Job 5:3 in Hindi

Hindi Hindi Bible Job Job 5 Job 5:3

Job 5:3
मैं ने मूढ़ को जड़ पकड़ते देखा है; परन्तु अचानक मैं ने उसके वासस्थान को धिक्कारा।

Job 5:2Job 5Job 5:4

Job 5:3 in Other Translations

King James Version (KJV)
I have seen the foolish taking root: but suddenly I cursed his habitation.

American Standard Version (ASV)
I have seen the foolish taking root: But suddenly I cursed his habitation.

Bible in Basic English (BBE)
I have seen the foolish taking root, but suddenly the curse came on his house.

Darby English Bible (DBY)
I myself saw the foolish taking root, but suddenly I cursed his habitation.

Webster's Bible (WBT)
I have seen the foolish taking root: but suddenly I cursed his habitation.

World English Bible (WEB)
I have seen the foolish taking root, But suddenly I cursed his habitation.

Young's Literal Translation (YLT)
I -- I have seen the perverse taking root, And I mark his habitation straightway,

I
אֲֽנִיʾănîUH-nee
have
seen
רָ֭אִיתִיrāʾîtîRA-ee-tee
the
foolish
אֱוִ֣ילʾĕwîlay-VEEL
root:
taking
מַשְׁרִ֑ישׁmašrîšmahsh-REESH
but
suddenly
וָֽאֶקּ֖וֹבwāʾeqqôbva-EH-kove
I
cursed
נָוֵ֣הוּnāwēhûna-VAY-hoo
his
habitation.
פִתְאֹֽם׃pitʾōmfeet-OME

Cross Reference

भजन संहिता 73:18
निश्चय तू उन्हें फिसलने वाले स्थानों में रखता है; और गिराकर सत्यानाश कर देता है।

भजन संहिता 37:35
मैं ने दुष्ट को बड़ा पराक्रमी और ऐसा फैलता हुए देखा, जैसा कोई हरा पेड़ अपने निज भूमि में फैलता है।

प्रेरितों के काम 1:20
क्योंकि भजन सहिंता में लिखा है, कि उसका घर उजड़ जाए, और उस में कोई न बसे और उसका पद कोई दूसरा ले ले।

यिर्मयाह 12:1
हे यहोवा, यदि मैं तुझ से मुक़द्दमा लड़ूं, तौभी तू धमीं है; मुझे अपने साथ इस विषय पर वादविवाद करने दे। दुष्टों की चाल क्यों सफल होती है? क्या कारण है कि विश्वासघाती बहुत सुख से रहते हैं?

भजन संहिता 92:7
कि दुष्ट जो घास की नाईं फूलते- फलते हैं, और सब अनर्थकारी जो प्रफुल्लित होते हैं, यह इसलिये होता है, कि वे सर्वदा के लिये नाश हो जाएं,

भजन संहिता 73:3
क्योंकि जब मैं दुष्टों का कुशल देखता था, तब उन घमण्डियों के विषय डाह करता था॥

भजन संहिता 69:25
उनकी छावनी उजड़ जाए, उनके डेरों में कोई न रहे।

अय्यूब 27:8
जब ईश्वर भक्तिहीन मनुष्य का प्राण ले ले, तब यद्यपि उसने धन भी प्राप्त किया हो, तौभी उसकी क्या आशा रहेगी?

अय्यूब 24:18
वे जल के ऊपर हलकी वस्तु के सरीखे हैं, उनके भाग को पृथ्वी के रहने वाले कोसते हैं, और वे अपनी दाख की बारियों में लौटने नहीं पाते।

व्यवस्थाविवरण 27:15
कि शापित हो वह मनुष्य जो कोई मूर्ति कारीगर से खुदवाकर वा ढलवाकर निराले स्थान में स्थापन करे, क्योंकि इस से यहोवा को घृणा लगती है। तब सब लोग कहें, आमीन॥