Isaiah 28:2
देखो, प्रभु के पास एक बलवन्त और सामर्थी है जो ओले की वर्षा वा उजाड़ने वाली आंधी या बाढ़ की प्रचण्ड धार की नाईं है वह उसको कठोरता से भूमि पर गिरा देगा।
Isaiah 28:2 in Other Translations
King James Version (KJV)
Behold, the Lord hath a mighty and strong one, which as a tempest of hail and a destroying storm, as a flood of mighty waters overflowing, shall cast down to the earth with the hand.
American Standard Version (ASV)
Behold, the Lord hath a mighty and strong one; as a tempest of hail, a destroying storm, as a tempest of mighty waters overflowing, will he cast down to the earth with the hand.
Bible in Basic English (BBE)
See, the Lord has a strong and cruel one; like a rain of ice, a storm of destruction, like the overflowing of a strong river, he will violently overcome them.
Darby English Bible (DBY)
Behold, the Lord hath a mighty and strong one, as a storm of hail [and] a destroying tempest; as a storm of mighty waters overflowing, shall he cast down to the earth with might.
World English Bible (WEB)
Behold, the Lord has a mighty and strong one; as a tempest of hail, a destroying storm, as a tempest of mighty waters overflowing, will he cast down to the earth with the hand.
Young's Literal Translation (YLT)
Lo, a mighty and strong one `is' to the Lord, As a storm of hail -- a destructive shower, As an inundation of mighty waters overflowing, He cast down to the earth with the hand.
| Behold, | הִנֵּ֨ה | hinnē | hee-NAY |
| the Lord | חָזָ֤ק | ḥāzāq | ha-ZAHK |
| hath a mighty | וְאַמִּץ֙ | wĕʾammiṣ | veh-ah-MEETS |
| one, strong and | לַֽאדֹנָ֔י | laʾdōnāy | la-doh-NAI |
| which as a tempest | כְּזֶ֥רֶם | kĕzerem | keh-ZEH-rem |
| of hail | בָּרָ֖ד | bārād | ba-RAHD |
| destroying a and | שַׂ֣עַר | śaʿar | SA-ar |
| storm, | קָ֑טֶב | qāṭeb | KA-tev |
| as a flood | כְּ֠זֶרֶם | kĕzerem | KEH-zeh-rem |
| mighty of | מַ֣יִם | mayim | MA-yeem |
| waters | כַּבִּירִ֥ים | kabbîrîm | ka-bee-REEM |
| overflowing, | שֹׁטְפִ֛ים | šōṭĕpîm | shoh-teh-FEEM |
| down cast shall | הִנִּ֥יחַ | hinnîaḥ | hee-NEE-ak |
| to the earth | לָאָ֖רֶץ | lāʾāreṣ | la-AH-rets |
| with the hand. | בְּיָֽד׃ | bĕyād | beh-YAHD |
Cross Reference
यहेजकेल 13:11
उन कच्ची लेसाई करने वालों से कह कि वह गिर जाएगी। क्योंकि बड़े जोर की वर्षा होगी, और बड़े बड़े ओले भी गिरेंगे, और प्रचण्ड आंधी उसे गिराएगी।
यशायाह 30:30
और यहोवा अपनी प्रतापीवाणी सुनाएगा, और अपना क्रोध भड़काता और आग की लौ से भस्म करता हुआ, और प्रचण्ड आन्धी और अति वर्षा और ओलों के साथ अपना भुजबल दिखाएगा।
नहूम 1:8
परन्तु वह उमड़ती हुई धारा से उसके स्थान का अन्त कर देगा, और अपने शत्रुओं को खदेड़ कर अन्धकार में भगा देगा।
यशायाह 29:6
और सेनाओं का यहोवा अचानक बादल गरजाता, भूमि को कम्पाता, और महाध्वनि करता, बवण्डर और आंधी चलाता, और नाश करने वाली अग्नि भड़काता हुआ उसके पास आएगा।
प्रकाशित वाक्य 18:8
इस कारण एक ही दिन में उस पर विपत्तियां आ पड़ेंगी, अर्थात मृत्यु, और शोक, और अकाल; और वह आग में भस्म कर दी जाएगी, क्योंकि उसका न्यायी प्रभु परमेश्वर शक्तिमान है।
मत्ती 7:25
और मेंह बरसा और बाढ़ें आईं, और आन्धियां चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं, परन्तु वह नहीं गिरा, क्योंकि उस की नेव चट्टान पर डाली गई थी।
यहेजकेल 30:10
परमेश्वर यहोवा यों कहता हे, मैं बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर के हाथ से मिस्र की भीड़-भाड़ को नाश करा दूंगा।
यशायाह 40:10
देखो, प्रभु यहोवा सामर्थ दिखाता हुआ रहा है, वह अपने भुजबल से प्रभुता करेगा; देखो, जो मजदूरी देने की है वह उसके पास है और जो बदला देने का है वह उसके हाथ में है।
यशायाह 28:15
तुम ने कहा है कि हम ने मृत्यु से वाचा बान्धी और अधोलोक से प्रतिज्ञा कराई है; इस कारण विपत्ति जब बाढ़ की नाईं बढ़ आए तब हमारे पास न आएगी; क्योंकि हम ने झूठ की शरण ली और मिथ्या की आड़ में छिपे हुए हैं।
यशायाह 27:1
उस समय यहोवा अपनी कड़ी, बड़ी, और पोड़ तलवार से लिव्यातान नाम वेग और टेढ़े चलने वाले सर्प को दण्ड देगा, और जो अजगर समुद्र में रहता है उसको भी घात करेगा॥
यशायाह 25:4
क्योंकि तू संकट में दीनों के लिये गढ़, और जब भयानक लोगों का झोंका भीत पर बौछार के समान होता था, तब तू दरिद्रोंके लिये उनकी शरण, और तपन में छाया का स्थान हुआ।
यशायाह 9:9
और सारी प्रजा को, एप्रैमियों और शोमरोनवासियों मालूम हो जाएगा जो गर्व और कठोरता से बोलते हैं: ईंटें तो गिर गई हैं,
यशायाह 8:7
इस कारण सुन, प्रभु उन पर उस प्रबल और गहिरे महानद को, अर्थात अश्शूर के राजा को उसके सारे प्रताप के साथ चढ़ा लाएगा; और वह उनके सब नालों को भर देगा और सारे कड़ाड़ों से छलक कर बहेगा;