Mark 12:1
फिर वह दृष्टान्त में उन से बातें करने लगा: कि किसी मनुष्य ने दाख की बारी लगाई, और उसके चारों ओर बाड़ा बान्धा, और रस का कुंड खोदा, और गुम्मट बनाया; और किसानों को उसका ठेका देकर पर देश चला गया।
Mark 12:1 in Other Translations
King James Version (KJV)
And he began to speak unto them by parables. A certain man planted a vineyard, and set an hedge about it, and digged a place for the winefat, and built a tower, and let it out to husbandmen, and went into a far country.
American Standard Version (ASV)
And he began to speak unto them in parables. A man planted a vineyard, and set a hedge about it, and digged a pit for the winepress, and built a tower, and let it out to husbandmen, and went into another country.
Bible in Basic English (BBE)
And he gave them teaching in the form of stories. A man had a vine-garden planted, and put a wall about it, and made a place for crushing out the wine, and put up a tower, and let it out to field-workers, and went into another country.
Darby English Bible (DBY)
And he began to say to them in parables, A man planted a vineyard, and made a fence round [it] and dug a wine-vat, and built a tower, and let it out to husbandmen, and left the country.
World English Bible (WEB)
He began to speak to them in parables. "A man planted a vineyard, put a hedge around it, dug a pit for the winepress, built a tower, rented it out to a farmer, and went into another country.
Young's Literal Translation (YLT)
And he began to speak to them in similes: `A man planted a vineyard, and put a hedge around, and digged an under-winevat, and built a tower, and gave it out to husbandmen, and went abroad;
| And | Καὶ | kai | kay |
| he began | ἤρξατο | ērxato | ARE-ksa-toh |
| to speak | αὐτοῖς | autois | af-TOOS |
| them unto | ἐν | en | ane |
| by | παραβολαῖς | parabolais | pa-ra-voh-LASE |
| parables. | λέγεῖν, | legein | LAY-GEEN |
| man certain A | Ἀμπελῶνα | ampelōna | am-pay-LOH-na |
| planted | ἐφύτευσεν | ephyteusen | ay-FYOO-tayf-sane |
| a vineyard, | ἄνθρωπος | anthrōpos | AN-throh-pose |
| and | καὶ | kai | kay |
| set | περιέθηκεν | periethēken | pay-ree-A-thay-kane |
| an hedge about | φραγμὸν | phragmon | frahg-MONE |
| it, and | καὶ | kai | kay |
| digged | ὤρυξεν | ōryxen | OH-ryoo-ksane |
| a place for the winefat, | ὑπολήνιον | hypolēnion | yoo-poh-LAY-nee-one |
| and | καὶ | kai | kay |
| built | ᾠκοδόμησεν | ōkodomēsen | oh-koh-THOH-may-sane |
| a tower, | πύργον | pyrgon | PYOOR-gone |
| and | καὶ | kai | kay |
| out let | ἐξέδοτο | exedoto | ayks-A-thoh-toh |
| it | αὐτὸν | auton | af-TONE |
| to husbandmen, | γεωργοῖς | geōrgois | gay-ore-GOOS |
| and | καὶ | kai | kay |
| far a into went country. | ἀπεδήμησεν | apedēmēsen | ah-pay-THAY-may-sane |
Cross Reference
यशायाह 5:1
अब मैं अपने प्रिय के लिये और उसकी दाख की बारी के विषय में गीत गाऊंगा: एक अति उपजाऊ टीले पर मेरे प्रिय की एक दाख की बरी थी।
भजन संहिता 80:8
तू मिस्त्र से एक दाखलता ले आया; और अन्यजातियों को निकाल कर उसे लगा दिया।
श्रेष्ठगीत 8:11
बाल्हामोन में सुलैमान की एक दाख की बारी थी; उसने वह दाख की बारी रखवालों को सौंप दी; हर एक रखवाले को उसके फलों के लिये चान्दी के हजार हजार टुकड़े देने थे।
मत्ती 25:14
क्योंकि यह उस मनुष्य की सी दशा है जिस ने परदेश को जाते समय अपने दासों को बुलाकर, अपनी संपत्ति उन को सौंप दी।
मरकुस 4:2
और वह उन्हें दृष्टान्तों में बहुत सी बातें सिखाने लगो, और अपने उपदेश में उन से कहा।
मरकुस 4:11
उस ने उन से कहा, तुम को तो परमेश्वर के राज्य के भेद की समझ दी गई है, परन्तु बाहर वालों के लिये सब बातें दृष्टान्तों में होती हैं।
मरकुस 4:33
और वह उन्हें इस प्रकार के बहुत से दृष्टान्त दे देकर उन की समझ के अनुसार वचन सुनाता था।
मरकुस 13:34
यह उस मनुष्य की सी दशा है, जो परदेश जाते समय अपना घर छोड़ जाए, और अपने दासों को अधिकार दे: और हर एक को उसका काम जता दे, और द्वारपाल को जागते रहने की आज्ञा दे।
लूका 22:9
उन्होंने उस से पूछा, तू कहां चाहता है, कि हम तैयार करें?
यूहन्ना 15:1
सच्ची दाखलता मैं हूं; और मेरा पिता किसान है।
प्रेरितों के काम 7:38
यह वही है, जिस ने जंगल में कलीसिया के बीच उस स्वर्गदूत के साथ सीनै पहाड़ पर उस से बातें की, और हमारे बाप दादों के साथ था: उसी को जीवित वचन मिले, कि हम तक पहुंचाए।
प्रेरितों के काम 7:46
उस पर परमेश्वर ने अनुग्रह किया, सो उस ने बिनती की, कि मैं याकूब के परमेश्वर के लिये निवास स्थान ठहराऊं।
रोमियो 3:1
सो यहूदी की क्या बड़ाई, या खतने का क्या लाभ?
रोमियो 9:4
वे इस्त्राएली हैं; और लेपालकपन का हक और महिमा और वाचाएं और व्यवस्था और उपासना और प्रतिज्ञाएं उन्हीं की हैं।
रोमियो 11:17
और यदि कई एक डाली तोड़ दी गई, और तू जंगली जलपाई होकर उन में साटा गया, और जलपाई की जड़ की चिकनाई का भागी हुआ है।
लूका 20:9
तब वह लोगों से यह दृष्टान्त कहने लगा, कि किसी मनुष्य ने दाख की बारी लगाई, और किसानों को उसका ठेका दे दिया और बहुत दिनों के लिये परदेश चला गया।
लूका 19:12
सो उस ने कहा, एक धनी मनुष्य दूर देश को चला ताकि राजपद पाकर फिर आए।
भजन संहिता 78:68
परन्तु यहूदा ही के गोत्र को, और अपने प्रिय सिय्योन पर्वत को चुन लिया।
भजन संहिता 147:19
वह याकूब को अपना वचन, और इस्राएल को अपनी विधियां और नियम बताता है।
यशायाह 7:23
उस समय जिन जिन स्थानों में हजार टुकड़े चान्दी की हजार दाखलताएं हैं, उन सब स्थानों में कटीले ही कटीले पेड़ होंगे।
यिर्मयाह 2:21
मैं ने तो तुझे उत्तम जाति की दाखलता और उत्तम बीज कर के लगाया था, फिर तू क्यों मेरे लिये जंगली दाखलता बन गई?
यहेजकेल 20:11
वहां उन को मैं ने अपनी विधियां बताईं और अपने नियम भी बताए कि जो मनुष्य उन को माने, वह उनके कारण जीवित रहेगा।
यहेजकेल 20:18
फिर मैं ने जंगल में उनकी सन्तान से कहा, अपने पुरखाओं की विधियों पर न चलो, न उनकी रीतियों को मानो और न उनकी मूरतें पूजकर अपने को अशुद्ध करो।
यहेजकेल 20:49
तब मैं ने कहा, हाय परमेश्वर यहोवा! लोग तो मेरे विषय में कहा करते हैं कि क्या वह दृष्टान्त ही का कहने वाला नहीं है?
मत्ती 13:10
और चेलों ने पास आकर उस से कहा, तू उन से दृष्टान्तों में क्यों बातें करता है?
मत्ती 13:34
ये सब बातें यीशु ने दृष्टान्तों में लोगों से कहीं, और बिना दृष्टान्त वह उन से कुछ न कहता था।
मत्ती 21:28
तुम क्या समझते हो? किसी मनुष्य के दो पुत्र थे; उस ने पहिले के पास जाकर कहा; हे पुत्र आज दाख की बारी में काम कर।
मरकुस 12:1
फिर वह दृष्टान्त में उन से बातें करने लगा: कि किसी मनुष्य ने दाख की बारी लगाई, और उसके चारों ओर बाड़ा बान्धा, और रस का कुंड खोदा, और गुम्मट बनाया; और किसानों को उसका ठेका देकर पर देश चला गया।
लूका 8:10
तुम को परमेश्वर के राज्य के भेदोंकी समझ दी गई है, पर औरों को दृष्टान्तों में सुनाया जाता है, इसलिये कि वे देखते हुए भी न देखें, और सुनते हुए भी न समझें।
लूका 13:6
फिर उस ने यह दृष्टान्त भी कहा, कि किसी की अंगूर की बारी में एक अंजीर का पेड़ लगा हुआ था: वह उस में फल ढूंढ़ने आया, परन्तु न पाया।
लूका 15:13
और बहुत दिन न बीते थे कि छुटका पुत्र सब कुछ इकट्ठा करके एक दूर देश को चला गया और वहां कुकर्म में अपनी संपत्ति उड़ा दी।
नहेमायाह 9:13
फिर तू ने सीनै पर्वत पर उतर कर आकाश में से उनके साथ बातें की, और उन को सीधे नियम, सच्ची व्यवस्था, और अच्छी विधियां, और आज्ञाएं दीं।