Jeremiah 14:2 in Hindi

Hindi Hindi Bible Jeremiah Jeremiah 14 Jeremiah 14:2

Jeremiah 14:2
यहूदा विलाप करता और फाटकों में लोग शोक का पहिरावा पहिने हुए भूमि पर उदास बैठे हैं; और यरूशलेम की चिल्लाहट आकाश तक पहुंच गई है।

Jeremiah 14:1Jeremiah 14Jeremiah 14:3

Jeremiah 14:2 in Other Translations

King James Version (KJV)
Judah mourneth, and the gates thereof languish; they are black unto the ground; and the cry of Jerusalem is gone up.

American Standard Version (ASV)
Judah mourneth, and the gates thereof languish, they sit in black upon the ground; and the cry of Jerusalem is gone up.

Bible in Basic English (BBE)
Judah is weeping and its doors are dark with sorrow, and people are seated on the earth clothed in black; and the cry of Jerusalem has gone up.

Darby English Bible (DBY)
Judah mourneth, and the gates thereof languish, they are black unto the ground; and the cry of Jerusalem goeth up.

World English Bible (WEB)
Judah mourns, and the gates of it languish, they sit in black on the ground; and the cry of Jerusalem is gone up.

Young's Literal Translation (YLT)
Mourned hath Judah, and her gates have languished, They have mourned to the earth, And the cry of Jerusalem hath gone up.

Judah
אָבְלָ֣הʾoblâove-LA
mourneth,
יְהוּדָ֔הyĕhûdâyeh-hoo-DA
and
the
gates
וּשְׁעָרֶ֥יהָûšĕʿārêhāoo-sheh-ah-RAY-ha
languish;
thereof
אֻמְלְל֖וּʾumlĕlûoom-leh-LOO
they
are
black
קָדְר֣וּqodrûkode-ROO
ground;
the
unto
לָאָ֑רֶץlāʾāreṣla-AH-rets
and
the
cry
וְצִוְחַ֥תwĕṣiwḥatveh-tseev-HAHT
of
Jerusalem
יְרוּשָׁלִַ֖םyĕrûšālaimyeh-roo-sha-la-EEM
is
gone
up.
עָלָֽתָה׃ʿālātâah-LA-ta

Cross Reference

यशायाह 3:26
और उसके फाटकों में सांस भरना और विलाप करना होगा; और भूमि पर अकेली बैठी रहेगी।

यिर्मयाह 8:21
अपने लोगों के दु:ख से मैं भी दु:खित हुआ, मैं शोक का पहिरावा पहिने अति अचम्भे में डूबा हूँ।

1 शमूएल 5:12
और जो मनुष्य न मरे वे भी गिलटियों के मारे पड़े रहे; और नगर की चिल्लाहट आकाश तक पहुंची॥

यिर्मयाह 11:11
इसलिये यहोवा यों कहता है, देख, मैं इन पर ऐसी विपत्ति डालने पर हूँ जिस से ये बच न सकेंगे; और चाहे ये मेरी दोहाई दें तौभी मैं इनकी न सुनूंगा।

विलापगीत 4:8
परन्तु अब उनका रूप अन्धकार से भी अधिक काला है, वे सड़कों में चीन्हें नहीं जाते; उनका चमड़ा हड्डियों में सट गया, और लकड़ी के समान सूख गया है।

जकर्याह 7:13
और सेनाओं के यहोवा का यह वचन हुआ, कि जैसे मेरे पुकारने पर उन्होंने नहीं सुना, वैसे ही उसके पुकारने पर मैं भी न सुनूंगा;

योएल 2:6
उनके सामने जाति जाति के लोग पीड़ित होते हैं, सब के मुख मलीन होते हैं।

योएल 1:10
खेती मारी गई, भूमि विलाप करती है; क्योंकि अन्न नाश हो गया, नया दाखमधु सूख गया, तेल भी सूख गया है॥

होशे 4:3
इस कारण यह देश विलाप करेगा, और मैदान के जीव-जन्तुओं, और आकाश के पक्षियों समेत उसके सब निवासी कुम्हला जाएंगे; और समुद्र की मछलियां भी नाश हो जाएंगी॥

विलापगीत 5:10
भूख की झुलसाने वाली आग के कारण, हमारा चमड़ा तंदूर की नाईं काला हो गया है।

विलापगीत 2:9
उसके फाटक भूमि में धंस गए हैं, उनके बेड़ों को उसने तोड़ कर नाश किया। उसके राजा और हाकिम अन्यजातियों में रहने के कारण व्यवस्थारहित हो गए हैं, और उसके भविष्यद्वक्ता यहोवा से दर्शन नहीं पाते हैं।

यिर्मयाह 18:22
जब तू उन पर अचानक शत्रुदल चढ़ाए, तब उनके घरों से चिल्लाहट सुनाईं दे! क्योंकि उन्होंने मेरे लिये गड़हा खोदा और मेरे फंसाने को फन्दे लगाए हैं।

1 शमूएल 9:16
कि कल इसी समय मैं तेरे पास बिन्यामीन के देश से एक पुरूश को भेजूंगा, उसी को तू मेरी इस्राएली प्रजा के ऊपर प्रधान होने के लिये अभिषेक करना। और वह मेरी प्रजा को पलिश्तियों के हाथ से छुड़ाएगा; क्योंकि मैं ने अपनी प्रजा पर कृपा दृष्टि की है, इसलिये कि उनकी चिल्लाहट मेरे पास पंहुची है।

अय्यूब 34:28
यहां तक कि उनके कारण कंगालों की दोहाई उस तक पहुंची और उसने दीन लोगों की दोहाई सुनी।

यशायाह 5:7
क्योंकि सेनाओं के यहोवा की दाख की बारी इस्राएल का घराना, और उसका मनभाऊ पौधा यहूदा के लोग है; और उसने उन में न्याय की आशा की परन्तु अन्याय देख पड़ा; उसने धर्म की आशा की, परन्तु उसे चिल्लाहट ही सुन पड़ी!

यशायाह 15:5
मेरा मन मोआब के लिये दोहाई देता है; उसके रईस सोअर और एग्लतशलीशिय्या तक भागे जाते हैं। देखो, लूहीत की चढ़ाई पर वे रोते हुए चढ़ रहे हैं; सुनो, होरीनैम के मार्ग में वे नाश होने की चिल्लाहट मचा रहे हैं।

यशायाह 24:4
पृथ्वी विलाप करेगी और मुर्झाएगी, जगत कुम्हलाएगा और मुर्झा जाएगा; पृथ्वी के महान लोग भी कुम्हला जाएंगे।

यशायाह 24:7
नया दाखमधु जाता रहेगा, दाखलता मुर्झा जाएगी, और जितने मन में आनन्द करते हैं सब लम्बी लम्बी सांस लेंगे।

यशायाह 33:9
पृथ्वी विलाप करती और मुर्झा गई है; लबानोन कुम्हला गया और उस पर सियाही छा गई है; शारोन मरूभूमि के समान हो गया; बाशान और कर्मेल में पतझड़ हो रहा है॥

यिर्मयाह 4:28
इस कारण पृथ्वी विलाप करेगी, और आकाश शोक का काला वस्त्र पहिनेगा; क्योंकि मैं ने ऐसा ही करने को ठाना और कहा भी है; मैं इस से नहीं पछताऊंगा और न अपने प्रण को छोड़ूंगा।

यिर्मयाह 12:4
कब तक देश विलाप करता रहेगा, और सारे मैदान की घास सूखी रहेगी? देश के निवासियों की बुराई के कारण पशु-पक्षी सब नाश हो गए हैं, क्योंकि उन लोगों ने कहा, वह हमारे अन्त को न देखेगा।

निर्गमन 2:24
और परमेश्वर ने उनका कराहना सुनकर अपनी वाचा को, जो उसने इब्राहीम, और इसहाक, और याकूब के साथ बान्धी थी, स्मरण किया।