Lamentations 2:4
उसने शत्रु बनकर धनुष चढ़ाया, और बैरी बनकर दाहिना हाथ बढ़ाए हुए खड़ा है; और जितने देखने में मनभावने थे, उन सब को उसने घात किया; सिय्योन की पुत्री के तम्बू पर उसने आग की नाईं अपनी जलजलाहट भड़का दी है।
Lamentations 2:4 in Other Translations
King James Version (KJV)
He hath bent his bow like an enemy: he stood with his right hand as an adversary, and slew all that were pleasant to the eye in the tabernacle of the daughter of Zion: he poured out his fury like fire.
American Standard Version (ASV)
He hath bent his bow like an enemy, he hath stood with his right hand as an adversary, And hath slain all that were pleasant to the eye: In the tent of the daughter of Zion he hath poured out his wrath like fire.
Bible in Basic English (BBE)
His bow has been bent for the attack, he has taken his place with his hand ready, in his hate he has put to death all who were pleasing to the eye: on the tent of the daughter of Zion he has let loose his passion like fire.
Darby English Bible (DBY)
He hath bent his bow like an enemy; he stood with his right hand as an adversary, and hath slain all that was pleasant to the eye: in the tent of the daughter of Zion, he hath poured out his fury like fire.
World English Bible (WEB)
He has bent his bow like an enemy, he has stood with his right hand as an adversary, Has killed all that were pleasant to the eye: In the tent of the daughter of Zion he has poured out his wrath like fire.
Young's Literal Translation (YLT)
He hath trodden His bow as an enemy, Stood hath His right hand as an adversary, And He slayeth all the desirable ones of the eye, In the tent of the daughter of Zion, He hath poured out as fire His fury.
| He hath bent | דָּרַ֨ךְ | dārak | da-RAHK |
| his bow | קַשְׁתּ֜וֹ | qaštô | kahsh-TOH |
| enemy: an like | כְּאוֹיֵ֗ב | kĕʾôyēb | keh-oh-YAVE |
| he stood | נִצָּ֤ב | niṣṣāb | nee-TSAHV |
| hand right his with | יְמִינוֹ֙ | yĕmînô | yeh-mee-NOH |
| as an adversary, | כְּצָ֔ר | kĕṣār | keh-TSAHR |
| and slew | וַֽיַּהֲרֹ֔ג | wayyahărōg | va-ya-huh-ROɡE |
| all | כֹּ֖ל | kōl | kole |
| pleasant were that | מַחֲמַדֵּי | maḥămaddê | ma-huh-ma-DAY |
| to the eye | עָ֑יִן | ʿāyin | AH-yeen |
| in the tabernacle | בְּאֹ֙הֶל֙ | bĕʾōhel | beh-OH-HEL |
| daughter the of | בַּת | bat | baht |
| of Zion: | צִיּ֔וֹן | ṣiyyôn | TSEE-yone |
| out poured he | שָׁפַ֥ךְ | šāpak | sha-FAHK |
| his fury | כָּאֵ֖שׁ | kāʾēš | ka-AYSH |
| like fire. | חֲמָתֽוֹ׃ | ḥămātô | huh-ma-TOH |
Cross Reference
यिर्मयाह 7:20
सो प्रभु यहोवा ने यों कहा है, क्या मनुष्य, क्या पशु, क्या मैदान के वृक्ष, क्या भूमि की उपज, उन सब पर जो इस स्थान में हैं, मेरे कोप की आग भड़कने पर है; वह नित्य जलती रहेगी और कभी न बुझेगी।
यहेजकेल 24:25
और हे मनुष्य के सन्तान, क्या यह सच नहीं, कि जिस दिन मैं उनका दृढ़ गढ़, उनकी शोभा, और हर्ष का कारण, और उनके बेटे-बेटियां जो उनकी शोभा, उनकी आंखों का आनन्द, और मन की चाह हैं, उन को मैं उन से ले लूंगा,
विलापगीत 3:12
उसने धनुष चढ़ा कर मुझे अपने तीर का निशाना बनाया है।
यिर्मयाह 21:5
और मैं स्वयं हाथ बढ़ा कर और बलवन्त भुजा से, और क्रोध और जलजलाहट और बड़े क्रोध में आ कर तुम्हारे विरुद्ध लडूंगा।
यशायाह 42:25
इस कारण उस पर उसने अपने क्रोध की आग भड़काई और युद्ध का बल चलाना; और यद्यिप आग उसके चारों ओर लग गई, तौभी वह न समझा; वह जल भी गया, तौभी न चेता॥
अय्यूब 6:4
क्योंकि सर्वशक्तिमान के तीर मेरे अन्दर चुभे हैं; और उनका विष मेरी आत्मा में पैठ गया है; ईश्वर की भयंकर बात मेरे विरुद्ध पांति बान्धे है।
यिर्मयाह 30:14
तेरे सब मित्र तुझे भूल गए; वे तुम्हारी सुधि नहीं लेते; क्योंकि तेरे बड़े अधर्म और भारी पापों के कारण, मैं ने शत्रु बन कर तुझे मारा है; मैं ने क्रूर बन कर ताड़ना दी है।
नहूम 1:6
उसके क्रोध का साम्हना कौन कर सकता है? और जब उसका क्रोध भड़कता है, तब कौन ठहर सकता है? उसकी जलजलाहट आग की नाईं भड़क जाती है, और चट्टानें उसकी शक्ति से फट फटकर गिरती हैं।
नहूम 1:2
यहोवा जल उठने वाला और बदला लेने वाला ईश्वर है; यहोवा बदला लेने वाला और जलजलाहट करने वाला है; यहोवा अपने द्रोहियों से बदला लेता है, और अपने शत्रुओं का पाप नहीं भूलता।
यहेजकेल 36:18
सो जो हत्या उन्होंने देश में की, और देश को अपनी मूरतों के द्वारा अशुद्ध किया, इसके कारण मैं ने उन पर अपनी जलजलाहट भड़काई।
यहेजकेल 22:22
जैसे चान्दी भट्ठी के बीच में पिघलाई जाती है, वैसे ही तुम उसके बीच में पिघलाए जाओगे; तब तुम जान लोगे कि जिसने हम पर अपनी जलजलाहट भड़काई है, वह यहोवा है।
यहेजकेल 6:12
जो दूर हो वह मरी से मरेगा, और जो निकट हो वह तलवार से मार डाला जाएगा; और जो बचकर नगर में रहते हुए घेरा जाए, वह भूख से मरेगा। इस भांति मैं अपनी जलजलाहट उन पर पूरी रीति से उतारूंगा।
यहेजकेल 5:13
इस प्रकार से मेरा कोप शान्त होगा, और अपनी जलजलाहट उन पर पूरी रीति से भड़का कर मैं शान्ति पाऊंगा; और जब मैं अपनी जलजलाहट उन पर पूरी रीति से भड़का चुकूं, तब वे जान लेंगे कि मुझ यहोवा ही ने जलन में आकर यह कहा है।
विलापगीत 4:1
सोना कैसे खोटा हो गया, अत्यन्त खरा सोना कैसे बदल गया है? पवित्रस्थान के पत्थर तो हर एक सड़क के सिरे पर फेंक दिए गए हैं।
2 इतिहास 34:25
उन लोगों ने मुझे त्याग कर पराये देवताओं के लिये धूप जलाया है और अपनी बनाईं हुई सब वस्तुओं के द्वारा मुझे रिस दिलाई है, इस कारण मेरी जलजलाहट इस स्थान पर भड़क उठी है, और शान्त न होगी।
अय्यूब 16:12
मैं सुख से रहता था, और उसने मुझे चूर चूर कर डाला; उसने मेरी गर्दन पकड़ कर मुझे टुकड़े टुकड़े कर दिया; फिर उसने मुझे अपना निशाना बनाकर खड़ा किया है।
यशायाह 51:17
हे यरूशलेम जाग! जाग उठ! खड़ी हो जा, तू ने यहोवा के हाथ से उसकी जलजलाहट के कटोरे में से पिया है, तू ने कटोरे का लड़खड़ा देने वाला मद पूरा पूरा ही पी लिया है।
यशायाह 63:6
हां, मैं ने अपने क्रोध में आकर देश देश के लोगों को लताड़ा, अपनी जलजलाहट से मैं ने उन्हें मतवाला कर दिया, और उनके लोहू को भूमि पर बहा दिया॥
यशायाह 63:10
तौभी उन्होंने बलवा किया और उसके पवित्र आत्मा को खेदित किया; इस कारण वह पलट कर उनका शत्रु हो गया, और स्वयं उन से लड़ने लगा।
यिर्मयाह 4:4
हे यहूदा के लोगो और यरूशलेम के निवासियों, यहोवा के लिये अपना खतना करो; हां, अपने मन का खतना करो; नहीं तो तुम्हारे बुरे कामों के कारण मेरा क्रोध आग की नाईं भड़केगा, और ऐसा होगा की कोई उसे बुझा न सकेगा।
यिर्मयाह 21:12
हे दाऊद के घराने! यहोवा यों कहता है, भोर को न्याय चुकाओ, और लुटे हुए को अंधेर करने वाले के हाथ से छुड़ाओ, नहीं तो तुम्हारे बुरे कामों के कारण मेरे क्रोध की आग भड़केगी, और ऐसी जलती रहेगी कि कोई उसे बुझा न सकेगा।
यिर्मयाह 36:7
क्या जाने वे यहोवा से गिड़गिड़ा कर प्रार्थना करें और अपनी अपनी बुरी चाल से फिरें; क्योंकि जो क्रोध और जलजलाहट यहोवा ने अपनी इस प्रजा पर भड़काने को कहा है, वह बड़ी है।
विलापगीत 2:5
यहोवा शत्रु बन गया, उसने इस्राएल को निगल लिया; उसके सारे भवनों को उसने मिटा दिया, और उसके दृढ़ गढ़ों को नष्ट कर डाला है; और यहूदा की पुत्री का रोना-पीटना बहुत बढ़ाया है।
विलापगीत 3:3
उसका हाथ दिन भर मेरे ही विरुद्ध उठता रहता है।
2 इतिहास 34:21
कि तुम जा कर मेरी ओर से और इस्राएल और यहूदा में रहने वालों की ओर से इस पाई हुई पुस्तक के वचनों के विष्य यहोवा से पूछो; क्योंकि यहोवा की बड़ी ही जलजलाहट हम पर इसलिये भड़की है कि हमारे पुरखाओं ने यहोवा का वचन नहीं माना, और इस पुस्तक में लिखी हुई सब आज्ञाओं का पालन नहीं किया।