ਹਿਜ਼ ਕੀ ਐਲ 3:6
ਮੈਂ ਤੈਨੂੰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਦੇਸਾਂ ਵੱਲ ਨਹੀਂ ਭੇਜ ਰਿਹਾ ਜਿੱਥੇ ਲੋਕ ਅਜਿਹੀ ਭਾਸ਼ਾ ਬੋਲਦੇ ਨੇ ਜਿਸ ਨੂੰ ਤੂੰ ਸਮਝ ਨਹੀਂ ਸੱਕਦਾ। ਜੇ ਤੂੰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਲੋਕਾਂ ਕੋਲ ਜਾ ਕੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਗੱਲ ਕੀਤੀ ਤਾਂ ਉਹ ਤੇਰੀ ਆਖੀ ਹੋਈ ਗੱਲ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਸੁਣਨਗੇ।
Not | לֹ֣א׀ | lōʾ | loh |
to | אֶל | ʾel | el |
many | עַמִּ֣ים | ʿammîm | ah-MEEM |
people | רַבִּ֗ים | rabbîm | ra-BEEM |
strange a of | עִמְקֵ֤י | ʿimqê | eem-KAY |
speech | שָׂפָה֙ | śāpāh | sa-FA |
hard an of and | וְכִבְדֵ֣י | wĕkibdê | veh-heev-DAY |
language, | לָשׁ֔וֹן | lāšôn | la-SHONE |
whose | אֲשֶׁ֥ר | ʾăšer | uh-SHER |
words | לֹֽא | lōʾ | loh |
not canst thou | תִשְׁמַ֖ע | tišmaʿ | teesh-MA |
understand. | דִּבְרֵיהֶ֑ם | dibrêhem | deev-ray-HEM |
Surely, | אִם | ʾim | eem |
לֹ֤א | lōʾ | loh | |
had I sent | אֲלֵיהֶם֙ | ʾălêhem | uh-lay-HEM |
to thee | שְׁלַחְתִּ֔יךָ | šĕlaḥtîkā | sheh-lahk-TEE-ha |
them, they | הֵ֖מָּה | hēmmâ | HAY-ma |
would have hearkened | יִשְׁמְע֥וּ | yišmĕʿû | yeesh-meh-OO |
unto | אֵלֶֽיךָ׃ | ʾēlêkā | ay-LAY-ha |