Proverbs 14:31 in Hindi

Hindi Hindi Bible Proverbs Proverbs 14 Proverbs 14:31

Proverbs 14:31
जो कंगाल पर अंधेर करता, वह उसके कर्ता की निन्दा करता है, परन्तु जो दरिद्र पर अनुग्रह करता, वह उसकी महिमा करता है।

Proverbs 14:30Proverbs 14Proverbs 14:32

Proverbs 14:31 in Other Translations

King James Version (KJV)
He that oppresseth the poor reproacheth his Maker: but he that honoureth him hath mercy on the poor.

American Standard Version (ASV)
He that oppresseth the poor reproacheth his Maker; But he that hath mercy on the needy honoreth him.

Bible in Basic English (BBE)
He who is hard on the poor puts shame on his Maker; but he who has mercy on those who are in need gives him honour.

Darby English Bible (DBY)
He that oppresseth the poor reproacheth his Maker; but he that honoureth Him is gracious to the needy.

World English Bible (WEB)
He who oppresses the poor shows contempt for his Maker, But he who is kind to the needy honors him.

Young's Literal Translation (YLT)
An oppressor of the poor reproacheth his Maker, And whoso is honouring Him Is favouring the needy.

He
that
oppresseth
עֹ֣שֵֽׁקʿōšēqOH-shake
the
poor
דָּ֭לdāldahl
reproacheth
חֵרֵ֣ףḥērēphay-RAFE
his
Maker:
עֹשֵׂ֑הוּʿōśēhûoh-SAY-hoo
honoureth
that
he
but
וּ֝מְכַבְּד֗וֹûmĕkabbĕdôOO-meh-ha-beh-DOH
him
hath
mercy
חֹנֵ֥ןḥōnēnhoh-NANE
on
the
poor.
אֶבְיֽוֹן׃ʾebyônev-YONE

Cross Reference

नीतिवचन 17:5
जो निर्धन को ठट्ठों में उड़ाता है, वह उसके कर्त्ता की निन्दा करता है; और जो किसी की विपत्ति पर हंसता, वह निर्दोष नहीं ठहरेगा।

नीतिवचन 22:2
धनी और निर्धन दोनों एक दूसरे से मिलते हैं; यहोवा उन दोनों का कर्त्ता है।

नीतिवचन 22:16
जो अपने लाभ के निमित्त कंगाल पर अन्धेर करता है, और जो धनी को भेंट देता, वे दोनो केवल हानि ही उठाते हैं॥

नीतिवचन 19:17
जो कंगाल पर अनुग्रह करता है, वह यहोवा को उधार देता है, और वह अपने इस काम का प्रतिफल पाएगा।

अय्यूब 31:13
जब मेरे दास वा दासी ने मुझ से झगड़ा किया, तब यदि मैं ने उनका हक मार दिया हो;

1 यूहन्ना 4:21
और उस से हमें यह आज्ञा मिली है, कि जो कोई अपने परमेश्वर से प्रेम रखता है, वह अपने भाई से भी प्रेम रखे॥

1 यूहन्ना 3:17
पर जिस किसी के पास संसार की संपत्ति हो और वह अपने भाई को कंगाल देख कर उस पर तरस न खाना चाहे, तो उस में परमेश्वर का प्रेम क्योंकर बना रह सकता है?

2 कुरिन्थियों 8:7
सो जैसे हर बात में अर्थात विश्वास, वचन, ज्ञान और सब प्रकार के यत्न में, और उस प्रेम में, जो हम से रखते हो, बढ़ते जाते हो, वैसे ही इस दान के काम में भी बढ़ते जाओ।

यूहन्ना 12:8
क्योंकि कंगाल तो तुम्हारे साथ सदा रहते हैं, परन्तु मैं तुम्हारे साथ सदा न रहूंगा॥

मत्ती 25:40
तब राजा उन्हें उत्तर देगा; मैं तुम से सच कहता हूं, कि तुम ने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों में से किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया।

सभोपदेशक 5:8
यदि तू किसी प्रान्त में निर्धनों पर अन्धेर और न्याय और धर्म को बिगड़ता देखे, तो इस से चकित न होना; क्योंकि एक अधिकारी से बड़ा दूसरा रहता है जिसे इन बातों की सुधि रहती है, और उन से भी ओर अधिक बड़े रहते हैं।

नीतिवचन 22:22
कंगाल पर इस कारण अन्धेर न करना कि वह कंगाल है, और न दीन जन को कचहरी में पीसना;

नीतिवचन 14:21
जो अपने पड़ोसी को तुच्छ जानता, वह पाप करता है, परन्तु जो दीन लोगों पर अनुग्रह करता, वह धन्य होता है।

भजन संहिता 12:5
दीन लोगों के लुट जाने, और दरिद्रों के कराहने के कारण, परमेश्वर कहता है, अब मैं उठूंगा, जिस पर वे फुंकारते हैं उसे मैं चैन विश्राम दूंगा।