नीतिवचन 17:9
जो दूसरे के अपराध को ढांप देता, वह प्रेम का खोजी ठहरता है, परन्तु जो बात की चर्चा बार बार करता है, वह परम मित्रों में भी फूट करा देता है।
He that covereth | מְֽכַסֶּה | mĕkasse | MEH-ha-seh |
a transgression | פֶּ֭שַׁע | pešaʿ | PEH-sha |
seeketh | מְבַקֵּ֣שׁ | mĕbaqqēš | meh-va-KAYSH |
love; | אַהֲבָ֑ה | ʾahăbâ | ah-huh-VA |
repeateth that he but | וְשֹׁנֶ֥ה | wĕšōne | veh-shoh-NEH |
a matter | בְ֝דָבָ֗ר | bĕdābār | VEH-da-VAHR |
separateth | מַפְרִ֥יד | maprîd | mahf-REED |
very friends. | אַלּֽוּף׃ | ʾallûp | ah-loof |