, नरसिंगे का सा ऊंचा शब्द कर; मेरी प्रजा को उसका अपराध अर्थात याकूब के घराने को उसका पाप जता दे।