Psalm 120:1 in Hindi

Hindi Hindi Bible Psalm Psalm 120 Psalm 120:1

Psalm 120:1
संकट के समय मैं ने यहोवा को पुकारा, और उसने मेरी सुन ली।

Psalm 120Psalm 120:2

Psalm 120:1 in Other Translations

King James Version (KJV)
In my distress I cried unto the LORD, and he heard me.

American Standard Version (ASV)
In my distress I cried unto Jehovah, And he answered me.

Bible in Basic English (BBE)
<A Song of the going up.> In my trouble my cry went up to the Lord, and he gave me an answer.

Darby English Bible (DBY)
{A Song of degrees.} In my trouble I called unto Jehovah, and he answered me.

World English Bible (WEB)
> In my distress, I cried to Yahweh. He answered me.

Young's Literal Translation (YLT)
A Song of the Ascents. Unto Jehovah in my distress I have called, And He answereth me.

In
my
distress
אֶלʾelel
I
cried
יְ֭הוָהyĕhwâYEH-va
unto
בַּצָּרָ֣תָהbaṣṣārātâba-tsa-RA-ta
Lord,
the
לִּ֑יlee
and
he
heard
קָ֝רָ֗אתִיqārāʾtîKA-RA-tee
me.
וַֽיַּעֲנֵֽנִי׃wayyaʿănēnîVA-ya-uh-NAY-nee

Cross Reference

योना 2:2
मैं ने संकट में पड़े हुए यहोवा की दोहाई दी, और उसने मेरी सुन ली है; अधोलोक के उदर में से मैं चिल्ला उठा, और तू ने मेरी सुन ली।

भजन संहिता 18:6
अपने संकट में मैं ने यहोवा परमेश्वर को पुकारा; मैं ने अपने परमेश्वर की दोहाई दी। और उसने अपने मन्दिर में से मेरी बातें सुनी। और मेरी दोहाई उसके पास पहुंचकर उसके कानों में पड़ी॥

इब्रानियों 5:7
उस ने अपनी देह में रहने के दिनों में ऊंचे शब्द से पुकार पुकार कर, और आंसू बहा बहा कर उस से जो उस को मृत्यु से बचा सकता था, प्रार्थनाएं और बिनती की और भक्ति के कारण उस की सुनी गई।

भजन संहिता 129:1
इस्राएल अब यह कहे, कि मेरे बचपन से लोग मुझे बार बार क्लेश देते आए हैं,

भजन संहिता 130:1
हे यहोवा, मैं ने गहिरे स्थानों में से तुझ को पुकारा है!

भजन संहिता 131:1
हे यहोवा, न तो मेरा मन गर्व से और न मेरी दृष्टि घमण्ड से भरी है; और जो बातें बड़ी और मेरे लिये अधिक कठिन हैं, उन से मैं काम नहीं रखता।

भजन संहिता 132:1
हे यहोवा, दाऊद के लिये उसकी सारी दुर्दशा को स्मरण कर;

भजन संहिता 133:1
देखो, यह क्या ही भली और मनोहर बात है कि भाई लोग आपस में मिले रहें!

भजन संहिता 134:1
हे यहोवा के सब सेवकों, सुनो, तुम जो रात रात को यहोवा के भवन में खड़े रहते हो, यहोवा को धन्य कहो।

यशायाह 37:3
उन्होंने उस से कहा, हिजकिय्याह यों कहता है कि आज का दिन संकट और उलहने और निन्दा का दिन है, बच्चे जन्मने पर हुए पर जच्चा को जनने का बल न रहा।

यशायाह 37:14
इस पत्री को हिजकिय्याह ने दूतों के हाथ से ले कर पढ़ा; तब उसने यहोवा के भवन में जा कर उस पत्री को यहोवा के साम्हने फैला दिया।

लूका 22:44
और वह अत्यन्त संकट में व्याकुल होकर और भी ह्रृदय वेदना से प्रार्थना करने लगा; और उसका पसीना मानो लोहू की बड़ी बड़ी बून्दों की नाईं भूमि पर गिर रहा था।

भजन संहिता 128:1
क्या ही धन्य है हर एक जो यहोवा का भय मानता है, और उसके मार्गों पर चलता है!

भजन संहिता 127:1
यदि घर को यहोवा न बनाए, तो उसके बनाने वालों को परिश्रम व्यर्थ होगा। यदि नगर की रक्षा यहोवा न करे, तो रखवाले का जागना व्यर्थ ही होगा।

भजन संहिता 126:1
जब यहोवा सिय्योन से लौटने वालों को लौटा ले आया, तब हम स्वप्न देखने वाले से हो गए।

भजन संहिता 30:7
हे यहोवा अपनी प्रसन्नता से तू ने मेरे पहाड़ को दृढ़ और स्थिर किया था; जब तू ने अपना मुख फेर लिया तब मैं घबरा गया॥

भजन संहिता 50:15
और संकट के दिन मुझे पुकार; मैं तुझे छुड़ाऊंगा, और तू मेरी महिमा करने पाएगा॥

भजन संहिता 102:2
मेरे संकट के दिन अपना मुख मुझ से न छिपा ले; अपना कान मेरी ओर लगा; जिस समय मैं पुकारूं, उसी समय फुर्ती से मेरी सुन ले!

भजन संहिता 107:13
तब उन्होंने संकट में यहोवा की दोहाई दी, और उस ने सकेती से उनका उद्धार किया;

भजन संहिता 116:3
मृत्यु की रस्सियां मेरे चारोंओर थीं; मैं अधोलोक की सकेती में पड़ा था; मुझे संकट और शोक भोगना पड़ा।

भजन संहिता 118:5
मैं ने सकेती में परमेश्वर को पुकारा, परमेश्वर ने मेरी सुन कर, मुझे चौड़े स्थान में पहुंचाया।

भजन संहिता 121:1
मैं अपनी आंखें पर्वतों की ओर लगाऊंगा। मुझे सहायता कहां से मिलेगी?

भजन संहिता 122:1
जब लोगों ने मुझ से कहा, कि हम यहोवा के भवन को चलें, तब मैं आनन्दित हुआ।

भजन संहिता 123:1
हे स्वर्ग में विराजमान मैं अपनी आंखें तेरी ओर लगाता हूं!

भजन संहिता 124:1
इस्राएल यह कहे, कि यदि हमारी ओर यहोवा न होता,

भजन संहिता 125:1
जो यहोवा पर भरोसा रखते हैं, वे सिय्योन पर्वत के समान हैं, जो टलता नहीं, वरन सदा बना रहता है।

यशायाह 38:2
तब हिजकिय्याह ने भीत की ओर मुंह फेर कर यहोवा से प्रार्थना कर के कहा;