Jonah 2:2 in Hindi

Hindi Hindi Bible Jonah Jonah 2 Jonah 2:2

Jonah 2:2
मैं ने संकट में पड़े हुए यहोवा की दोहाई दी, और उसने मेरी सुन ली है; अधोलोक के उदर में से मैं चिल्ला उठा, और तू ने मेरी सुन ली।

Jonah 2:1Jonah 2Jonah 2:3

Jonah 2:2 in Other Translations

King James Version (KJV)
And said, I cried by reason of mine affliction unto the LORD, and he heard me; out of the belly of hell cried I, and thou heardest my voice.

American Standard Version (ASV)
And he said, I called by reason of mine affliction unto Jehovah, And he answered me; Out of the belly of Sheol cried I, `And' thou heardest my voice.

Bible in Basic English (BBE)
Then Jonah made prayer to the Lord his God from the inside of the fish, and said,

Darby English Bible (DBY)
and he said: I cried by reason of my distress unto Jehovah, and he answered me; Out of the belly of Sheol cried I: thou heardest my voice.

World English Bible (WEB)
He said, "I called because of my affliction to Yahweh. He answered me. Out of the belly of Sheol I cried. You heard my voice.

Young's Literal Translation (YLT)
And he saith: I called, because of my distress, to Jehovah, And He doth answer me, From the belly of sheol I have cried, Thou hast heard my voice.

And
said,
וַיֹּ֗אמֶרwayyōʾmerva-YOH-mer
I
cried
קָ֠רָאתִיqārāʾtîKA-ra-tee
affliction
mine
of
reason
by
מִצָּ֥רָהmiṣṣārâmee-TSA-ra
unto
לִ֛יlee
the
Lord,
אֶלʾelel
heard
he
and
יְהוָ֖הyĕhwâyeh-VA
me;
out
of
the
belly
וַֽיַּעֲנֵ֑נִיwayyaʿănēnîva-ya-uh-NAY-nee
hell
of
מִבֶּ֧טֶןmibbeṭenmee-BEH-ten
cried
שְׁא֛וֹלšĕʾôlsheh-OLE
I,
and
thou
heardest
שִׁוַּ֖עְתִּיšiwwaʿtîshee-WA-tee
my
voice.
שָׁמַ֥עְתָּšāmaʿtāsha-MA-ta
קוֹלִֽי׃qôlîkoh-LEE

Cross Reference

भजन संहिता 120:1
संकट के समय मैं ने यहोवा को पुकारा, और उसने मेरी सुन ली।

भजन संहिता 18:4
मृत्यु की रस्सियों से मैं चारो ओर से घिर गया हूं, और अधर्म की बाढ़ ने मुझ को भयभीत कर दिया;

भजन संहिता 34:6
इस दीन जन ने पुकारा तब यहोवा ने सुन लिया, और उसको उसके सब कष्टों से छुड़ा लिया॥

भजन संहिता 65:2
हे प्रार्थना के सुनने वाले! सब प्राणी तेरे ही पास आएंगे।

मत्ती 12:40
यूनुस तीन रात दिन जल-जन्तु के पेट में रहा, वैसे ही मनुष्य का पुत्र तीन रात दिन पृथ्वी के भीतर रहेगा।

भजन संहिता 22:24
क्योंकि उसने दु:खी को तुच्छ नहीं जाना और न उससे घृणा करता है, ओर न उससे अपना मुख छिपाता है; पर जब उसने उसकी दोहाई दी, तब उसकी सुन ली॥

भजन संहिता 86:13
क्योंकि तेरी करूणा मेरे ऊपर बड़ी है; और तू ने मुझ को अधोलोक की तह में जाने से बचा लिया है॥

भजन संहिता 88:1
हे मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर यहोवा, मैं दिन को और रात को तेरे आगे चिल्लाता आया हूं।

इब्रानियों 5:7
उस ने अपनी देह में रहने के दिनों में ऊंचे शब्द से पुकार पुकार कर, और आंसू बहा बहा कर उस से जो उस को मृत्यु से बचा सकता था, प्रार्थनाएं और बिनती की और भक्ति के कारण उस की सुनी गई।

प्रेरितों के काम 2:27
क्योंकि तू मेरे प्राणों को अधोलोक में न छोड़ेगा; और न अपने पवित्र जन को सड़ने ही देगा!

लूका 22:44
और वह अत्यन्त संकट में व्याकुल होकर और भी ह्रृदय वेदना से प्रार्थना करने लगा; और उसका पसीना मानो लोहू की बड़ी बड़ी बून्दों की नाईं भूमि पर गिर रहा था।

यशायाह 14:9
पाताल के नीचे अधोलोक में तुझ से मिलने के लिये हलचल हो रही है; वह तेरे लिये मुर्दों को अर्थात पृथ्वी के सब सरदारों को जगाता है, और वह जाति जाति से सब राजाओं को उनके सिंहासन पर से उठा खड़ा करता है।

उत्पत्ति 32:24
और याकूब आप अकेला रह गया; तब कोई पुरूष आकर पह फटने तक उससे मल्लयुद्ध करता रहा।

1 शमूएल 1:16
अपनी दासी को ओछी स्त्री न जान जो कुछ मैं ने अब तक कहा है, वह बहुत ही शोकित होने और चिढ़ाई जाने के कारण कहा है।

1 शमूएल 30:6
और दाऊद बड़े संकट में पड़ा; क्योंकि लोग अपने बेटे-बेटियों के कारण बहुत शोकित हो कर उस पर पत्थरवाह करने की चर्चा कर रहे थे। परन्तु दाऊद ने अपने परमेश्वर यहोवा को स्मरण करके हियाव बान्धा॥

भजन संहिता 4:1
हे मेरे धर्ममय परमेश्वर, जब मैं पुकारूं तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं सकेती में पड़ा तब तू ने मुझे विस्तार दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले॥

भजन संहिता 16:10
क्योंकि तू मेरे प्राण को अधोलोक में न छोड़ेगा, न अपने पवित्र भक्त को सड़ने देगा॥

भजन संहिता 61:2
मूर्छा खाते समय मैं पृथ्वी की छोर से भी तुझे पुकारूंगा, जो चट्टान मेरे लिये ऊंची है, उस पर मुझ को ले चला;

भजन संहिता 116:3
मृत्यु की रस्सियां मेरे चारोंओर थीं; मैं अधोलोक की सकेती में पड़ा था; मुझे संकट और शोक भोगना पड़ा।

भजन संहिता 142:1
ममैं यहोवा की दोहाई देता, मैं यहोवा से गिड़गिड़ाता हूं,

उत्पत्ति 32:7
तब याकूब निपट डर गया, और संकट में पड़ा: और यह सोच कर, अपने संग वालों के, और भेड़-बकरियों, और गाय-बैलों, और ऊंटो के भी अलग अलग दो दल कर लिये,