Psalm 30:5 in Hindi

Hindi Hindi Bible Psalm Psalm 30 Psalm 30:5

Psalm 30:5
क्योंकि उसका क्रोध, तो क्षण भर का होता है, परन्तु उसकी प्रसन्नता जीवन भर की होती है। कदाचित् रात को रोना पड़े, परन्तु सबेरे आनन्द पहुंचेगा॥

Psalm 30:4Psalm 30Psalm 30:6

Psalm 30:5 in Other Translations

King James Version (KJV)
For his anger endureth but a moment; in his favour is life: weeping may endure for a night, but joy cometh in the morning.

American Standard Version (ASV)
For his anger is but for a moment; His favor is for a life-time: Weeping may tarry for the night, But joy `cometh' in the morning.

Bible in Basic English (BBE)
For his wrath is only for a minute; in his grace there is life; weeping may be for a night, but joy comes in the morning.

Darby English Bible (DBY)
For a moment [is passed] in his anger, a life in his favour; at even weeping cometh for the night, and at morn there is rejoicing.

Webster's Bible (WBT)
Sing to the LORD, O ye saints of his, and give thanks at the remembrance of his holiness.

World English Bible (WEB)
For his anger is but for a moment; His favor is for a lifetime. Weeping may stay for the night, But joy comes in the morning.

Young's Literal Translation (YLT)
For -- a moment `is' in His anger, Life `is' in His good-will, At even remaineth weeping, and at morn singing.

For
כִּ֤יkee
his
anger
רֶ֨גַע׀regaʿREH-ɡa
moment;
a
but
endureth
בְּאַפּוֹ֮bĕʾappôbeh-ah-POH
in
his
favour
חַיִּ֪יםḥayyîmha-YEEM
is
life:
בִּרְצ֫וֹנ֥וֹbirṣônôbeer-TSOH-NOH
weeping
בָּ֭עֶרֶבbāʿerebBA-eh-rev
may
endure
יָלִ֥יןyālînya-LEEN
for
a
night,
בֶּ֗כִיbekîBEH-hee
joy
but
וְלַבֹּ֥קֶרwĕlabbōqerveh-la-BOH-ker
cometh
in
the
morning.
רִנָּֽה׃rinnâree-NA

Cross Reference

यशायाह 54:7
क्षण भर ही के लिये मैं ने तुझे छोड़ दिया था, परन्तु अब बड़ी दया कर के मैं फिर तुझे रख लूंगा।

2 कुरिन्थियों 4:17
क्योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्लेश हमारे लिये बहुत ही महत्वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है।

भजन संहिता 103:9
वह सर्वदा वादविवाद करता न रहेगा, न उसका क्रोध सदा के लिये भड़का रहेगा।

यशायाह 26:20
हे मेरे लोगों, आओ, अपनी अपनी कोठरी में प्रवेश कर के किवाड़ों को बन्द करो; थोड़ी देर तक जब तक क्रोध शान्त न हो तब तक अपने को छिपा रखो।

भजन संहिता 6:6
मैं कराहते कराहते थक गया; मैं अपनी खाट आंसुओं से भिगोता हूं; प्रति रात मेरा बिछौना भीगता है।

यूहन्ना 16:20
मैं तुम से सच सच कहता हूं; कि तुम रोओगे और विलाप करोगे, परन्तु संसार आनन्द करेगा: तुम्हें शोक होगा, परन्तु तुम्हारा शोक आनन्द बन जाएगा।

2 कुरिन्थियों 7:9
अब मैं आनन्दित हूं पर इसलिये नहीं कि तुम को शोक पहुंचा वरन इसलिये कि तुम ने उस शोक के कारण मन फिराया, क्योंकि तुम्हारा शोक परमेश्वर की इच्छा के अनुसार था, कि हमारी ओर से तुम्हें किसी बात में हानि न पहुंचे।

भजन संहिता 16:11
तू मुझे जीवन का रास्ता दिखाएगा; तेरे निकट आनन्द की भरपूरी है, तेरे दाहिने हाथ में सुख सर्वदा बना रहता है॥

मत्ती 5:4
धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे शांति पाएंगे।

भजन संहिता 126:5
जो आंसू बहाते हुए बोते हैं, वे जयजयकार करते हुए लवने पाएंगे।

भजन संहिता 143:8
अपनी करूणा की बात मुझे शीघ्र सुना, क्योंकि मैं ने तुझी पर भरोसा रखा है। जिस मार्ग से मुझे चलना है, वह मुझ को बता दे, क्योंकि मैं अपना मन तेरी ही ओर लगाता हूं॥

होशे 6:3
आओ, हम ज्ञान ढूंढ़े, वरन यहोवा का ज्ञान प्राप्त करने के लिये यत्न भी करें; क्योंकि यहोवा का प्रगट होना भोर का सा निश्चित है; वह वर्षा की नाईं हमारे ऊपर आएगा, वरन बरसात के अन्त की वर्षा के समान जिस से भूमि सिंचती है॥

यशायाह 38:3
हे यहोवा, मैं बिनती करता हूं, स्मरण कर कि मैं सच्चाई और खरे मन से अपने को तेरे सम्मुख जानकर चलता आया हूं और जो तेरी दृष्टि में उचित था वही करता आया हूं। और हिजकिय्याह बिलक बिलककर रोने लगा।

भजन संहिता 63:3
क्योंकि तेरी करूणा जीवन से भी उत्तम है मैं तेरी प्रशंसा करूंगा।

भजन संहिता 59:16
परन्तु मैं तेरी सामर्थ्य का यश गाऊंगा, और भोर को तेरी करूणा का जयजयकार करूंगा। क्योंकि तू मेरा ऊंचा गढ़ है, और संकट के समय मेरा शरणस्थान ठहरा है।

भजन संहिता 46:5
परमेश्वर उस नगर के बीच में है, वह कभी टलने का नहीं; पौ फटते ही परमेश्वर उसकी सहायता करता है।

उत्पत्ति 32:24
और याकूब आप अकेला रह गया; तब कोई पुरूष आकर पह फटने तक उससे मल्लयुद्ध करता रहा।

भजन संहिता 56:8
तू मेरे मारे मारे फिरने का हिसाब रखता है; तू मेरे आंसुओं को अपनी कुप्पी में रख ले! क्या उनकी चर्चा तेरी पुस्तक में नहीं है?

भजन संहिता 103:17
परन्तु यहोवा की करूणा उसके डरवैयों पर युग युग, और उसका धर्म उनके नाती- पोतों पर भी प्रगट होता रहता है,

यशायाह 57:15
क्योंकि जो महान और उत्तम और सदैव स्थिर रहता, और जिसका नाम पवित्र है, वह यों कहता है, मैं ऊंचे पर और पवित्र स्थान में निवास करता हूं, और उसके संग भी रहता हूं, जो खेदित और नम्र हैं, कि, नम्र लोगों के हृदय और खेदित लोगों के मन को हषिर्त करूं।

प्रकाशित वाक्य 22:1
फिर उस ने मुझे बिल्लौर की सी झलकती हुई, जीवन के जल की एक नदी दिखाई, जो परमेश्वर और मेंम्ने के सिंहासन से निकल कर उस नगर की सड़क के बीचों बीच बहती थी।

प्रकाशित वाक्य 22:17
और आत्मा, और दुल्हिन दोनों कहती हैं, आ; और सुनने वाला भी कहे, कि आ; और जो प्यासा हो, वह आए और जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंतमेंत ले॥

भजन संहिता 36:7
हे परमेश्वर तेरी करूणा, कैसी अनमोल है! मनुष्य तेरे पंखो के तले शरण लेते हैं।