Psalm 29:4
यहोवा की वाणी शक्तिशाली है, यहोवा की वाणी प्रतापमय है।
Psalm 29:4 in Other Translations
King James Version (KJV)
The voice of the LORD is powerful; the voice of the LORD is full of majesty.
American Standard Version (ASV)
The voice of Jehovah is powerful; The voice of Jehovah is full of majesty.
Bible in Basic English (BBE)
The voice of the Lord is full of power; the voice of the Lord has a noble sound.
Darby English Bible (DBY)
The voice of Jehovah is powerful; the voice of Jehovah is full of majesty.
Webster's Bible (WBT)
The voice of the LORD is powerful; the voice of the LORD is full of majesty.
World English Bible (WEB)
Yahweh's voice is powerful. Yahweh's voice is full of majesty.
Young's Literal Translation (YLT)
The voice of Jehovah `is' with power, The voice of Jehovah `is' with majesty,
| The voice | קוֹל | qôl | kole |
| of the Lord | יְהוָ֥ה | yĕhwâ | yeh-VA |
| is powerful; | בַּכֹּ֑חַ | bakkōaḥ | ba-KOH-ak |
| voice the | ק֥וֹל | qôl | kole |
| of the Lord | יְ֝הוָ֗ה | yĕhwâ | YEH-VA |
| is full of majesty. | בֶּהָדָֽר׃ | behādār | beh-ha-DAHR |
Cross Reference
भजन संहिता 68:33
जो सब से ऊंचे सनातन स्वर्ग में सवार होकर चलता है; देखो वह अपनी वाणी सुनाता है, वह गम्भीर वाणी शक्तिशाली है।
अय्यूब 26:11
उसकी घुड़की से आकाश के खम्भे थरथरा कर चकित होते हैं।
अय्यूब 40:9
क्या तेरा बाहुबल ईश्वर के तुल्य है? क्या तू उसके समान शब्द से गरज सकता है?
भजन संहिता 33:9
क्योंकि जब उसने कहा, तब हो गया; जब उसने आज्ञा दी, तब वास्तव में वैसा ही हो गया॥
यशायाह 66:6
सुनो, नगर से कोलाहल की धूम, मन्दिर से एक शब्द, सुनाईं देता है! वह यहोवा का शब्द है, वह अपने शत्रुओं को उनकी करनी का फल दे रहा है!
यिर्मयाह 51:15
उसी ने पृथ्वी को अपने सामर्थ से बनाया, और जगत को अपनी बुद्धि से स्थिर किया; और आकाश को अपनी प्रवीणता से तान दिया है।
यहेजकेल 10:5
और करूबों के पंखों का शब्द बाहरी आंगन तक सुनाई देता था, वह सर्वशक्तिमान् परमेश्वर के बोलने का सा शब्द था।
लूका 4:36
इस पर सब को अचम्भा हुआ, और वे आपस में बातें करके कहने लगे, यह कैसा वचन है कि वह अधिकार और सामर्थ के साथ अशुद्ध आत्माओं को आज्ञा देता है, और वे निकल जाती हैं।
लूका 8:25
और उस ने उन से कहा; तुम्हारा विश्वास कहां था? पर वे डर गए, और अचम्भित होकर आपस में कहने लगे, यह कौन है जो आन्धी और पानी को भी आज्ञा देता है, और वे उस की मानते हैं॥