Psalm 40:2
उसने मुझे सत्यानाश के गड़हे और दलदल की कीच में से उबारा, और मुझ को चट्टान पर खड़ा करके मेरे पैरों को दृढ़ किया है।
Psalm 40:2 in Other Translations
King James Version (KJV)
He brought me up also out of an horrible pit, out of the miry clay, and set my feet upon a rock, and established my goings.
American Standard Version (ASV)
He brought me up also out of a horrible pit, out of the miry clay; And he set my feet upon a rock, and established my goings.
Bible in Basic English (BBE)
He took me up out of a deep waste place, out of the soft and sticky earth; he put my feet on a rock, and made my steps certain.
Darby English Bible (DBY)
And he brought me up out of the pit of destruction, out of the miry clay, and set my feet upon a rock; he hath established my goings:
Webster's Bible (WBT)
To the chief Musician, A Psalm of David. I waited patiently for the LORD; and he inclined to me, and heard my cry.
World English Bible (WEB)
He brought me up also out of a horrible pit, Out of the miry clay. He set my feet on a rock, And gave me a firm place to stand.
Young's Literal Translation (YLT)
And He doth cause me to come up From a pit of desolation -- from mire of mud, And He raiseth up on a rock my feet, He is establishing my steps.
| He brought me up | וַיַּעֲלֵ֤נִי׀ | wayyaʿălēnî | va-ya-uh-LAY-nee |
| horrible an of out also | מִבּ֥וֹר | mibbôr | MEE-bore |
| pit, | שָׁאוֹן֮ | šāʾôn | sha-ONE |
| miry the of out | מִטִּ֪יט | miṭṭîṭ | mee-TEET |
| clay, | הַיָּ֫וֵ֥ן | hayyāwēn | ha-YA-VANE |
| and set | וַיָּ֖קֶם | wayyāqem | va-YA-kem |
| my feet | עַל | ʿal | al |
| upon | סֶ֥לַע | selaʿ | SEH-la |
| a rock, | רַגְלַ֗י | raglay | rahɡ-LAI |
| and established | כּוֹנֵ֥ן | kônēn | koh-NANE |
| my goings. | אֲשֻׁרָֽי׃ | ʾăšurāy | uh-shoo-RAI |
Cross Reference
भजन संहिता 27:5
क्योंकि वह तो मुझे विपत्ति के दिन में अपने मण्डप में छिपा रखेगा; अपने तम्बू के गुप्त स्थान में वह मुझे छिपा लेगा, और चट्टान पर चढ़ाएगा।
भजन संहिता 69:2
मैं बड़े दलदल में धसा जाता हूं, और मेरे पैर कहीं नहीं रूकते; मैं गहिरे जल में आ गया, और धारा में डूबा जाता हूं।
भजन संहिता 37:23
मनुष्य की गति यहोवा की ओर से दृढ़ होती है, और उसके चलन से वह प्रसन्न रहता है;
प्रेरितों के काम 2:27
क्योंकि तू मेरे प्राणों को अधोलोक में न छोड़ेगा; और न अपने पवित्र जन को सड़ने ही देगा!
यिर्मयाह 38:6
तब उन्होंने यिर्मयाह को ले कर राजपुत्र मल्किय्याह के उस गड़हे में जो पहरे के आंगन में था, रस्सियों से उतार कर डाल दिया। और उस गड़हे में पानी नहीं केवल दलदल था, और यिर्मयाह कीचड़ में धंस गया।
मत्ती 13:50
वहां रोना और दांत पीसना होगा।
प्रेरितों के काम 2:24
परन्तु उसी को परमेश्वर ने मृत्यु के बन्धनों से छुड़ाकर जिलाया: क्योंकि यह अनहोना था कि वह उसके वश में रहता।
मत्ती 7:24
इसलिये जो कोई मेरी ये बातें सुनकर उन्हें मानता है वह उस बुद्धिमान मनुष्य की नाईं ठहरेगा जिस ने अपना घर चट्टान पर बनाया।
जकर्याह 9:11
और तू भी सुन, क्योंकि मेरी वाचा के लोहू के कारण, मैं ने तेरे बन्दियों को बिना जल के गड़हे में से उबार लिया है।
योना 2:5
मैं जल से यहां तक घिरा हुआ था कि मेरे प्राण निकले जाते थे; गहिरा सागर मेरे चारों ओर था, और मेरे सिर में सिवार लिपटा हुआ था।
विलापगीत 3:53
उन्होंने मुझे गड़हे में डाल कर मेरे जीवन का अन्त करने के लिये मेरे ऊपर पत्थर लुढ़काए हैं;
यशायाह 24:22
वे बंधुओं की नाईं गड़हे में इकट्ठे किए जाएंगे और बन्दीगृह में बन्द किए जाएंगे; और बहुत दिनों के बाद उनकी सुधि ली जाएगी।
भजन संहिता 143:3
शत्रु तो मेरे प्राण का ग्राहक हुआ है; उसने मुझे चूर कर के मिट्टी में मिलाया है, और मुझे ढेर दिन के मरे हुओं के समान अन्धेरे स्थान में डाल दिया है।
भजन संहिता 18:16
उसने ऊपर से हाथ बढ़ाकर मुझे थाम लिया, और गहिरे जल में से खींच लिया।
भजन संहिता 18:36
तू ने मेरे पैरों के लिये स्थान चौड़ा कर दिया, और मेरे पैर नहीं फिसले।
भजन संहिता 61:2
मूर्छा खाते समय मैं पृथ्वी की छोर से भी तुझे पुकारूंगा, जो चट्टान मेरे लिये ऊंची है, उस पर मुझ को ले चला;
भजन संहिता 69:14
मुझ को दलदल में से उबार, कि मैं धंस न जाऊं; मैं अपने बैरियों से, और गहिरे जल में से बच जाऊं।
भजन संहिता 71:20
तू ने तो हम को बहुत से कठिन कष्ट दिखाए हैं परन्तु अब तू फिर से हम को जिलाएगा; और पृथ्वी के गहिरे गड़हे में से उबार लेगा।
भजन संहिता 86:13
क्योंकि तेरी करूणा मेरे ऊपर बड़ी है; और तू ने मुझ को अधोलोक की तह में जाने से बचा लिया है॥
भजन संहिता 116:3
मृत्यु की रस्सियां मेरे चारोंओर थीं; मैं अधोलोक की सकेती में पड़ा था; मुझे संकट और शोक भोगना पड़ा।
भजन संहिता 119:133
मेरे पैरों को अपने वचन के मार्ग पर स्थिर कर, और किसी अनर्थ बात को मुझ पर प्रभुता न करने दे।
भजन संहिता 142:6
मेरी चिल्लाहट को ध्यान देकर सुन, क्योंकि मेरी बड़ी दुर्दशा हो गई है! जो मेरे पीछे पड़े हैं, उन से मुझे बचा ले; क्योंकि वे मुझ से अधिक सामर्थी हैं।
भजन संहिता 17:5
मेरे पांव तेरे पथों में स्थिर रहे, फिसले नहीं॥