Isaiah 5:25
इस कारण यहोवा का क्रोध अपनी प्रजा पर भड़का है, और उसने उनके विरुद्ध हाथ बढ़ा कर उन को मारा है, और पहाड़ कांप उठे; और लोगों की लोथें सड़कों के बीच कूड़ा सी पड़ी हैं। इतने पर भी उसका क्रोध शान्त नहीं हुआ और उसका हाथ अब तक बढ़ा हुआ है॥
Therefore | עַל | ʿal | al |
כֵּ֡ן | kēn | kane | |
is the anger | חָרָה֩ | ḥārāh | ha-RA |
Lord the of | אַף | ʾap | af |
kindled | יְהוָ֨ה | yĕhwâ | yeh-VA |
against his people, | בְּעַמּ֜וֹ | bĕʿammô | beh-AH-moh |
forth stretched hath he and | וַיֵּ֣ט | wayyēṭ | va-YATE |
his hand | יָד֧וֹ | yādô | ya-DOH |
against | עָלָ֣יו | ʿālāyw | ah-LAV |
smitten hath and them, | וַיַּכֵּ֗הוּ | wayyakkēhû | va-ya-KAY-hoo |
them: and the hills | וַֽיִּרְגְּזוּ֙ | wayyirgĕzû | va-yeer-ɡeh-ZOO |
tremble, did | הֶֽהָרִ֔ים | hehārîm | heh-ha-REEM |
and their carcases | וַתְּהִ֧י | wattĕhî | va-teh-HEE |
were torn | נִבְלָתָ֛ם | niblātām | neev-la-TAHM |
כַּסּוּחָ֖ה | kassûḥâ | ka-soo-HA | |
midst the in | בְּקֶ֣רֶב | bĕqereb | beh-KEH-rev |
of the streets. | חוּצ֑וֹת | ḥûṣôt | hoo-TSOTE |
all For | בְּכָל | bĕkāl | beh-HAHL |
this | זֹאת֙ | zōt | zote |
his anger | לֹא | lōʾ | loh |
is not | שָׁ֣ב | šāb | shahv |
away, turned | אַפּ֔וֹ | ʾappô | AH-poh |
but his hand | וְע֖וֹד | wĕʿôd | veh-ODE |
is stretched out | יָד֥וֹ | yādô | ya-DOH |
still. | נְטוּיָֽה׃ | nĕṭûyâ | neh-too-YA |