Zechariah 8:19 in Hindi

Hindi Hindi Bible Zechariah Zechariah 8 Zechariah 8:19

Zechariah 8:19
सेनाओं का यहोवा यों कहता है: चौथे, पांचवें, सातवें और दसवें महीने में जो जो उपवास के दिन होते हैं, वे यहूदा के घराने के लिये हर्ष और आनन्द और उत्सव के पर्वों के दिन हो जाएगें; इसलिये अब तुम सच्चाई और मेल-मिलाप से प्रीति रखो॥

Zechariah 8:18Zechariah 8Zechariah 8:20

Zechariah 8:19 in Other Translations

King James Version (KJV)
Thus saith the LORD of hosts; The fast of the fourth month, and the fast of the fifth, and the fast of the seventh, and the fast of the tenth, shall be to the house of Judah joy and gladness, and cheerful feasts; therefore love the truth and peace.

American Standard Version (ASV)
Thus saith Jehovah of hosts: The fast of the fourth `month', and the fast of the fifth, and the fast of the seventh, and the fast of the tenth, shall be to the house of Judah joy and gladness, and cheerful feasts; therefore love truth and peace.

Bible in Basic English (BBE)
This is what the Lord of armies has said: The times of going without food in the fourth month and in the fifth and the seventh and the tenth months, will be for the people of Judah times of joy and happy meetings; so be lovers of good faith and of peace.

Darby English Bible (DBY)
Thus saith Jehovah of hosts: The fast of the fourth [month] and the fast of the fifth, and the fast of the seventh, and the fast of the tenth, shall be to the house of Judah joy and gladness, and cheerful gatherings. Love ye then truth and peace.

World English Bible (WEB)
Thus says Yahweh of Hosts: "The fasts of the fourth fifth, seventh, and tenth months shall be for the house of Judah joy and gladness, and cheerful feasts. Therefore love truth and peace."

Young's Literal Translation (YLT)
`Thus said Jehovah of Hosts: The fast of the fourth, and the fast of the fifth, and the fast of the seventh, and the fast of the tenth `months', are to the house of Judah for joy and for rejoicing, and for pleasant appointed seasons, and the truth and the peace they have loved.

Thus
כֹּֽהkoh
saith
אָמַ֞רʾāmarah-MAHR
the
Lord
יְהוָ֣הyĕhwâyeh-VA
of
hosts;
צְבָא֗וֹתṣĕbāʾôttseh-va-OTE
fast
The
צ֣וֹםṣômtsome
of
the
fourth
הָרְבִיעִ֡יhorbîʿîhore-vee-EE
fast
the
and
month,
וְצ֣וֹםwĕṣômveh-TSOME
of
the
fifth,
הַחֲמִישִׁי֩haḥămîšiyha-huh-mee-SHEE
fast
the
and
וְצ֨וֹםwĕṣômveh-TSOME
of
the
seventh,
הַשְּׁבִיעִ֜יhaššĕbîʿîha-sheh-vee-EE
fast
the
and
וְצ֣וֹםwĕṣômveh-TSOME
of
the
tenth,
הָעֲשִׂירִ֗יhāʿăśîrîha-uh-see-REE
be
shall
יִהְיֶ֤הyihyeyee-YEH
to
the
house
לְבֵיתlĕbêtleh-VATE
of
Judah
יְהוּדָה֙yĕhûdāhyeh-hoo-DA
joy
לְשָׂשׂ֣וֹןlĕśāśônleh-sa-SONE
and
gladness,
וּלְשִׂמְחָ֔הûlĕśimḥâoo-leh-seem-HA
and
cheerful
וּֽלְמֹעֲדִ֖יםûlĕmōʿădîmoo-leh-moh-uh-DEEM
feasts;
טוֹבִ֑יםṭôbîmtoh-VEEM
love
therefore
וְהָאֱמֶ֥תwĕhāʾĕmetveh-ha-ay-MET
the
truth
וְהַשָּׁל֖וֹםwĕhaššālômveh-ha-sha-LOME
and
peace.
אֱהָֽבוּ׃ʾĕhābûay-ha-VOO

Cross Reference

Zechariah 8:16
जो जो काम तुम्हें करना चाहिये, वे ये हैं : एक दूसरे के साथ सत्य बोला करना, अपनी कचहरियों में सच्चाई का और मेल-मिलाप की नीति का न्याय करना,

Zechariah 7:5
सब साधारण लोगों से और याजकों से कह, कि जब तुम इन सत्तर वर्षों के बीच पांचवें और सातवें महीनों में उपवास और विलाप करते थे, तब क्या तुम सचमुच मेरे ही लिये उपवास करते थे?

Jeremiah 39:2
और सिदकिय्याह के राज्य के ग्यारहवें वर्ष के चौथे महीने के नौवें दिन को उस नगर की शहरपनाह तोड़ी गई।

2 Kings 25:25
परन्तु सातवें महीने में नतन्याह का पुत्र इश्माएल, जो एलीशामा का पोता और राजवंश का था, उसने दस जन संग ले गदल्याह के पास जा कर उसे ऐसा मारा कि वह मर गया, और जो यहूदी और कसदी उसके संग मिस्पा में रहते थे, उन को भी मार डाला।

Psalm 30:11
तू ने मेरे लिये विलाप को नृत्य में बदल डाला, तू ने मेरा टाट उतरवाकर मेरी कमर में आनन्द का पटुका बान्धा है;

Jeremiah 52:4
और उसके राजय के नौवें वर्ष के दसवें महीने के दसवें दिन को बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर ने अपनी सारी सेना ले कर यरूशलेम पर चढ़ाई की, और उसने उसके पास छावनी कर के उसके चारों ओर क़िला बनाया।

Zechariah 7:3
और सेनाओं के यहोवा के भवन के याजकों से और भविष्यद्वक्ताओं से भी यह पूछें, क्या हमें उपवास कर के रोना चाहिये जैसे कि कितने वर्षों से हम पांचवें महीने में करते आए हैं?

Luke 1:74
कि वह हमें यह देगा, कि हम अपने शत्रुओं के हाथ से छुटकर।

Isaiah 35:10
और यहोवा के छुड़ाए हुए लोग लौटकर जयजयकार करते हुए सिय्योन में आएंगे; और उनके सिर पर सदा का आनन्द होगा; वे हर्ष और आनन्द पाएंगे और शोक और लम्बी सांस का लेना जाता रहेगा॥

Isaiah 12:1
उस दिन तू कहेगा, हे यहोवा, मैं तेरा धन्यवाद करता हूं, क्योंकि यद्यिप तू मुझ पर क्रोधित हुआ था, परन्तु अब तेरा क्रोध शान्त हुआ, और तू ने मुझे शान्ति दी है॥

Esther 9:22
जिन में यहूदियों ने अपने शत्रुओं से विश्राम पाया, और यह महीना जिस में शोक आनन्द से, और विलाप खुशी से बदला गया; (माना करें) और उन को जेवनार और आनन्द और एक दूसरे के पास बैना भेजने ओर कंगालों को दान देने के दिन मानें।

2 Kings 25:3
चौथे महीने के नौवें दिन से नगर में महंगी यहां तक बढ़ गई, कि देश के लोगों के लिये कुछ खाने को न रहा।

Isaiah 51:11
सो यहोवा के छुड़ाए हुए लोग लौटकर जयजयकार करते हुए सिय्योन में आएंगे, और उनके सिरों पर अनन्त आनन्द गूंजता रहेगा; वे हर्ष और आनन्द प्राप्त करेंगे, और शोक और सिसकियों का अन्त हो जाएगा॥

Jeremiah 31:12
इसलिये वे सिय्योन की चोटी पर आकर जयजयकार करेंगे, और यहोवा से अनाज, नया दाखमधु, टटका तेल, भेड़-बकरियां और गाय-बैलों के बच्चे आदि उत्तम उत्तम दान पाने के लिये तांता बान्ध कर चलेंगे; और उनका प्राण सींची हुई बारी के समान होगा, और वे फिर कभी उदास न होंगे।

Jeremiah 41:1
और सातवें महीने में ऐसा हुआ कि इश्माएल जो नतन्याह का पुत्र और एलीशामा का पोता और राजवंश का और राजा के प्रधान पुरुषों में से था, सो दस जन संग ले कर मिस्पा में अहीकाम के पुत्र गदल्याह के पास आया। वहां मिस्पा में उन्होंने एक संग भोजन किया।

Jeremiah 52:6
चौथे महीने के नौवें दिन से नगर में महंगी यहां तक बढ़ गई, कि लोगों के लिये कुछ रोटी न रही।

Jeremiah 52:12
फिर उसी वर्ष अर्थात बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर के राज्य के उन्नीसवें वर्ष के पांचवें महीने के दसवें दिन को जल्लादों का प्रधान नबूजरदान जो बाबुल के राजा के सम्मुख खड़ा रहता था यरूशलेम में आया।

Titus 2:11
क्योंकि परमेश्वर का अनुग्रह प्रगट है, जो सब मनुष्यों के उद्धार का कारण है।

Revelation 22:15
पर कुत्ते, और टोन्हें, और व्यभिचारी, और हत्यारे और मूर्तिपूजक, और हर एक झूठ का चाहने वाला, और गढ़ने वाला बाहर रहेगा॥

Esther 8:17
और जिस जिस प्रान्त, और जिस जिस नगर में, जहां कहीं राजा की आज्ञा और नियम पहुंचे, वहां वहां यहूदियों को आनन्द और हर्ष हुआ, और उन्होंने जेवनार कर के उस दिन को खुशी का दिन माना। और उस देश के लोगों में से बहुत लोग यहूदी बन गए, क्योंकि उनके मन में यहूदियों का डर समा गया था।