Daniel 6:10
जब दानिय्येल को मालूम हुआ कि उस पत्र पर हस्ताक्षर किया गया है, तब वह अपने घर में गया जिसकी उपरौठी कोठरी की खिड़कियां यरूशलेम के सामने खुली रहती थीं, और अपनी रीति के अनुसार जैसा वह दिन में तीन बार अपने परमेश्वर के साम्हने घुटने टेक कर प्रार्थना और धन्यवाद करता था, वैसा ही तब भी करता रहा।
Daniel 6:10 in Other Translations
King James Version (KJV)
Now when Daniel knew that the writing was signed, he went into his house; and his windows being open in his chamber toward Jerusalem, he kneeled upon his knees three times a day, and prayed, and gave thanks before his God, as he did aforetime.
American Standard Version (ASV)
And when Daniel knew that the writing was signed, he went into his house (now his windows were open in his chamber toward Jerusalem) and he kneeled upon his knees three times a day, and prayed, and gave thanks before his God, as he did aforetime.
Bible in Basic English (BBE)
For this reason King Darius put his name on the writing and the order.
Darby English Bible (DBY)
And when Daniel knew that the writing was signed, he went into his house; and, his windows being open in his upper chamber toward Jerusalem, he kneeled on his knees three times a day, and prayed and gave thanks before his God, as he did aforetime.
World English Bible (WEB)
When Daniel knew that the writing was signed, he went into his house (now his windows were open in his chamber toward Jerusalem) and he kneeled on his knees three times a day, and prayed, and gave thanks before his God, as he did before.
Young's Literal Translation (YLT)
And Daniel, when he hath known that the writing is signed, hath gone up to his house, and the window being opened for him, in his upper chamber, over-against Jerusalem, three times in a day he is kneeling on his knees, and praying, and confessing before his God, because that he was doing `it' before this.
| Now when | וְ֠דָנִיֵּאל | wĕdāniyyēl | VEH-da-nee-yale |
| Daniel | כְּדִ֨י | kĕdî | keh-DEE |
| knew | יְדַ֜ע | yĕdaʿ | yeh-DA |
| that | דִּֽי | dî | dee |
| writing the | רְשִׁ֤ים | rĕšîm | reh-SHEEM |
| was signed, | כְּתָבָא֙ | kĕtābāʾ | keh-ta-VA |
| he went | עַ֣ל | ʿal | al |
| house; his into | לְבַיְתֵ֔הּ | lĕbaytēh | leh-vai-TAY |
| and his windows | וְכַוִּ֨ין | wĕkawwîn | veh-ha-WEEN |
| open being | פְּתִיחָ֥ן | pĕtîḥān | peh-tee-HAHN |
| in his chamber | לֵהּ֙ | lēh | lay |
| toward | בְּעִלִּיתֵ֔הּ | bĕʿillîtēh | beh-ee-lee-TAY |
| Jerusalem, | נֶ֖גֶד | neged | NEH-ɡed |
| he | יְרוּשְׁלֶ֑ם | yĕrûšĕlem | yeh-roo-sheh-LEM |
| kneeled | וְזִמְנִין֩ | wĕzimnîn | veh-zeem-NEEN |
| upon | תְּלָתָ֨ה | tĕlātâ | teh-la-TA |
| his knees | בְיוֹמָ֜א | bĕyômāʾ | veh-yoh-MA |
| three | ה֣וּא׀ | hûʾ | hoo |
| times | בָּרֵ֣ךְ | bārēk | ba-RAKE |
| a day, | עַל | ʿal | al |
| and prayed, | בִּרְכ֗וֹהִי | birkôhî | beer-HOH-hee |
| thanks gave and | וּמְצַלֵּ֤א | ûmĕṣallēʾ | oo-meh-tsa-LAY |
| before | וּמוֹדֵא֙ | ûmôdēʾ | oo-moh-DAY |
| his God, | קֳדָ֣ם | qŏdām | koh-DAHM |
| as | אֱלָהֵ֔הּ | ʾĕlāhēh | ay-la-HAY |
| כָּל | kāl | kahl | |
| he did | קֳבֵל֙ | qŏbēl | koh-VALE |
| דִּֽי | dî | dee | |
| aforetime. | הֲוָ֣א | hăwāʾ | huh-VA |
| עָבֵ֔ד | ʿābēd | ah-VADE | |
| מִן | min | meen | |
| קַדְמַ֖ת | qadmat | kahd-MAHT | |
| דְּנָֽה׃ | dĕnâ | deh-NA |
Cross Reference
प्रेरितों के काम 5:29
तब पतरस और, और प्रेरितों ने उत्तर दिया, कि मनुष्यों की आज्ञा से बढ़कर परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना ही कर्तव्य कर्म है।
भजन संहिता 95:6
आओ हम झुक कर दण्डवत करें, और अपने कर्ता यहोवा के साम्हने घुटने टेकें!
भजन संहिता 55:17
सांझ को, भोर को, दोपहर को, तीनों पहर मैं दोहाई दूंगा और कराहता रहूंगा। और वह मेरा शब्द सुन लेगा।
1 राजा 8:44
जब तेरी प्रजा के लोग जहां कहीं तू उन्हें भेजे, वहां अपने शत्रुओं से लड़ाई करने को निकल जाएं, और इस नगर की ओर जिसे तू ने चुना है, और इस भवन की ओर जिसे मैं ने तेरे नाम पर बनाया है, यहोवा से प्रार्थना करें,
भजन संहिता 5:7
परन्तु मैं तो तेरी अपार करूणा के कारण तेरे भवन में आऊंगा, मैं तेरा भय मानकर तेरे पवित्र मन्दिर की ओर दण्डवत् करूंगा।
भजन संहिता 34:1
मैं हर समय यहोवा को धन्य कहा करूंगा; उसकी स्तुति निरन्तर मेरे मुख से होती रहेगी।
फिलिप्पियों 4:6
किसी भी बात की चिन्ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं।
1 राजा 8:48
और यदि वे अपने उन शत्रुओं के देश में जो उन्हें बन्धुआ करके ले गए हों, अपने सम्पूर्ण मन और सम्पूर्ण प्राण से तेरी ओर फिरें और अपने इस देश की ओर जो तू ने उनके पुरुखाओं को दिया था, और इस नगर की ओर जिसे तू ने चुना है, और इस भवन की ओर जिसे मैं ने तेरे नाम का बनाया है, तुझ से प्रार्थना करें,
योना 2:4
तब मैं ने कहा, मैं तेरे साम्हने से निकाल दिया गया हूं; तौभी तेरे पवित्र मन्दिर की ओर फिर ताकूंगा।
प्रेरितों के काम 5:40
तब उन्होंने उस की बात मान ली; और प्रेरितों को बुलाकर पिटवाया; और यह आज्ञा देकर छोड़ दिया, कि यीशु के नाम से फिर बातें न करना।
1 थिस्सलुनीकियों 5:17
निरन्तर प्रार्थना मे लगे रहो।
इब्रानियों 13:15
इसलिये हम उसके द्वारा स्तुति रूपी बलिदान, अर्थात उन होठों का फल जो उसके नाम का अंगीकार करते हैं, परमेश्वर के लिये सर्वदा चढ़ाया करें।
प्रेरितों के काम 21:5
जब वे दिन पूरे हो गए, तो हम वहां से चल दिए; ओर सब स्त्रियों और बालकों समेत हमें नगर के बाहर तक पहुंचाया और हम ने किनारे पर घुटने टेककर प्रार्थना की।
इफिसियों 3:14
मैं इसी कारण उस पिता के साम्हने घुटने टेकता हूं,
फिलिप्पियों 1:14
और प्रभु में जो भाई हैं, उन में से बहुधा मेरे कैद होने के कारण, हियाव बान्ध कर, परमेश्वर का वचन निधड़क सुनाने का और भी हियाव करते हैं।
फिलिप्पियों 1:20
मैं तो यही हादिर्क लालसा और आशा रखता हूं, कि मैं किसी बात में लज्ज़ित न होऊं, पर जैसे मेरे प्रबल साहस के कारण मसीह की बड़ाई मेरी देह के द्वारा सदा होती रही है, वैसा ही अब भी हो चाहे मैं जीवित रहूं या मर जाऊं।
कुलुस्सियों 3:17
और वचन से या काम से जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो॥
इब्रानियों 4:16
इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे॥
प्रकाशित वाक्य 2:10
जो दु:ख तुझ को झेलने होंगे, उन से मत डर: क्योंकि देखो, शैतान तुम में से कितनों को जेलखाने में डालने पर है ताकि तुम परखे जाओ; और तुम्हें दस दिन तक क्लेश उठाना होगा: प्राण देने तक विश्वासी रह; तो मैं तुझे जीवन का मुकुट दूंगा।
प्रकाशित वाक्य 2:13
मैं यह तो जानता हूं, कि तू वहां रहता है जहां शैतान का सिंहासन है, और मेरे नाम पर स्थिर रहता है; और मुझ पर विश्वास करने से उन दिनों में भी पीछे नहीं हटा जिन में मेरा विश्वासयोग्य साक्षी अन्तिपास, तुम में उस स्थान पर घात किया गया जहां शैतान रहता है।
नहेमायाह 6:11
परन्तु मैं ने कहा, क्या मुझ ऐसा मनुष्य भागे? और तुझ ऐसा कौन है जो अपना प्राण बचाने को मन्दिर में घुसे? मैं नहीं जाने का।
प्रेरितों के काम 20:36
यह कहकर उस ने घुटने टेके और उन सब के साथ प्रार्थना की।
प्रेरितों के काम 20:24
परन्तु मैं अपने प्राण को कुछ नहीं समझता: कि उसे प्रिय जानूं, वरन यह कि मैं अपनी दौड़ को, और उस सेवाकाई को पूरी करूं, जो मैं ने परमेश्वर के अनुग्रह के सुसमाचार पर गवाही देने के लिये प्रभु यीशु से पाई है।
प्रेरितों के काम 10:9
दूसरे दिन, जब वे चलते चलते नगर के पास पहुंचे, तो दो पहर के निकट पतरस कोठे पर प्रार्थना करने चढ़ा।
मत्ती 10:28
जो शरीर को घात करते हैं, पर आत्मा को घात नहीं कर सकते, उन से मत डरना; पर उसी से डरो, जो आत्मा और शरीर दोनों को नरक में नाश कर सकता है।
दानिय्येल 6:13
तब उन्होंने राजा से कहा, यहूदी बंधुओं में से जो दानिय्येल है, उसने, हे राजा, न तो तेरी ओर कुछ ध्यान दिया, और न तेरे हस्ताक्षर किए हुए आज्ञापत्र की ओर; वह दिन में तीन बार बिनती किया करता है॥
भजन संहिता 86:3
हे प्रभु मुझ पर अनुग्रह कर, क्योंकि मैं तुझी को लगातार पुकारता रहता हूं।
भजन संहिता 11:1
मेरा भरोसा परमेश्वर पर है; तुम क्योंकर मेरे प्राण से कह सकते हो कि पक्षी की नाईं अपने पहाड़ पर उड़ जा?
एज्रा 9:5
परन्तु सांझ की भेंट के समय मैं वस्त्र और बागा फाड़े हुए उपवास की दशा में उठा, फिर घुटनों के बल झुका, और अपने हाथ अपने परमेश्वर यहोवा की ओर फैला कर कहा,
2 इतिहास 6:38
सो यदि वे अपनी बन्धुआई के देश में जहां वे उन्हें बन्धुआ कर के ले गए हों अपने पूरे मन और सारे जीव से तेरी ओर फिरें, और अपने इस देश की ओर जो तू ने उनके पुरखाओं को दिया था, और इस नगर की ओर जिसे तू ने चुना है, और इस भवन की ओर जिसे मैं ने तेरे नाम का बनाया है, मुंह किए हुए तुझ से प्रार्थना करें,
2 इतिहास 6:13
सुलैमान ने पांच हाथ लम्बी, पांच हाथ चौड़ी और तीन हाथ ऊंची पीतल की एक चौकी बनाकर आंगन के बीच रखवाई थी; उसी पर खड़े हो कर उसने सारे इस्राएल की सभा के सामने घुटने टेक कर स्वर्ग की ओर हाथ फैलाए हुए कहा,
1 राजा 8:54
जब सुलैमान यहोवा से यह सब प्रार्थना गिड़गिड़ाहट के साथ कर चुका, तब वह जो घुटने टेके और आकाश की ओर हाथ फैलाए हुए था, सो यहोवा की वेदी के साम्हने से उठा,
लूका 12:4
परन्तु मैं तुम से जो मेरे मित्र हो कहता हूं, कि जो शरीर को घात करते हैं परन्तु उसके पीछे और कुछ नहीं कर सकते उन से मत डरो।
लूका 14:26
यदि कोई मेरे पास आए, और अपने पिता और माता और पत्नी और लड़के बालों और भाइयों और बहिनों बरन अपने प्राण को भी अप्रिय न जाने, तो वह मेरा चेला नहीं हो सकता।
लूका 22:41
और वह आप उन से अलग एक ढेला फेंकने के टप्पे भर गया, और घुटने टेक कर प्रार्थना करने लगा।
प्रेरितों के काम 9:40
तब पतरस ने सब को बाहर कर दिया, और घुटने टेककर प्रार्थना की; और लोथ की ओर देखकर कहा; हे तबीता उठ: तब उस ने अपनी आंखे खोल दी; और पतरस को देखकर उठ बैठी।
प्रेरितों के काम 7:60
फिर घुटने टेककर ऊंचे शब्द से पुकारा, हे प्रभु, यह पाप उन पर मत लगा, और यह कहकर सो गया: और शाऊल उसके बध में सहमत था॥
प्रेरितों के काम 5:20
कि जाओ, मन्दिर में खड़े होकर, इस जीवन की सब बातें लोगों को सुनाओ।
प्रेरितों के काम 4:29
अब, हे प्रभु, उन की धमकियों को देख; और अपने दासों को यह वरदान दे, कि तेरा वचन बड़े हियाव से सुनाएं।
प्रेरितों के काम 4:17
परन्तु इसलिये कि यह बात लोगों में और अधिक फैल न जाए, हम उन्हें धमकाएं, कि वे इस नाम से फिर किसी मनुष्य से बातें न करें।
प्रेरितों के काम 3:1
पतरस और यूहन्ना तीसरे पहर प्रार्थना के समय मन्दिर में जा रहे थे।
प्रेरितों के काम 2:15
जैसा तुम समझ रहे हो, ये नशे में नहीं, क्योंकि अभी तो पहर ही दिन चढ़ा है।
प्रेरितों के काम 2:1
जब पिन्तेकुस का दिन आया, तो वे सब एक जगह इकट्ठे थे।
1 राजा 8:38
तब यदि कोई मनुष्य वा तेरी प्रजा इस्राएल अपने अपने मन का दु:ख जान लें, और गिड़गिड़ाहट के साथ प्रार्थना करके अपने हाथ इस भवन की ओर फैलाएं;