Psalm 95:4
पृथ्वी के गहिरे स्थान उसी के हाथ में हैं; और पहाड़ों की चोटियां भी उसी की हैं।
Psalm 95:4 in Other Translations
King James Version (KJV)
In his hand are the deep places of the earth: the strength of the hills is his also.
American Standard Version (ASV)
In his hand are the deep places of the earth; The heights of the mountains are his also.
Bible in Basic English (BBE)
The deep places of the earth are in his hand; and the tops of the mountains are his.
Darby English Bible (DBY)
In his hand are the deep places of the earth; the heights of the mountains are his also:
World English Bible (WEB)
In his hand are the deep places of the earth. The heights of the mountains are also his.
Young's Literal Translation (YLT)
In whose hand `are' the deep places of earth, And the strong places of hills `are' His.
| In his hand | אֲשֶׁ֣ר | ʾăšer | uh-SHER |
| are the deep places | בְּ֭יָדוֹ | bĕyādô | BEH-ya-doh |
| earth: the of | מֶחְקְרֵי | meḥqĕrê | mek-keh-RAY |
| the strength | אָ֑רֶץ | ʾāreṣ | AH-rets |
| of the hills | וְתוֹעֲפֹ֖ת | wĕtôʿăpōt | veh-toh-uh-FOTE |
| is his also. | הָרִ֣ים | hārîm | ha-REEM |
| לֽוֹ׃ | lô | loh |
Cross Reference
भजन संहिता 135:6
जो कुछ यहोवा ने चाहा उसे उसने आकाश और पृथ्वी और समुद्र और सब गहिरे स्थानों में किया है।
हबक्कूक 3:10
पहाड़ तुझे देख कर कांप उठे; आंधी और जलप्रलय निकल गए; गहिरा सागर बोल उठा और अपने हाथों अर्थात लहरों को ऊपर उठाया।
हबक्कूक 3:6
वह खड़ा हो कर पृथ्वी को नाप रहा था; उसने देखा और जाति जाति के लोग घबरा गए; तब सनातन पर्वत चकनाचूर हो गए, और सनातन की पहाडिय़ां झुक गईं उसकी गति अनन्त काल से एक सी है।
नहूम 1:5
उसके स्पर्श से पहाड़ कांप उठते हैं और पहाडिय़ां गल जाती हैं; उसके प्रताप से पृथ्वी वरन सारा संसार अपने सब रहने वालों समेत थरथरा उठता है॥
मीका 1:4
और पहाड़ उसके नीचे गल जाएंगे, और तराई ऐसे फटेंगी, जैसे मोम आग की आंच से, और पानी जो घाट से नीचे बहता है।
भजन संहिता 97:5
पहाड़ यहोवा के साम्हने, मोम की नाईं पिघल गए, अर्थात सारी पृथ्वी के परमेश्वर के साम्हने॥
भजन संहिता 65:6
तू जो पराक्रम का फेंटा कसे हुए, अपनी सामर्थ्य के पर्वतों को स्थिर करता है;
भजन संहिता 21:2
तू ने उसके मनोरथ को पूरा किया है, और उसके मुंह की बिनती को तू ने अस्वीकार नहीं किया।
अय्यूब 11:10
जब ईश्वर बीच से गुजरकर बन्द कर दे और अदालत (कचहरी) में बुलाए, तो कौन उसको रोक सकता है।
अय्यूब 9:5
वह तो पर्वतों को अचानक हटा देता है और उन्हें पता भी नहीं लगता, वह क्रोध में आकर उन्हें उलट पुलट कर देता है।