Isaiah 63:15
स्वर्ग से, जो तेरा पवित्र और महिमापूर्ण वासस्थान है, दृष्टि कर। तेरी जलन और पराक्रम कहां रहे? तेरी दया और करूणा मुझ पर से हट गई हैं।
Isaiah 63:15 in Other Translations
King James Version (KJV)
Look down from heaven, and behold from the habitation of thy holiness and of thy glory: where is thy zeal and thy strength, the sounding of thy bowels and of thy mercies toward me? are they restrained?
American Standard Version (ASV)
Look down from heaven, and behold from the habitation of thy holiness and of thy glory: where are thy zeal and thy mighty acts? the yearning of thy heart and thy compassions are restrained toward me.
Bible in Basic English (BBE)
Let your eyes be looking down from heaven, from your holy and beautiful house: where is your deep feeling, the working of your power? do not keep back the moving of your pity and your mercies:
Darby English Bible (DBY)
Look down from the heavens, and behold from the habitation of thy holiness and of thy glory! Where is thy zeal and thy strength, the sounding of thy bowels and of thy tender mercies? Are they restrained toward me?
World English Bible (WEB)
Look down from heaven, and see from the habitation of your holiness and of your glory: where are your zeal and your mighty acts? the yearning of your heart and your compassion is restrained toward me.
Young's Literal Translation (YLT)
Look attentively from the heavens, And see from Thy holy and beauteous habitation, Where `is' Thy zeal and Thy might? The multitude of Thy bowels and Thy mercies Towards me have refrained themselves.
| Look down | הַבֵּ֤ט | habbēṭ | ha-BATE |
| from heaven, | מִשָּׁמַ֙יִם֙ | miššāmayim | mee-sha-MA-YEEM |
| behold and | וּרְאֵ֔ה | ûrĕʾē | oo-reh-A |
| from the habitation | מִזְּבֻ֥ל | mizzĕbul | mee-zeh-VOOL |
| holiness thy of | קָדְשְׁךָ֖ | qodšĕkā | kode-sheh-HA |
| and of thy glory: | וְתִפְאַרְתֶּ֑ךָ | wĕtipʾartekā | veh-teef-ar-TEH-ha |
| where | אַיֵּ֤ה | ʾayyē | ah-YAY |
| zeal thy is | קִנְאָֽתְךָ֙ | qinʾātĕkā | keen-ah-teh-HA |
| and thy strength, | וּגְב֣וּרֹתֶ֔ךָ | ûgĕbûrōtekā | oo-ɡeh-VOO-roh-TEH-ha |
| sounding the | הֲמ֥וֹן | hămôn | huh-MONE |
| of thy bowels | מֵעֶ֛יךָ | mēʿêkā | may-A-ha |
| mercies thy of and | וְֽרַחֲמֶ֖יךָ | wĕraḥămêkā | veh-ra-huh-MAY-ha |
| toward | אֵלַ֥י | ʾēlay | ay-LAI |
| me? are they restrained? | הִתְאַפָּֽקוּ׃ | hitʾappāqû | heet-ah-pa-KOO |
Cross Reference
व्यवस्थाविवरण 26:15
तू स्वर्ग में से जो तेरा पवित्र धाम है दृष्टि करके अपनी प्रजा इस्राएल को आशीष दे, और इस दूध और मधु की धाराओं के देश की भूमि पर आशीष दे, जिसे तू ने हमारे पूर्वजों से खाई हुई शपथ के अनुसार हमें दिया है।
होशे 11:8
हे एप्रैम, मैं तुझे क्योंकर छोड़ दूं? हे इस्राएल, मैं क्योंकर तुझे शत्रु के वश में कर दूं? मैं क्योंकर तुझे अदमा की नाईं छोड़ दूं, और सबोयीम के समान कर दूं? मेरा हृदय तो उलट पुलट हो गया, मेरा मन स्नेह के मारे पिघल गया है।
यिर्मयाह 31:20
क्या एप्रैम मेरा प्रिय पुत्र नहीं है? क्या वह मेरा दुलारा लड़का नहीं है? जब जब मैं उसके विरुद्ध बातें करता हूं, तब तब मुझे उसका स्मरण हो आता है। इसलिये मेरा मन उसके कारण भर आता है; और मैं निश्चय उस पर दया करूंगा, यहोवा की यही वाणी है।
भजन संहिता 123:1
हे स्वर्ग में विराजमान मैं अपनी आंखें तेरी ओर लगाता हूं!
भजन संहिता 80:14
हे सेनाओं के परमेश्वर, फिर आ! स्वर्ग से ध्यान देकर देख, और इस दाखलता की सुधि ले,
भजन संहिता 33:14
अपने निवास के स्थान से वह पृथ्वी के सब रहने वालों को देखता है,
यशायाह 66:1
यहोवा यों कहता है, आकाश मेरा सिंहासन और पृथ्वी मेरे चरणों की चौकी है; तुम मेरे लिये कैसा भवन बनाओगे, और मेरे विश्राम का कौन सा स्थान होगा?
विलापगीत 3:50
जब तक यहोवा स्वर्ग से मेरी ओर न देखे;
लूका 1:78
यह हमारे परमेश्वर की उसी बड़ी करूणा से होगा; जिस के कारण ऊपर से हम पर भोर का प्रकाश उदय होगा।
फिलिप्पियों 2:1
सो यदि मसीह में कुछ शान्ति और प्रेम से ढाढ़स और आत्मा की सहभागिता, और कुछ करूणा और दया है।
1 यूहन्ना 3:17
पर जिस किसी के पास संसार की संपत्ति हो और वह अपने भाई को कंगाल देख कर उस पर तरस न खाना चाहे, तो उस में परमेश्वर का प्रेम क्योंकर बना रह सकता है?
यशायाह 63:9
उनके सारे संकट में उसने भी कष्ट उठाया, और उसके सम्मुख रहने वाले दूत ने उनका उद्धार किया; प्रेम और कोमलता से उसने आप ही उन को छुड़ाया; उसने उन्हें उठाया और प्राचीनकाल से सदा उन्हें लिए फिरा।
यशायाह 59:17
उसने धर्म को झिलम की नाईं पहिन लिया, और उसके सिर पर उद्धार का टोप रखा गया; उसने पलटा लेने का वस्त्र धारण किया, और जलजलाहट को बागे की नाईं पहिन लिया है।
यशायाह 57:15
क्योंकि जो महान और उत्तम और सदैव स्थिर रहता, और जिसका नाम पवित्र है, वह यों कहता है, मैं ऊंचे पर और पवित्र स्थान में निवास करता हूं, और उसके संग भी रहता हूं, जो खेदित और नम्र हैं, कि, नम्र लोगों के हृदय और खेदित लोगों के मन को हषिर्त करूं।
2 इतिहास 30:27
अन्त में लेवीय याजकों ने खड़े हो कर प्रजा को आशीर्वाद दिया, और उनकी सुनी गई, और उनकी प्रार्थना उसके पपित्र धाम तक अर्थात स्वर्ग तक पहुंची।
भजन संहिता 25:6
हे यहोवा अपनी दया और करूणा के कामों को स्मरण कर; क्योंकि वे तो अनन्तकाल से होते आए हैं।
भजन संहिता 77:7
क्या प्रभु युग युग के लिये छोड़ देगा; और फिर कभी प्रसन्न न होगा?
भजन संहिता 89:49
हे प्रभु तेरी प्राचीनकाल की करूणा कहां रही, जिसके विषय में तू ने अपनी सच्चाई की शपथ दाऊद से खाई थी?
भजन संहिता 102:19
क्योंकि यहोवा ने अपने ऊंचे और पवित्र स्थान से दृष्टि करके स्वर्ग से पृथ्वी की ओर देखा है,
भजन संहिता 113:5
हमारे परमेश्वर यहोवा के तुल्य कौन है? वह तो ऊंचे पर विराजमान है,
यशायाह 9:7
उसकी प्रभुता सर्वदा बढ़ती रहेगी, और उसकी शान्ति का अन्त न होगा, इसलिये वे उसको दाऊद की राजगद्दी पर इस समय से ले कर सर्वदा के लिये न्याय और धर्म के द्वारा स्थिर किए ओर संभाले रहेगा। सेनाओं के यहोवा की धुन के द्वारा यह हो जाएगा॥
यशायाह 26:11
हे यहोवा, तेरा हाथ बढ़ा हुआ है, पर वे नहीं देखते। परन्तु वे जानेंगे कि तुझे प्रजा के लिये कैसी जलन है, और लजाएंगे।
यशायाह 49:15
क्या यह हो सकता है कि कोई माता अपने दूधपिउवे बच्चे को भूल जाए और अपने जन्माए हुए लड़के पर दया न करे? हां, वह तो भूल सकती है, परन्तु मैं तुझे नहीं भूल सकता।
यशायाह 51:9
हे यहोवा की भुजा, जाग! जाग और बल धारण कर; जैसे प्राचीनकाल में और बीते हुए पीढिय़ों में, वैसे ही अब भी जाग। क्या तू वही नहीं है जिसने रहब को टुकड़े टुकड़े किया और मगरमच्छ को छेदा?
1 राजा 8:27
क्या परमेश्वर सचमुच पृथ्वी पर वास करेगा, स्वर्ग में वरन सब से ऊंचे स्वर्ग में भी तू नहीं समाता, फिर मेरे बनाए हुए इस भवन में क्योंकर समाएगा।