੧ ਸਮੋਈਲ 27:1
ਦਾਊਦ ਦਾ ਫ਼ਲਿਸਤੀਆਂ ਨਾਲ ਰਹਿਣਾ ਪਰ ਦਾਊਦ ਨੇ ਆਪਣੇ ਮਨ ਵਿੱਚ ਸੋਚਿਆ, “ਸ਼ਾਊਲ ਮੈਨੂੰ ਕਿਸੇ ਦਿਨ ਫ਼ੜੇਗਾ ਜ਼ਰੂਰ। ਸਭ ਤੋਂ ਚੰਗਾ ਤਾਂ ਇਹੀ ਹੋਵੇਗਾ ਜੇ ਮੈਂ ਫ਼ਲਿਸਤੀ ਦੀ ਧਰਤੀ ਉੱਤੇ ਹੀ ਬਚਕੇ ਨਿਕਲ ਜਾਵਾਂ। ਤਦ ਸ਼ਾਊਲ ਇਸਰਾਏਲ ਵਿੱਚ ਮੇਰੀ ਭਾਲ ਛੱਡ ਦੇਵੇਗਾ। ਇਉਂ ਮੈਂ ਸ਼ਾਊਲ ਦੇ ਹੱਥੋਂ ਬੱਚ ਜਾਵਾਂਗਾ।”
And David | וַיֹּ֤אמֶר | wayyōʾmer | va-YOH-mer |
said | דָּוִד֙ | dāwid | da-VEED |
in | אֶל | ʾel | el |
his heart, | לִבּ֔וֹ | libbô | LEE-boh |
now shall I | עַתָּ֛ה | ʿattâ | ah-TA |
perish | אֶסָּפֶ֥ה | ʾessāpe | eh-sa-FEH |
one | יוֹם | yôm | yome |
day | אֶחָ֖ד | ʾeḥād | eh-HAHD |
hand the by | בְּיַד | bĕyad | beh-YAHD |
of Saul: | שָׁא֑וּל | šāʾûl | sha-OOL |
there is nothing | אֵֽין | ʾên | ane |
better | לִ֨י | lî | lee |
that than me for | ט֜וֹב | ṭôb | tove |
I should speedily | כִּ֣י | kî | kee |
escape | הִמָּלֵ֥ט | himmālēṭ | hee-ma-LATE |
into | אִמָּלֵ֣ט׀ | ʾimmālēṭ | ee-ma-LATE |
the land | אֶל | ʾel | el |
of the Philistines; | אֶ֣רֶץ | ʾereṣ | EH-rets |
and Saul | פְּלִשְׁתִּ֗ים | pĕlištîm | peh-leesh-TEEM |
despair shall | וְנוֹאַ֨שׁ | wĕnôʾaš | veh-noh-ASH |
of | מִמֶּ֤נִּי | mimmennî | mee-MEH-nee |
me, to seek | שָׁאוּל֙ | šāʾûl | sha-OOL |
more any me | לְבַקְשֵׁ֤נִי | lĕbaqšēnî | leh-vahk-SHAY-nee |
in any | עוֹד֙ | ʿôd | ode |
coast | בְּכָל | bĕkāl | beh-HAHL |
of Israel: | גְּב֣וּל | gĕbûl | ɡeh-VOOL |
escape I shall so | יִשְׂרָאֵ֔ל | yiśrāʾēl | yees-ra-ALE |
out of his hand. | וְנִמְלַטְתִּ֖י | wĕnimlaṭtî | veh-neem-laht-TEE |
מִיָּדֽוֹ׃ | miyyādô | mee-ya-DOH |