ਹਿਜ਼ ਕੀ ਐਲ 34:6
ਮੇਰਾ ਇੱਜੜ ਸਾਰੇ ਪਰਬਤਾਂ ਅਤੇ ਹਰ ਉੱਚੀ ਪਹਾੜੀ ਉੱਤੇ ਭਟਕਿਆ। ਮੇਰਾ ਇੱਜੜ ਧਰਤੀ ਤੇ ਹਰ ਪਾਸੇ ਖਿੰਡ ਗਿਆ। ਓੱਥੇ ਕੋਈ ਵੀ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇਖਣ ਵਾਲਾ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਲੱਭਣ ਵਾਲਾ ਨਹੀਂ ਸੀ।’”
My sheep | יִשְׁגּ֤וּ | yišgû | yeesh-ɡOO |
wandered | צֹאנִי֙ | ṣōʾniy | tsoh-NEE |
through all | בְּכָל | bĕkāl | beh-HAHL |
the mountains, | הֶ֣הָרִ֔ים | hehārîm | HEH-ha-REEM |
upon and | וְעַ֖ל | wĕʿal | veh-AL |
every | כָּל | kāl | kahl |
high | גִּבְעָ֣ה | gibʿâ | ɡeev-AH |
hill: | רָמָ֑ה | rāmâ | ra-MA |
yea, my flock | וְעַ֨ל | wĕʿal | veh-AL |
scattered was | כָּל | kāl | kahl |
upon | פְּנֵ֤י | pĕnê | peh-NAY |
all | הָאָ֙רֶץ֙ | hāʾāreṣ | ha-AH-RETS |
the face | נָפֹ֣צוּ | nāpōṣû | na-FOH-tsoo |
of the earth, | צֹאנִ֔י | ṣōʾnî | tsoh-NEE |
none and | וְאֵ֥ין | wĕʾên | veh-ANE |
did search | דּוֹרֵ֖שׁ | dôrēš | doh-RAYSH |
or seek | וְאֵ֥ין | wĕʾên | veh-ANE |
after them. | מְבַקֵּֽשׁ׃ | mĕbaqqēš | meh-va-KAYSH |