उत्पत्ति 3:1
परमप्रभु परमेश्वरले सृष्टि गर्नु भएको सबै जन्तुहरु मध्ये सर्प अत्यन्त धूर्त थियो। सर्पले उसलाई सोध्यो, “ए नारी! के परमेश्वरले बगैंचामा कुनै पनि रुखबाट फल खानु हुँदैन भनी मनाही गर्नु भएको छ?”
Now the serpent | וְהַנָּחָשׁ֙ | wĕhannāḥāš | veh-ha-na-HAHSH |
was | הָיָ֣ה | hāyâ | ha-YA |
subtil more | עָר֔וּם | ʿārûm | ah-ROOM |
than any | מִכֹּל֙ | mikkōl | mee-KOLE |
beast | חַיַּ֣ת | ḥayyat | ha-YAHT |
field the of | הַשָּׂדֶ֔ה | haśśāde | ha-sa-DEH |
which | אֲשֶׁ֥ר | ʾăšer | uh-SHER |
the Lord | עָשָׂ֖ה | ʿāśâ | ah-SA |
God | יְהוָ֣ה | yĕhwâ | yeh-VA |
had made. | אֱלֹהִ֑ים | ʾĕlōhîm | ay-loh-HEEM |
said he And | וַיֹּ֙אמֶר֙ | wayyōʾmer | va-YOH-MER |
unto | אֶל | ʾel | el |
the woman, | הָ֣אִשָּׁ֔ה | hāʾiššâ | HA-ee-SHA |
Yea, | אַ֚ף | ʾap | af |
כִּֽי | kî | kee | |
hath God | אָמַ֣ר | ʾāmar | ah-MAHR |
said, | אֱלֹהִ֔ים | ʾĕlōhîm | ay-loh-HEEM |
not shall Ye | לֹ֣א | lōʾ | loh |
eat | תֹֽאכְל֔וּ | tōʾkĕlû | toh-heh-LOO |
of every | מִכֹּ֖ל | mikkōl | mee-KOLE |
tree | עֵ֥ץ | ʿēṣ | ayts |
of the garden? | הַגָּֽן׃ | haggān | ha-ɡAHN |