Joel 2:22
हे मैदान के पशुओं, मत डरो, क्योंकि जंगल में चराई उगेगी, और वृक्ष फलने लगेंगे; अंजीर का वृक्ष और दाखलता अपना अपना बल दिखाने लगेंगी।
Joel 2:22 in Other Translations
King James Version (KJV)
Be not afraid, ye beasts of the field: for the pastures of the wilderness do spring, for the tree beareth her fruit, the fig tree and the vine do yield their strength.
American Standard Version (ASV)
Be not afraid, ye beasts of the field; for the pastures of the wilderness do spring, for the tree beareth its fruit, the fig-tree and the vine do yield their strength.
Bible in Basic English (BBE)
Have no fear, you beasts of the field, for the grass-lands of the waste are becoming green, for the trees are producing fruit, the fig-tree and the vine give out their strength.
Darby English Bible (DBY)
Be not afraid, ye beasts of the field: for the pastures of the wilderness do spring; for the tree beareth its fruit; the fig-tree and the vine yield full increase.
World English Bible (WEB)
Don't be afraid, you animals of the field; For the pastures of the wilderness spring up, For the tree bears its fruit. The fig tree and the vine yield their strength.
Young's Literal Translation (YLT)
Do not fear, O cattle of the field! For sprung forth have pastures of a wilderness, For the tree hath borne its fruit, Fig-tree and vine have given their strength!
| Be not afraid, | אַל | ʾal | al |
| תִּֽירְאוּ֙ | tîrĕʾû | tee-reh-OO | |
| ye beasts | בַּהֲמ֣וֹת | bahămôt | ba-huh-MOTE |
| field: the of | שָׂדַ֔י | śāday | sa-DAI |
| for | כִּ֥י | kî | kee |
| the pastures | דָשְׁא֖וּ | došʾû | dohsh-OO |
| of the wilderness | נְא֣וֹת | nĕʾôt | neh-OTE |
| spring, do | מִדְבָּ֑ר | midbār | meed-BAHR |
| for | כִּֽי | kî | kee |
| the tree | עֵץ֙ | ʿēṣ | ayts |
| beareth | נָשָׂ֣א | nāśāʾ | na-SA |
| her fruit, | פִרְי֔וֹ | piryô | feer-YOH |
| tree fig the | תְּאֵנָ֥ה | tĕʾēnâ | teh-ay-NA |
| and the vine | וָגֶ֖פֶן | wāgepen | va-ɡEH-fen |
| do yield | נָתְנ֥וּ | notnû | note-NOO |
| their strength. | חֵילָֽם׃ | ḥêlām | hay-LAHM |
Cross Reference
भजन संहिता 65:12
वे जंगल की चराइयों में पाए जाते हैं; और पहाड़ियां हर्ष का फेंटा बान्धे हुए है॥
जकर्याह 8:12
क्योंकि अब शान्ति के समय की उपज अर्थात दाखलता फला करेंगी, पृथ्वी अपनी उपज उपजाया करेगी, और आकाश से ओस गिरा करेगी; क्योंकि मैं अपनी इस प्रजा के बचे हुओं को इन सब का अधिकारी कर दूंगा।
योएल 1:18
पशु कैसे कराहते हैं? झुण्ड के झुण्ड गाय-बैल विकल हैं, क्योंकि उनके लिये चराई नहीं रही; और झुण्ड के झुण्ड भेड़-बकरियां पाप का फल भोग रही हैं॥
यहेजकेल 36:30
मैं वृक्षों के फल और खेत की उपज बढ़ाऊंगा, कि जातियों में अकाल के कारण फिर तुम्हारी नामधराई न होगी।
यहेजकेल 36:35
और लोग कहा करेंगे, यह देश जो उजाड़ था, सो एदेन की बारी सा हो गया, और जो नगर खण्डहर और उजाड़ हो गए और ढाए गए थे, सो गढ़ वाले हुए, और बसाए गए हैं।
होशे 14:5
मैं इस्राएल के लिये ओस के समान हूंगा; वह सोसन की नाईं फूले-फलेगा, और लबानोन की नाईं जड़ फैलाएगा।
आमोस 9:14
मैं अपनी प्रजा इस्राएल के बंधुओं को फेर ले आऊंगा, और वे उजड़े हुए नगरों को सुधारकर उन में बसेंगे; वे दाख की बारियां लगा कर दाखमधु पीएंगे, और बगीचे लगा कर उनके फल खाएंगे।
योना 4:11
फिर यह बड़ा नगर नीनवे, जिस में एक लाख बीस हजार से अधिक मनुष्य हैं, जो अपने दाहिने बाएं हाथों का भेद नहीं पहिचानते, और बहुत घरेलू पशु भी उस में रहते हैं, तो क्या मैं उस पर तरस न खाऊं?
हाग्गै 2:16
उन दिनों में जब कोई अन्न के बीस नपुओं की आशा से जाता, तब दास ही पाता था, और जब कोई दाखरस के कुण्ड के पास इस आशा से जाता कि पचास बर्तन भर निकालें, तब बीस ही निकलते थे।
मलाकी 3:10
सारे दशमांश भण्डार में ले आओ कि मेरे भवन में भोजनवस्तु रहे; और सेनाओं का यहोवा यह कहता है, कि ऐसा कर के मुझे परखो कि मैं आकाश के झरोखे तुम्हारे लिये खोल कर तुम्हारे ऊपर अपरम्पार आशीष की वर्षा करता हूं कि नहीं।
1 कुरिन्थियों 3:7
इसलिये न तो लगाने वाला कुछ है, और न सींचने वाला, परन्तु परमेश्वर जो बढ़ाने वाला है।
यहेजकेल 36:8
परन्तु, हे इस्राएल के पहाड़ो, तुम पर डालियां पनपेंगी और उनके फल मेरी प्रजा इस्राएल के लिये लगेंगे; क्योंकि उसका लौट आना निकट है।
यहेजकेल 34:26
और मैं उन्हें और अपनी पहाड़ी के आस पास के स्थानों को आशीष का कारण बना दूंगा; और मेंह को मैं ठीक समय में बरसाया करूंगा; और वे आशीषों की वर्षा होंगी।
लैव्यवस्था 26:4
तो मैं तुम्हारे लिये समय समय पर मेंह बरसाऊंगा, तथा भूमि अपनी उपज उपजाएगी, और मैदान के वृक्ष अपने अपने फल दिया करेंगे;
भजन संहिता 36:6
तेरा धर्म ऊंचे पर्वतों के समान है, तेरे नियम अथाह सागर ठहरे हैं; हे यहोवा तू मनुष्य और पशु दोनों की रक्षा करता है॥
भजन संहिता 67:6
भूमि ने अपनी उपज दी है, परमेश्वर जो हमारा परमेश्वर है, उसने हमें आशीष दी है।
भजन संहिता 104:11
उन से मैदान के सब जीव- जन्तु जल पीते हैं; जंगली गदहे भी अपनी प्यास बुझा लेते हैं।
भजन संहिता 104:27
इन सब को तेरा ही आसरा है, कि तू उनका आहार समय पर दिया करे।
भजन संहिता 107:35
वह जंगल को जल का ताल, और निर्जल देश को जल के सोते कर देता है।
भजन संहिता 145:15
सभों की आंखें तेरी ओर लगी रहती हैं, और तू उन को आहार समय पर देता है।
भजन संहिता 147:8
वह आकाश को मेघों से छा देता है, और पृथ्वी के लिये मेंह की तैयारी करता है, और पहाड़ों पर घास उगाता है।
यशायाह 30:23
और वह तुम्हारे लिये जल बरसाएगा कि तुम खेत में बीज बो सको, और भूमि की उपज भी उत्तम और बहुतायत से होगी। उस समय तुम्हारे जानवरों को लम्बी-चौड़ी चराई मिलेगी।
यशायाह 51:3
यहोवा ने सिय्योन को शान्ति दी है, उसने उसके सब खण्डहरों को शान्ति दी है; वह उसके जंगल को अदन के समान और उस के निर्जल देश को यहोवा की बाटिका के समान बनाएगा; उस में हर्ष और आनन्द और धन्यवाद और भजन गाने का शब्द सुनाई पड़ेगा॥
उत्पत्ति 4:12
चाहे तू भूमि पर खेती करे, तौभी उसकी पूरी उपज फिर तुझे न मिलेगी, और तू पृथ्वी पर बहेतू और भगोड़ा होगा।