Psalm 71:3
मेरे लिये सनातन काल की चट्टान का धाम बन, जिस में मैं नित्य जा सकूं; तू ने मेरे उद्धार की आज्ञा तो दी है, क्योंकि तू मेरी चट्टान और मेरा गढ़ ठहरा है॥
Psalm 71:3 in Other Translations
King James Version (KJV)
Be thou my strong habitation, whereunto I may continually resort: thou hast given commandment to save me; for thou art my rock and my fortress.
American Standard Version (ASV)
Be thou to me a rock of habitation, whereunto I may continually resort: Thou hast given commandment to save me; For thou art my rock and my fortress.
Bible in Basic English (BBE)
Be my strong Rock, the strong place of my salvation; for you are my Rock, and my safe place.
Darby English Bible (DBY)
Be to me a rock of habitation, whereunto I may continually resort: thou hast given commandment to save me; for thou art my rock and my fortress.
Webster's Bible (WBT)
Be thou my strong habitation, to which I may continually resort: thou hast given commandment to save me; for thou art my rock and my fortress.
World English Bible (WEB)
Be to me a rock of refuge to which I may always go. Give the command to save me, For you are my rock and my fortress.
Young's Literal Translation (YLT)
Be to me for a rock -- a habitation, To go in continually, Thou hast given command to save me, For my rock and my bulwark `art' Thou.
| Be | הֱיֵ֤ה | hĕyē | hay-YAY |
| thou my strong | לִ֨י׀ | lî | lee |
| habitation, | לְצ֥וּר | lĕṣûr | leh-TSOOR |
| continually may I whereunto | מָע֡וֹן | māʿôn | ma-ONE |
| resort: | לָב֗וֹא | lābôʾ | la-VOH |
| commandment given hast thou | תָּמִ֗יד | tāmîd | ta-MEED |
| to save | צִוִּ֥יתָ | ṣiwwîtā | tsee-WEE-ta |
| me; for | לְהוֹשִׁיעֵ֑נִי | lĕhôšîʿēnî | leh-hoh-shee-A-nee |
| thou | כִּֽי | kî | kee |
| art my rock | סַלְעִ֖י | salʿî | sahl-EE |
| and my fortress. | וּמְצוּדָתִ֣י | ûmĕṣûdātî | oo-meh-tsoo-da-TEE |
| אָֽתָּה׃ | ʾāttâ | AH-ta |
Cross Reference
भजन संहिता 18:2
यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ाने वाला है; मेरा ईश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं शरणागत हूं, वह मेरी ढ़ाल और मेरी मुक्ति का सींग, और मेरा ऊँचा गढ़ है।
भजन संहिता 31:2
अपना कान मेरी ओर लगाकर तुरन्त मुझे छुड़ा ले!
भजन संहिता 44:4
हे परमेश्वर, तू ही हमारा महाराजा है, तू याकूब के उद्धार की आज्ञा देता है।
प्रकाशित वाक्य 7:2
फिर मैं ने एक और स्वर्गदूत को जीवते परमेश्वर की मुहर लिए हुए पूरब से ऊपर की ओर आते देखा; उस ने उन चारों स्वर्गदूतों से जिन्हें पृथ्वी और समुद्र की हानि करने का अधिकार दिया गया था, ऊंचे शब्द से पुकार कर कहा।
यहेजकेल 9:6
बूढ़े, युवा, कुंवारी, बाल-बच्चे, स्त्रियां, सब को मार कर नाश करो, परन्तु जिस किसी मनुष्य के माथे पर वह चिन्ह हो, उसके निकट न जाना। और मेरे पवित्र स्थान ही से आरम्भ करो। और उन्होंने उन पुरनियों से आरम्भ किया जो भवन के साम्हने थे।
यशायाह 33:16
वह चट्टानों के गढ़ों में शरण लिए हुए रहेगा; उसको रोटी मिलेगी और पानी की घटी कभी न होगी॥
नीतिवचन 18:10
यहोवा का नाम दृढ़ गढ़ है; धर्मी उस में भाग कर सब दुर्घटनाओं से बचता है।
भजन संहिता 144:2
वह मेरे लिये करूणानिधान और गढ़, ऊंचा स्थान और छुड़ाने वाला है, वह मेरी ढ़ाल और शरण स्थान है, जो मेरी प्रजा को मेरे वश में कर देता है॥
भजन संहिता 91:11
क्योंकि वह अपने दूतों को तेरे निमित्त आज्ञा देगा, कि जहां कहीं तू जाए वे तेरी रक्षा करें।
भजन संहिता 91:9
हे यहोवा, तू मेरा शरण स्थान ठहरा है। तू ने जो परमप्रधान को अपना धाम मान लिया है,
भजन संहिता 91:1
जो परमप्रधान के छाए हुए स्थान में बैठा रहे, वह सर्वशक्तिमान की छाया में ठिकाना पाएगा।
भजन संहिता 90:1
हे प्रभु, तू पीढ़ी से पीढ़ी तक हमारे लिये धाम बना है।
भजन संहिता 68:28
तेरे परमेश्वर ने आज्ञा दी, कि तुझे सामर्थ्य मिले; हे परमेश्वर जो कुछ तू ने हमारे लिये किया है, उसे दृढ़ कर।
भजन संहिता 42:8
तौभी दिन को यहोवा अपनी शक्ति और करूणा प्रगट करेगा; और रात को भी मैं उसका गीत गाऊंगा, और अपने जीवन दाता ईश्वर से प्रार्थना करूंगा॥
व्यवस्थाविवरण 33:27
अनादि परमेश्वर तेरा गृहधाम है, और नीचे सनातन भुजाएं हैं। वह शत्रुओं को तेरे साम्हने से निकाल देता, और कहता है, उन को सत्यानाश कर दे॥