Zechariah 8:12 in Hindi

Hindi Hindi Bible Zechariah Zechariah 8 Zechariah 8:12

Zechariah 8:12
क्योंकि अब शान्ति के समय की उपज अर्थात दाखलता फला करेंगी, पृथ्वी अपनी उपज उपजाया करेगी, और आकाश से ओस गिरा करेगी; क्योंकि मैं अपनी इस प्रजा के बचे हुओं को इन सब का अधिकारी कर दूंगा।

Zechariah 8:11Zechariah 8Zechariah 8:13

Zechariah 8:12 in Other Translations

King James Version (KJV)
For the seed shall be prosperous; the vine shall give her fruit, and the ground shall give her increase, and the heavens shall give their dew; and I will cause the remnant of this people to possess all these things.

American Standard Version (ASV)
For `there shall be' the seed of peace; the vine shall give its fruit, and the ground shall give its increase, and the heavens shall give their dew; and I will cause the remnant of this people to inherit all these things.

Bible in Basic English (BBE)
For I will let the seed of peace be planted; the vine will give her fruit and the land will give her increase and the heavens will give their dew; and I will give to the rest of this people all these things for their heritage.

Darby English Bible (DBY)
for the seed shall be prosperous, the vine shall give its fruit, and the ground shall give its produce, and the heavens shall give their dew; and I will cause the remnant of this people to possess all these [things].

World English Bible (WEB)
"For the seed of peace and the vine will yield its fruit, and the ground will give its increase, and the heavens will give their dew; and I will cause the remnant of this people to inherit all these things.

Young's Literal Translation (YLT)
Because of the sowing of peace, The vine doth give her fruit, And the earth doth give her increase, And the heavens do give their dew, And I have caused the remnant of this people To inherit all these.

For
כִּֽיkee
the
seed
זֶ֣רַעzeraʿZEH-ra
prosperous;
be
shall
הַשָּׁל֗וֹםhaššālômha-sha-LOME
the
vine
הַגֶּ֜פֶןhaggepenha-ɡEH-fen
shall
give
תִּתֵּ֤ןtittēntee-TANE
fruit,
her
פִּרְיָהּ֙piryāhpeer-YA
and
the
ground
וְהָאָ֙רֶץ֙wĕhāʾāreṣveh-ha-AH-RETS
give
shall
תִּתֵּ֣ןtittēntee-TANE

אֶתʾetet
her
increase,
יְבוּלָ֔הּyĕbûlāhyeh-voo-LA
heavens
the
and
וְהַשָּׁמַ֖יִםwĕhaššāmayimveh-ha-sha-MA-yeem
shall
give
יִתְּנ֣וּyittĕnûyee-teh-NOO
their
dew;
טַלָּ֑םṭallāmta-LAHM

cause
will
I
and
וְהִנְחַלְתִּ֗יwĕhinḥaltîveh-heen-hahl-TEE
remnant
the
אֶתʾetet
of
this
שְׁאֵרִ֛יתšĕʾērîtsheh-ay-REET
people
הָעָ֥םhāʿāmha-AM
possess
to
הַזֶּ֖הhazzeha-ZEH

אֶתʾetet
all
כָּלkālkahl
these
אֵֽלֶּה׃ʾēlleA-leh

Cross Reference

व्यवस्थाविवरण 33:13
फिर यूसुफ के विषय में उसने कहा; इसका देश यहोवा से आशीष पाए अर्थात आकाश के अनमोल पदार्थ और ओस, और वह गहिरा जल जो नीचे है,

लैव्यवस्था 26:4
तो मैं तुम्हारे लिये समय समय पर मेंह बरसाऊंगा, तथा भूमि अपनी उपज उपजाएगी, और मैदान के वृक्ष अपने अपने फल दिया करेंगे;

उत्पत्ति 27:28
सो परमेश्वर तुझे आकाश से ओस, और भूमि की उत्तम से उत्तम उपज, और बहुत सा अनाज और नया दाखमधु दे:

यशायाह 30:23
और वह तुम्हारे लिये जल बरसाएगा कि तुम खेत में बीज बो सको, और भूमि की उपज भी उत्तम और बहुतायत से होगी। उस समय तुम्हारे जानवरों को लम्बी-चौड़ी चराई मिलेगी।

यशायाह 61:7
तुम्हारी नामधराई की सन्ती दूना भाग मिलेगा, अनादर की सन्ती तुम अपने भाग के कारण जयजयकार करोगे; तुम अपने देश में दूने भाग के अधिकारी होगे; और सदा आनन्दित बने रहोगे॥

यहेजकेल 34:26
और मैं उन्हें और अपनी पहाड़ी के आस पास के स्थानों को आशीष का कारण बना दूंगा; और मेंह को मैं ठीक समय में बरसाया करूंगा; और वे आशीषों की वर्षा होंगी।

यहेजकेल 36:30
मैं वृक्षों के फल और खेत की उपज बढ़ाऊंगा, कि जातियों में अकाल के कारण फिर तुम्हारी नामधराई न होगी।

होशे 14:5
मैं इस्राएल के लिये ओस के समान हूंगा; वह सोसन की नाईं फूले-फलेगा, और लबानोन की नाईं जड़ फैलाएगा।

योएल 2:22
हे मैदान के पशुओं, मत डरो, क्योंकि जंगल में चराई उगेगी, और वृक्ष फलने लगेंगे; अंजीर का वृक्ष और दाखलता अपना अपना बल दिखाने लगेंगी।

आमोस 9:13
यहोवा की यह भी वाणी है, देखो, ऐसे दिन आते हैं, कि हल जोतने वाला लवने वाले को और दाख रौंदने वाला बीच बोने वाले को जा लेगा; और पहाड़ों से नया दाखमधु टपकने लगेगा, और सब पहाडिय़ों से बह निकलेगा।

हाग्गै 1:10
इस कारण आकाश से ओस गिरना और पृथ्वी से अन्न उपजना दोनों बन्द हैं।

हाग्गै 2:19
क्या अब तक बीच खत्ते में है? अब तक दाखलता और अंजीर और अनार और जलपाई के वृक्ष नहीं फले, परन्तु आज के दिन से मैं तुम को आशीष देता रहूंगा॥

मत्ती 6:33
इसलिये पहिले तुम उसे राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी।

भजन संहिता 67:6
भूमि ने अपनी उपज दी है, परमेश्वर जो हमारा परमेश्वर है, उसने हमें आशीष दी है।

व्यवस्थाविवरण 28:4
धन्य हो तेरी सन्तान, और तेरी भूमि की उपज, और गाय और भेड़-बकरी आदि पशुओं के बच्चे।

उत्पत्ति 26:12
फिर इसहाक ने उस देश में जोता बोया, और उसी वर्ष में सौ गुणा फल पाया: और यहोवा ने उसको आशीष दी।

व्यवस्थाविवरण 33:28
और इस्राएल निडर बसा रहता है, अन्न और नये दाखमधु के देश में याकूब का सोता अकेला ही रहता है; और उसके ऊपर के आकाश से ओस पड़ा करती है॥

1 राजा 17:1
और तिशबी एलिय्याह जो गिलाद के परदेसियों में से था उसने अहाब से कहा, इस्राएल का परमेश्वर यहोवा जिसके सम्मुख मैं उपस्थित रहता हूँ, उसके जीवन की शपथ इन वर्षों में मेरे बिना कहे, न तो मेंह बरसेगा, और न ओस पड़ेगी।

भजन संहिता 72:3
पहाडों और पहाड़ियों से प्रजा के लिये, धर्म के द्वारा शान्ति मिला करेगी

नीतिवचन 3:9
अपनी संपत्ति के द्वारा और अपनी भूमि की पहिली उपज दे देकर यहोवा की प्रतिष्ठा करना;

नीतिवचन 19:12
राजा का क्रोध सिंह की गरजन के समान है, परन्तु उसकी प्रसन्नता घास पर की ओस के तुल्य होती है।

यहेजकेल 36:12
और मैं ऐसा करूंगा कि मनुष्य अर्थात मेरी प्रजा इस्राएल तुम पर चले-फिरेगी; और वे तुम्हारे स्वामी होंगे, और तुम उनका निज भाग होंगे, और वे फिर तुम्हारे कारण निर्वंश न हो जाएंगे।

होशे 2:21
और यहोवा की यह वाणी है कि उस समय मैं आकाश की सुन कर उसको उत्तर दूंगा, और वह पृथ्वी की सुन कर उसे उत्तर देगा;

ओबद्दाह 1:17
परन्तु उस समय सिय्योन पर्वत पर बचे हुए लोग रहेंगे, ओर वह पवित्र स्थान ठहरेगा; और याकूब का घराना अपने निज भागों का अधिकारी होगा।

मीका 4:6
यहोवा की यह वाणी है, उस समय मैं प्रजा के लंगड़ों को, और बरबस निकाले हुओं को, और जिन को मैं ने दु:ख दिया है उन सब को इकट्ठे करूंगा।

जकर्याह 8:6
सेनाओं का यहोवा यों कहता है, चाहे उन दिनों में यह बात इन बचे हुओं की दृष्टि में अनोखी ठहरे, परन्तु क्या मेरी दृष्टि में भी यह अनोखी ठहरेगी, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है?

1 कुरिन्थियों 3:21
इसलिये मनुष्यों पर कोई घमण्ड न करे, क्योंकि सब कुछ तुम्हारा है।

याकूब 3:18
और मिलाप कराने वालों के लिये धामिर्कता का फल मेल-मिलाप के साथ बोया जाता है॥

व्यवस्थाविवरण 32:2
मेरा उपदेश मेंह की नाईं बरसेगा और मेरी बातें ओस की नाईं टपकेंगी, जैसे कि हरी घास पर झीसी, और पौधों पर झडिय़ां॥