Psalm 35:15 in Hindi

Hindi Hindi Bible Psalm Psalm 35 Psalm 35:15

Psalm 35:15
परन्तु जब मैं लंगड़ाने लगा तब वे लोग आनन्दित होकर इकट्ठे हुए, नीच लोग और जिन्हें मैं जानता भी न था वे मेरे विरुद्ध इकट्ठे हुए; वे मुझे लगातार फाड़ते रहे;

Psalm 35:14Psalm 35Psalm 35:16

Psalm 35:15 in Other Translations

King James Version (KJV)
But in mine adversity they rejoiced, and gathered themselves together: yea, the abjects gathered themselves together against me, and I knew it not; they did tear me, and ceased not:

American Standard Version (ASV)
But in mine adversity they rejoiced, and gathered themselves together: The abjects gathered themselves together against me, and I knew `it' not; They did tear me, and ceased not:

Bible in Basic English (BBE)
But they took pleasure in my trouble, and came together, yes, low persons came together against me without my knowledge; they never came to an end of wounding me.

Darby English Bible (DBY)
But at my halting they rejoiced, and gathered together: the slanderers gathered themselves together against me, and I knew [it] not; they did tear [me], and ceased not:

Webster's Bible (WBT)
But in my adversity they rejoiced, and assembled themselves: yes, the abjects assembled themselves against me, and I knew it not; they did tear me, and ceased not:

World English Bible (WEB)
But in my adversity, they rejoiced, and gathered themselves together. The attackers gathered themselves together against me, and I didn't know it. They tore at me, and didn't cease.

Young's Literal Translation (YLT)
And -- in my halting they have rejoiced, And have been gathered together, Gathered against me were the smiters, And I have not known, They have rent, and they have not ceased;

But
in
mine
adversity
וּבְצַלְעִי֮ûbĕṣalʿiyoo-veh-tsahl-EE
they
rejoiced,
שָׂמְח֪וּśomḥûsome-HOO
together:
themselves
gathered
and
וְֽנֶ֫אֱסָ֥פוּwĕneʾĕsāpûveh-NEH-ay-SA-foo
yea,
the
abjects
נֶאֶסְפ֬וּneʾespûneh-es-FOO
together
themselves
gathered
עָלַ֣יʿālayah-LAI
against
נֵ֭כִיםnēkîmNAY-heem
me,
and
I
knew
וְלֹ֣אwĕlōʾveh-LOH
not;
it
יָדַ֑עְתִּיyādaʿtîya-DA-tee
they
did
tear
קָֽרְע֥וּqārĕʿûka-reh-OO
me,
and
ceased
וְלֹאwĕlōʾveh-LOH
not:
דָֽמּוּ׃dāmmûDA-moo

Cross Reference

भजन संहिता 7:2
ऐसा न हो कि वे मुझ को सिंह की नाईं फाड़कर टुकड़े टुकड़े कर डालें; और कोई मेरा छुड़ाने वाला न हो॥

नीतिवचन 17:5
जो निर्धन को ठट्ठों में उड़ाता है, वह उसके कर्त्ता की निन्दा करता है; और जो किसी की विपत्ति पर हंसता, वह निर्दोष नहीं ठहरेगा।

नीतिवचन 24:17
जब तेरा शत्रु गिर जाए तब तू आनन्दित न हो, और जब वह ठोकर खाए, तब तेरा मन मगन न हो।

यिर्मयाह 20:10
मैं ने बहुतों के मुंह से अपना अपवाद सुना है। चारों ओर भय ही भय है! मेरी जान पहचान के सब जो मेरे ठोकर खाने की बाट जोहते हैं, वे कहते हैं, उसके दोष बताओ, तब हम उनकी चर्चा फैला देंगे। कदाचित वह धोखा खाए, तो हम उस पर प्रबल हो कर, उस से बदला लेंगे।

मत्ती 27:27
तब हाकिम के सिपाहियों ने यीशु को किले में ले जाकर सारी पलटन उसके चहुं ओर इकट्ठी की।

मत्ती 27:39
और आने जाने वाले सिर हिला हिलाकर उस की निन्दा करते थे।

मरकुस 14:65
तब कोई तो उस पर थूकने, और कोई उसका मुंह ढांपने और उसे घूसे मारने, और उस से कहने लगे, कि भविष्यद्वाणी कर: और प्यादों ने उसे लेकर थप्पड़ मारे॥

प्रेरितों के काम 17:5
परन्तु यहूदियों ने डाह से भरकर बजारू लोगों में से कई दुष्ट मनुष्यों को अपने साथ में लिया, और भीड़ लगाकर नगर में हुल्लड़ मचाने लगे, और यासोन के घर पर चढ़ाई करके उन्हें लोगों के साम्हने लाना चाहा।

1 कुरिन्थियों 13:6
कुकर्म से आनन्दित नहीं होता, परन्तु सत्य से आनन्दित होता है।

भजन संहिता 71:10
क्योंकि मेरे शत्रु मेरे विषय बातें करते हैं, और जो मेरे प्राण की ताक में हैं, वे आपस में यह सम्मति करते हैं, कि

भजन संहिता 69:12
फाटक के पास बैठने वाले मेरे विषय बातचीत करते हैं, और मदिरा पीने वाले मुझ पर लगता हुआ गीत गाते हैं।

अय्यूब 30:1
परन्तु अब जिनकी अवस्था मुझ से कम है, वे मेरी हंसी करते हैं, वे जिनके पिताओं को मैं अपनी भेड़ बकरियों के कुत्तों के काम के योग्य भी न जानता था।

अय्यूब 31:29
यदि मैं अपने बैरी के नाश से आनन्दित होता, वा जब उस पर विपत्ति पड़ी तब उस पर हंसा होता;

भजन संहिता 22:16
क्योंकि कुत्तों ने मुझे घेर लिया है; कुकर्मियों की मण्डली मेरी चारों ओर मुझे घेरे हुए है; वह मेरे हाथ और मेरे पैर छेदते हैं।

भजन संहिता 35:8
अचानक उन पर विपत्ति आ पड़े! और जो जाल उन्होंने बिछाया है उसी में वे आप ही फंसे; और उसी विपत्ति में वे आप ही पड़ें!

भजन संहिता 35:25
वे मन में न कहने पाएं, कि आहा! हमारी तो इच्छा पूरी हुई! वह यह न कहें कि हम उसे निगल गए हैं॥

भजन संहिता 38:17
क्योंकि मैं तो अब गिरने ही पर हूं, और मेरा शोक निरन्तर मेरे साम्हने है।

भजन संहिता 41:8
वे कहते हैं कि इसे तो कोई बुरा रोग लग गया है; अब जो यह पड़ा है, तो फिर कभी उठने का नहीं।

भजन संहिता 57:4
मेरा प्राण सिंहों के बीच में है, मुझे जलते हुओं के बीच में लेटना पड़ता है, अर्थात ऐसे मनुष्यों के बीच में जिन के दांत बर्छी और तीर हैं, और जिनकी जीभ तेज तलवार है॥

अय्यूब 16:9
उसने क्रोध में आकर मुझ को फाड़ा और मेरे पीछे पड़ा है; वह मेरे विरुद्ध दांत पीसता; और मेरा बैरी मुझ को आंखें दिखाता है।