2 Chronicles 32:17
फिर उसने ऐसा एक पत्र भेजा, जिस में इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की निन्दा की थे बातें लिखी थीं, कि जैसे देश देश की जातियों के देवताओं ने अपनी अपनी प्रजा को मेरे हाथ से नहीं बचाया वैसे ही हिजकिय्याह का देवता भी अपनी प्रजा को मेरे हाथ से नहीं बचा सकेगा।
He wrote | וּסְפָרִ֣ים | ûsĕpārîm | oo-seh-fa-REEM |
also letters | כָּתַ֔ב | kātab | ka-TAHV |
to rail | לְחָרֵ֕ף | lĕḥārēp | leh-ha-RAFE |
Lord the on | לַֽיהוָ֖ה | layhwâ | lai-VA |
God | אֱלֹהֵ֣י | ʾĕlōhê | ay-loh-HAY |
of Israel, | יִשְׂרָאֵ֑ל | yiśrāʾēl | yees-ra-ALE |
speak to and | וְלֵֽאמֹ֨ר | wĕlēʾmōr | veh-lay-MORE |
against | עָלָ֜יו | ʿālāyw | ah-LAV |
him, saying, | לֵאמֹ֗ר | lēʾmōr | lay-MORE |
gods the As | כֵּֽאלֹהֵ֞י | kēʾlōhê | kay-loh-HAY |
of the nations | גּוֹיֵ֤י | gôyê | ɡoh-YAY |
lands other of | הָֽאֲרָצוֹת֙ | hāʾărāṣôt | ha-uh-ra-TSOTE |
have not | אֲשֶׁ֨ר | ʾăšer | uh-SHER |
delivered | לֹֽא | lōʾ | loh |
their people | הִצִּ֤ילוּ | hiṣṣîlû | hee-TSEE-loo |
hand, mine of out | עַמָּם֙ | ʿammām | ah-MAHM |
so | מִיָּדִ֔י | miyyādî | mee-ya-DEE |
not shall | כֵּ֣ן | kēn | kane |
the God | לֹֽא | lōʾ | loh |
of Hezekiah | יַצִּ֞יל | yaṣṣîl | ya-TSEEL |
deliver | אֱלֹהֵ֧י | ʾĕlōhê | ay-loh-HAY |
people his | יְחִזְקִיָּ֛הוּ | yĕḥizqiyyāhû | yeh-heez-kee-YA-hoo |
out of mine hand. | עַמּ֖וֹ | ʿammô | AH-moh |
מִיָּדִֽי׃ | miyyādî | mee-ya-DEE |