Psalm 57:1
हे परमेश्वर, मुझ पर अनुग्रह कर, मुझ पर अनुग्रह कर, क्योंकि मैं तेरा शरणागत हूं; और जब तक ये आपत्तियां निकल न जाएं, तब तक मैं तेरे पंखों के तले शरण लिए रहूंगा।
Psalm 57:1 in Other Translations
King James Version (KJV)
Be merciful unto me, O God, be merciful unto me: for my soul trusteth in thee: yea, in the shadow of thy wings will I make my refuge, until these calamities be overpast.
American Standard Version (ASV)
Be merciful unto me, O God, be merciful unto me; For my soul taketh refuge in thee: Yea, in the shadow of thy wings will I take refuge, Until `these' calamities be overpast.
Bible in Basic English (BBE)
<To the chief music-maker; put to Al-tashheth. Michtam. Of David. When he went in flight from Saul, in the hole of the rock.> Have mercy on me, O God, have mercy on me; for the hope of my soul is in you: I will keep myself safely under the shade of your wings, till these troubles are past.
Darby English Bible (DBY)
{To the chief Musician. 'Destroy not.' Of David. Michtam; when he fled from Saul in the cave.} Be gracious unto me, O God, be gracious unto me; for my soul taketh refuge in thee: yea, in the shadow of thy wings do I take refuge, until the calamities be overpast.
World English Bible (WEB)
> Be merciful to me, God, be merciful to me, For my soul takes refuge in you. Yes, in the shadow of your wings, I will take refuge, Until disaster has passed.
Young's Literal Translation (YLT)
To the Overseer. -- `Destroy not.' -- A secret treasure of David, in his fleeing from the face of Saul into a cave. Favour me, O God, favour me, For in Thee is my soul trusting, And in the shadow of Thy wings I trust, Until the calamities pass over.
| Be merciful | חָנֵּ֤נִי | ḥonnēnî | hoh-NAY-nee |
| unto me, O God, | אֱלֹהִ֨ים׀ | ʾĕlōhîm | ay-loh-HEEM |
| be merciful | חָנֵּ֗נִי | ḥonnēnî | hoh-NAY-nee |
| for me: unto | כִּ֥י | kî | kee |
| my soul | בְךָ֮ | bĕkā | veh-HA |
| trusteth | חָסָ֪יָה | ḥāsāyâ | ha-SA-ya |
| shadow the in yea, thee: in | נַ֫פְשִׁ֥י | napšî | NAHF-SHEE |
| of thy wings | וּבְצֵֽל | ûbĕṣēl | oo-veh-TSALE |
| refuge, my make I will | כְּנָפֶ֥יךָ | kĕnāpêkā | keh-na-FAY-ha |
| until | אֶחְסֶ֑ה | ʾeḥse | ek-SEH |
| these calamities | עַ֝֗ד | ʿad | ad |
| be overpast. | יַעֲבֹ֥ר | yaʿăbōr | ya-uh-VORE |
| הַוּֽוֹת׃ | hawwôt | ha-wote |
Cross Reference
भजन संहिता 91:4
वह तुझे अपने पंखों की आड़ में ले लेगा, और तू उसके पैरों के नीचे शरण पाएगा; उसकी सच्चाई तेरे लिये ढाल और झिलम ठहरेगी।
यशायाह 26:20
हे मेरे लोगों, आओ, अपनी अपनी कोठरी में प्रवेश कर के किवाड़ों को बन्द करो; थोड़ी देर तक जब तक क्रोध शान्त न हो तब तक अपने को छिपा रखो।
रूत 2:12
यहोवा तेरी करनी का फल दे, और इस्राएल का परमेश्वर यहोवा जिसके पंखों के तले तू शरण लेने आई है तुझे पूरा बदला दे
भजन संहिता 9:10
और तेरे नाम के जानने वाले तुझ पर भरोसा रखेंगे, क्योंकि हे यहोवा तू ने अपने खोजियों को त्याग नहीं दिया॥
भजन संहिता 17:7
तू जो अपने दाहिने हाथ के द्वारा अपने शरणगतों को उनके विरोधियों से बचाता है, अपनी अद्भुत करूणा दिखा।
भजन संहिता 36:7
हे परमेश्वर तेरी करूणा, कैसी अनमोल है! मनुष्य तेरे पंखो के तले शरण लेते हैं।
भजन संहिता 56:1
हे परमेश्वर, मुझ पर अनुग्रह कर, क्योंकि मनुष्य मुझे निगलना चाहते हैं। वे दिन भर लड़कर मुझे सताते हैं।
भजन संहिता 63:7
क्योंकि तू मेरा सहायक बना है, इसलिये मैं तेरे पंखों की छाया में जयजयकार करूंगा।
भजन संहिता 125:1
जो यहोवा पर भरोसा रखते हैं, वे सिय्योन पर्वत के समान हैं, जो टलता नहीं, वरन सदा बना रहता है।
यशायाह 50:10
तुम में से कौन है जो यहोवा का भय मानता और उसके दास की बातें सुनता है, जो अन्धियारे में चलता हो और उसके पास ज्योति न हो? वह यहोवा के नाम का भरोसा रखे, और अपने परमेश्वर पर आशा लगाए रहे।
मत्ती 24:22
और यदि वे दिन घटाए न जाते, तो कोई प्राणी न बचता; परन्तु चुने हुओं के कारण वे दिन घटाए जाएंगे।
याकूब 5:10
हे भाइयो, जिन भविष्यद्वक्ताओं ने प्रभु के नाम से बातें की, उन्हें दुख उठाने और धीरज धरने का एक आदर्श समझो।
प्रकाशित वाक्य 7:14
मैं ने उस से कहा; हे स्वामी, तू ही जानता है: उस ने मुझ से कहा; ये वे हैं, जो उस बड़े क्लेश में से निकल कर आए हैं; इन्होंने अपने अपने वस्त्र मेम्ने के लोहू में धो कर श्वेत किए हैं।
प्रकाशित वाक्य 21:4
और वह उन की आंखोंसे सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं।
भजन संहिता 119:76
मुझे अपनी करूणा से शान्ति दे, क्योंकि तू ने अपने दास को ऐसा ही वचन दिया है।
भजन संहिता 91:9
हे यहोवा, तू मेरा शरण स्थान ठहरा है। तू ने जो परमप्रधान को अपना धाम मान लिया है,
भजन संहिता 91:1
जो परमप्रधान के छाए हुए स्थान में बैठा रहे, वह सर्वशक्तिमान की छाया में ठिकाना पाएगा।
भजन संहिता 69:13
परन्तु हे यहोवा, मेरी प्रार्थना तो तेरी प्रसन्नता के समय में हो रही है; हे परमेश्वर अपनी करूणा की बहुतायात से, और बचाने की अपनी सच्ची प्रतिज्ञा के अनुसार मेरी सुन ले।
भजन संहिता 61:4
मै तेरे तम्बू में युगानुयुग बना रहूंगा। मैं तेरे पंखों की ओट में शरण लिये रहुंगा
भजन संहिता 59:1
हे मेरे परमेश्वर, मुझ को शत्रुओं से बचा, मुझे ऊंचे स्थान पर रखकर मेरे विरोधियों से बचा,
भजन संहिता 13:5
परन्तु मैं ने तो तेरी करूणा पर भरोसा रखा है; मेरा हृदय तेरे उद्धार से मगन होगा।
भजन संहिता 2:12
पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ; क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है॥ धन्य हैं वे जिनका भरोसा उस पर है॥
1 शमूएल 22:1
और दाऊद वहां से चला, और अदुल्लाम की गुफा में पहुंचकर बच गया; और यह सुनकर उसके भाई, वरन उसके पिता का समस्त घराना वहां उसके पास गया।
1 शमूएल 24:3
जब वह मार्ग पर के भेड़शालों के पास पहुंचा जहां एक गुफा थी, तब शाऊल दिशा फिरने को उसके भीतर गया। और उसी गुफा के कोनों में दाऊद और उसके जन बैठे हुए थे।
1 शमूएल 24:8
उसके पीछे दाऊद भी उठ कर गुफा से निकला और शाऊल को पीछे से पुकार के बोला, हे मेरे प्रभु, हे राजा। जब शाऊल ने फिर के देखा, तब दाऊद ने भूमि की ओर सिर झुका कर दण्डवत की।
भजन संहिता 58:1
हे मनुष्यों, क्या तुम सचमुच धर्म की बात बोलते हो? और हे मनुष्यवंशियों क्या तुम सीधाई से न्याय करते हो?
भजन संहिता 142:1
ममैं यहोवा की दोहाई देता, मैं यहोवा से गिड़गिड़ाता हूं,
यूहन्ना 16:20
मैं तुम से सच सच कहता हूं; कि तुम रोओगे और विलाप करोगे, परन्तु संसार आनन्द करेगा: तुम्हें शोक होगा, परन्तु तुम्हारा शोक आनन्द बन जाएगा।
लूका 13:34
हे यरूशलेम ! हे यरूशलेम ! तू जो भविष्यद्वक्ताओं को मार डालती है, और जो तेरे पास भेजे गए उन्हें पत्थरवाह करती है; कितनी बार मैं ने यह चाहा, कि जैसे मुर्गी अपने बच्चों को अपने पंखो के नीचे इकट्ठे करती है, वैसे ही मैं भी तेरे बालकों को इकट्ठे करूं, पर तुम ने यह न चाहा।
यशायाह 10:25
क्योंकि अब थोड़ी ही देर है कि मेरी जलन और क्रोध उनका सत्यानाश कर के शान्त होगा