विलापगीत 1:1
जो नगरी लोगों से भरपूर थी वह अब कैसी अकेली बैठी हुई है! वह क्यों एक विधवा के समान बन गई? वह जो जातियों की दृष्टि में महान और प्रान्तों में रानी थी, अब क्यों कर देने वाली हो गई है।
How | אֵיכָ֣ה׀ | ʾêkâ | ay-HA |
doth the city | יָשְׁבָ֣ה | yošbâ | yohsh-VA |
sit | בָדָ֗ד | bādād | va-DAHD |
solitary, | הָעִיר֙ | hāʿîr | ha-EER |
full was that | רַבָּ֣תִי | rabbātî | ra-BA-tee |
of people! | עָ֔ם | ʿām | am |
how is she become | הָיְתָ֖ה | hāytâ | hai-TA |
widow! a as | כְּאַלְמָנָ֑ה | kĕʾalmānâ | keh-al-ma-NA |
she that was great | רַבָּ֣תִי | rabbātî | ra-BA-tee |
among the nations, | בַגּוֹיִ֗ם | baggôyim | va-ɡoh-YEEM |
princess and | שָׂרָ֙תִי֙ | śārātiy | sa-RA-TEE |
among the provinces, | בַּמְּדִינ֔וֹת | bammĕdînôt | ba-meh-dee-NOTE |
how is she become | הָיְתָ֖ה | hāytâ | hai-TA |
tributary! | לָמַֽס׃ | lāmas | la-MAHS |