Psalm 77:3
मैं परमेश्वर का स्मरण कर करके करहाता हूं; मैं चिन्ता करते करते मूर्छित हो चला हूं। (सेला)
Psalm 77:3 in Other Translations
King James Version (KJV)
I remembered God, and was troubled: I complained, and my spirit was overwhelmed. Selah.
American Standard Version (ASV)
I remember God, and am disquieted: I complain, and my spirit is overwhelmed. Selah
Bible in Basic English (BBE)
I will keep God in memory, with sounds of grief; my thoughts are troubled, and my spirit is overcome. (Selah.)
Darby English Bible (DBY)
I remembered God, and I moaned; I complained, and my spirit was overwhelmed. Selah.
Webster's Bible (WBT)
In the day of my trouble I sought the Lord: my sore ran in the night, and ceased not: my soul refused to be comforted.
World English Bible (WEB)
I remember God, and I groan. I complain, and my spirit is overwhelmed. Selah.
Young's Literal Translation (YLT)
I remember God, and make a noise, I meditate, and feeble is my spirit. Selah.
| I remembered | אֶזְכְּרָ֣ה | ʾezkĕrâ | ez-keh-RA |
| God, | אֱלֹהִ֣ים | ʾĕlōhîm | ay-loh-HEEM |
| and was troubled: | וְאֶֽהֱמָיָ֑ה | wĕʾehĕmāyâ | veh-eh-hay-ma-YA |
| complained, I | אָשִׂ֓יחָה׀ | ʾāśîḥâ | ah-SEE-ha |
| and my spirit | וְתִתְעַטֵּ֖ף | wĕtitʿaṭṭēp | veh-teet-ah-TAFE |
| was overwhelmed. | רוּחִ֣י | rûḥî | roo-HEE |
| Selah. | סֶֽלָה׃ | selâ | SEH-la |
Cross Reference
भजन संहिता 61:2
मूर्छा खाते समय मैं पृथ्वी की छोर से भी तुझे पुकारूंगा, जो चट्टान मेरे लिये ऊंची है, उस पर मुझ को ले चला;
विलापगीत 3:39
सो जीवित मनुष्य क्यों कुड़कुड़ाए? और पुरुष अपने पाप के दण्ड को क्यों बुरा माने?
विलापगीत 3:17
और मुझ को मन से उतार कर कुशल से रहित किया है; मैं कल्याण भूल गया हूँ;
यिर्मयाह 17:17
मुझे न घबरा; संकट के दिन तू ही मेरा शरणस्थान है।
भजन संहिता 143:4
मेरी आत्मा भीतर से व्याकुल हो रही है मेरा मन विकल है॥
भजन संहिता 142:2
मैं अपने शोक की बातें उस से खोलकर कहता, मैं अपना संकट उस के आगे प्रगट करता हूं।
भजन संहिता 102:3
क्योंकि मेरे दिन धुएं की नाईं उड़े जाते हैं, और मेरी हडि्डयां लुकटी के समान जल गई हैं।
भजन संहिता 88:3
क्योंकि मेरा प्राण क्लेश में भरा हुआ है, और मेरा प्राण अधोलोक के निकट पहुंचा है।
भजन संहिता 55:4
मेरा मन भीतर ही भीतर संकट में है, और मृत्यु का भय मुझ में समा गया है।
भजन संहिता 43:5
हे मेरे प्राण तू क्यों गिरा जाता है? तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्वर पर भरोसा रख, क्योंकि वह मेरे मुख की चमक और मेरा परमेश्वर है; मैं फिर उसका धन्यवाद करूंगा॥
भजन संहिता 42:11
हे मेरे प्राण तू क्यों गिरा जाता है? तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्वर पर भरोसा रख; क्योंकि वह मेरे मुख की चमक और मेरा परमेश्वर है, मैं फिर उसका धन्यवाद करूंगा॥
भजन संहिता 42:5
हे मेरे प्राण, तू क्यों गिरा जाता है? और तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्वर पर आशा लगाए रह; क्योंकि मैं उसके दर्शन से उद्धार पाकर फिर उसका धन्यवाद करूंगा॥
अय्यूब 31:23
क्योंकि ईश्वर के प्रताप के कारण मैं ऐसा नहीं कर सकता था, क्योंकि उसकी ओर की विपत्ति के कारण मैं भयभीत हो कर थरथराता था।
अय्यूब 23:15
इस कारण मैं उसके सम्मुख घबरा जाता हूँ; जब मैं सोचता हूँ तब उस से थरथरा उठता हूँ।
अय्यूब 7:11
इसलिये मैं अपना मुंह बन्द न रखूंगा; अपने मन का खेद खोल कर कहूंगा; और अपने जीव की कड़ुवाहट के कारण कुड़कुड़ाता रहूंगा।
अय्यूब 6:4
क्योंकि सर्वशक्तिमान के तीर मेरे अन्दर चुभे हैं; और उनका विष मेरी आत्मा में पैठ गया है; ईश्वर की भयंकर बात मेरे विरुद्ध पांति बान्धे है।