Psalm 148:9 in Hindi

Hindi Hindi Bible Psalm Psalm 148 Psalm 148:9

Psalm 148:9
हे पहाड़ों और सब टीलो, हे फलदाई वृक्षों और सब देवदारों!

Psalm 148:8Psalm 148Psalm 148:10

Psalm 148:9 in Other Translations

King James Version (KJV)
Mountains, and all hills; fruitful trees, and all cedars:

American Standard Version (ASV)
Mountains and all hills; Fruitful trees and all cedars;

Bible in Basic English (BBE)
Mountains and all hills; fruit-trees and all trees of the mountains:

Darby English Bible (DBY)
Mountains and all hills, fruit-trees and all cedars;

World English Bible (WEB)
Mountains and all hills; Fruit trees and all cedars;

Young's Literal Translation (YLT)
The mountains and all heights, Fruit tree, and all cedars,

Mountains,
הֶהָרִ֥יםhehārîmheh-ha-REEM
and
all
וְכָלwĕkālveh-HAHL
hills;
גְּבָע֑וֹתgĕbāʿôtɡeh-va-OTE
fruitful
עֵ֥ץʿēṣayts
trees,
פְּ֝רִ֗יpĕrîPEH-REE
and
all
וְכָלwĕkālveh-HAHL
cedars:
אֲרָזִֽים׃ʾărāzîmuh-ra-ZEEM

Cross Reference

यशायाह 44:23
हे आकाश, ऊंचे स्वर से गा, क्योंकि यहोवा ने यह काम किया है; हे पृथ्वी के गहिरे स्थानों, जयजयकार करो; हे पहाड़ों, हे वन, हे वन के सब वृक्षों, गला खोल कर ऊंचे स्वर से गाओ! क्योंकि यहोवा ने याकूब को छुड़ा लिया है और इस्राएल में महिमावान होगा॥

यशायाह 49:13
हे आकाश, जयजयकार कर, हे पृथ्वी, मगन हो; हे पहाड़ों, गला खोल कर जयजयकार करो! क्योंकि यहोवा ने अपनी प्रजा को शान्ति दी है और अपने दीन लोगों पर दया की है॥

यहेजकेल 36:1
फिर हे मनुष्य के सन्तान, तू इस्राएल के पहाड़ों से भविष्यद्वाणी कर के कह, हे इस्राएल के पहाड़ो, यहोवा का वचन सुनो।

यशायाह 64:1
भला हो कि तू आकाश को फाड़कर उतर आए और पहाड़ तेरे साम्हने कांप उठे।

यशायाह 55:12
क्योंकि तुम आनन्द के साथ निकलोगे, और शान्ति के साथ पहुंचाए जाओगे; तुम्हारे आगे आगे पहाड़ और पहाडिय़ां गला खोल कर जयजयकार करेंगी, और मैदान के सब वृक्ष आनन्द के मारे ताली बजाएंगे।

यशायाह 42:11
जंगल और उस में की बस्तियां और केदार के बसे हुए गांव जयजयकार करें; सेला के रहने वाले जयजयकार करें, वे पहाड़ों की चोटियों पर से ऊंचे शब्द से ललकारें।

भजन संहिता 114:3
समुद्र देखकर भागा, यर्दन नदी उलटी बही।

भजन संहिता 98:7
समुद्र और उस में की सब वस्तुएं गरज उठें; जगत और उसके निवासी महाशब्द करें!

भजन संहिता 97:4
उसकी बिजलियों से जगत प्रकाशित हुआ, पृथ्वी देखकर थरथरा गई है!

भजन संहिता 96:11
आकाश आनन्द करे, और पृथ्वी मगन हो; समुद्र और उस में की सब वस्तुएं गरज उठें;

भजन संहिता 65:12
वे जंगल की चराइयों में पाए जाते हैं; और पहाड़ियां हर्ष का फेंटा बान्धे हुए है॥