Ezekiel 17:22 in Hindi

Hindi Hindi Bible Ezekiel Ezekiel 17 Ezekiel 17:22

Ezekiel 17:22
फिर प्रभु यहोवा यों कहता है, मैं भी देवदार की ऊंची फुनगी में से कुछ ले कर लगाऊंगा, और उसकी सब से ऊपर वाली कनखाओं में से एक कोमल कनखा तोड़ कर एक अति ऊंचे पर्वत पर लगाऊंगा।

Ezekiel 17:21Ezekiel 17Ezekiel 17:23

Ezekiel 17:22 in Other Translations

King James Version (KJV)
Thus saith the Lord GOD; I will also take of the highest branch of the high cedar, and will set it; I will crop off from the top of his young twigs a tender one, and will plant it upon an high mountain and eminent:

American Standard Version (ASV)
Thus saith the Lord Jehovah: I will also take of the lofty top of the cedar, and will set it; I will crop off from the topmost of its young twigs a tender one, and I will plant it upon a high and lofty mountain:

Bible in Basic English (BBE)
This is what the Lord has said: Further, I will take the highest top of the cedar and put it in the earth; cutting off from the highest of his young branches a soft one, I will have it planted on a high and great mountain;

Darby English Bible (DBY)
Thus saith the Lord Jehovah: I will also take of the highest branch of the lofty cedar, and will set it; I will crop off from the top of its young shoots a tender one, and I will plant it upon a high and eminent mountain:

World English Bible (WEB)
Thus says the Lord Yahweh: I will also take of the lofty top of the cedar, and will set it; I will crop off from the topmost of its young twigs a tender one, and I will plant it on a high and lofty mountain:

Young's Literal Translation (YLT)
Thus said the Lord Jehovah: I have taken of the foliage of the high cedar, And I have set `it', From the top of its tender shoots a tender one I crop, And I -- I have planted `it' on a mountain high and lofty.

Thus
כֹּ֤הkoh
saith
אָמַר֙ʾāmarah-MAHR
the
Lord
אֲדֹנָ֣יʾădōnāyuh-doh-NAI
God;
יְהוִ֔הyĕhwiyeh-VEE
I
וְלָקַ֣חְתִּיwĕlāqaḥtîveh-la-KAHK-tee
will
also
take
אָ֗נִיʾānîAH-nee
branch
highest
the
of
מִצַּמֶּ֧רֶתmiṣṣammeretmee-tsa-MEH-ret
of
the
high
הָאֶ֛רֶזhāʾerezha-EH-rez
cedar,
הָרָמָ֖הhārāmâha-ra-MA
and
will
set
וְנָתָ֑תִּיwĕnātāttîveh-na-TA-tee
off
crop
will
I
it;
מֵרֹ֤אשׁmērōšmay-ROHSH
from
the
top
יֹֽנְקוֹתָיו֙yōnĕqôtāywYOH-neh-koh-tav
twigs
young
his
of
רַ֣ךְrakrahk
one,
tender
a
אֶקְטֹ֔ףʾeqṭōpek-TOFE
and
will
plant
וְשָׁתַ֣לְתִּיwĕšātaltîveh-sha-TAHL-tee
upon
it
אָ֔נִיʾānîAH-nee
an
high
עַ֥לʿalal
mountain
הַרharhahr
and
eminent:
גָּבֹ֖הַgābōahɡa-VOH-ah
וְתָלֽוּל׃wĕtālûlveh-ta-LOOL

Cross Reference

यहेजकेल 20:40
क्योंकि प्रभु यहोवा की यह वाणी है कि इस्राएल का सारा घराना अपने देश में मेरे पवित्र पर्वत पर, इस्राएल के ऊंचे पर्वत पर, सब का सब मेरी उपासना करेगा; वही मैं उन से प्रसन्न हूंगा, और वहीं मैं तुम्हारी उठाई हुई भेंटें और चढ़ाई हुई उत्तम उत्तम वस्तुएं, और तुमहारी सब पवित्र की हुई वस्तुएं तुम से लिया करूंगा।

भजन संहिता 72:16
देश में पहाड़ों की चोटियों पर बहुत सा अन्न होगा; जिसकी बालें लबानोन के देवदारों की नाईं झूमेंगी; और नगर के लोग घास की नाईं लहलहाएंगे।

भजन संहिता 2:6
मैं तो अपने ठहराए हुए राजा को अपने पवित्र पर्वत सिय्योन की राजगद्दी पर बैठा चुका हूं।

जकर्याह 6:12
और उस से यह कह, सेनाओं का यहोवा यों कहता है, उस पुरूष को देख जिस का नाम शाख है, वह अपने ही स्थान से उगकर यहोवा के मन्दिर को बनाएगा।

जकर्याह 4:12
फिर मैं ने दूसरी बार उस से पूछा, जलपाई की दोनों डालियें क्या हैं जो सोने की दोनों नालियों के द्वारा अपने में से सोनहला तेल उण्डेलती हैं?

जकर्याह 3:8
हे यहोशू महायाजक, तू सुन ले, और तेरे भाईबन्धु जो तेरे साम्हने खड़े हैं वे भी सुनें, क्योंकि वे मनुष्य शुभ शकुन हैं: सुनो, मैं अपने दास शाख को प्रगट करूंगा।

मीका 4:1
अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा, और सब पहाडिय़ों से अधिक ऊंचा किया जाएगा; और हर जाति के लोग धारा की नाईं उसकी ओर चलेंगे।

दानिय्येल 2:44
और उन राजाओं के दिनों में स्वर्ग का परमेश्वर, एक ऐसा राज्य उदय करेगा जो अनन्तकाल तक न टूटेगा, और न वह किसी दूसरी जाति के हाथ में किया जाएगा। वरन वह उन सब राज्यों को चूर चूर करेगा, और उनका अन्त कर डालेगा; और वह सदा स्थिर रहेगा;

दानिय्येल 2:35
तब लोहा, मिट्टी, पीतल, चान्दी और सोना भी सब चूर चूर हो गए, और धूपकाल में खलिहानों के भूसे की नाईं हवा से ऐसे उड़ गए कि उनका कहीं पता न रहा; और वह पत्थर जो मूर्ति पर लगा था, वह बड़ा पहाड़ बन कर सारी पृथ्वी में फैल गया॥

यहेजकेल 40:2
अपने दर्शनों में परमेश्वर ने मुझे इस्राएल के देश में पहुंचाया और वहां एक बहुत ऊंचे पहाड़ पर खड़ा किया, जिस पर दक्खिन ओर मानो किसी नगर का आकार था।

यहेजकेल 37:22
और मैं उन को उस देश अर्थात इस्राएल के पहाड़ों पर एक ही जाति कर दूंगा; और उन सभों का एक ही राजा होगा; और वे फिर दो न रहेंगे और न दो राज्यों में कभी बटेंगे।

यिर्मयाह 33:15
उन दिनों में और उन समयों में मैं दाऊद के वंश में धर्म की एक डाल उगाऊंगा; और वह इस देश में न्याय और धर्म के काम करेगा।

यिर्मयाह 23:5
यहोवा की यह भी वाणी है, देख ऐसे दिन आते हैं जब मैं दाऊद के कुल में एक धमीं अंकुर उगाऊंगा, और वह राजा बनकर बुद्धि से राज्य करेगा, और अपने देश में न्याय और धर्म से प्रभुता करेगा।

यशायाह 53:2
क्योंकि वह उसके साम्हने अंकुर की नाईं, और ऐसी जड़ के समान उगा जो निर्जल भूमि में फूट निकले; उसकी न तो कुछ सुन्दरता थी कि हम उसको देखते, और न उसका रूप ही हमें ऐसा दिखाई पड़ा कि हम उसको चाहते।

यशायाह 11:1
तब यिशै के ठूंठ में से एक डाली फूट निकलेगी और उसकी जड़ में से एक शाखा निकल कर फलवन्त होगी।

यशायाह 4:2
उस समय इस्राएल के बचे हुओं के लिये यहोवा का पल्लव, भूषण और महिमा ठहरेगा, और भूमि की उपज, बड़ाई और शोभा ठहरेगी।

यशायाह 2:2
अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा, और सब पहाडिय़ों से अधिक ऊंचा किया जाएगा; और हर जाति के लागे धारा की नाईं उसकी ओर चलेंगें।

भजन संहिता 80:15
ये पौधा तू ने अपने दाहिने हाथ से लगाया, और जो लता की शाखा तू ने अपने लिये दृढ़ की है।

यहेजकेल 34:29
और मैं उनके लिये महान बारियें उपजाऊंगा, और वे देश में फिर भूखों न मरेंगे, और न जाति-जाति के लोग फिर उनकी निन्दा करेंगे।