1 Kings 8:35
जब वे तेरे विरुद्ध पाप करें, और इस कारण आकाश बन्द हो जाए, कि वर्षा न होए, ऐसे समय यदि वे इस स्थान की ओर प्रार्थना करके तेरे नाम को मानें जब तू उन्हें दु:ख देता है, और अपने पाप से फिरें, तो तू स्वर्ग में से सुनकर क्षमा करना,
1 Kings 8:35 in Other Translations
King James Version (KJV)
When heaven is shut up, and there is no rain, because they have sinned against thee; if they pray toward this place, and confess thy name, and turn from their sin, when thou afflictest them:
American Standard Version (ASV)
When heaven is shut up, and there is no rain, because they have sinned against thee; if they pray toward this place, and confess thy name, and turn from their sin, when thou dost afflict them:
Bible in Basic English (BBE)
When heaven is shut up and there is no rain, because of their sin against you; if they make prayers with their faces turned to this place, honouring your name and turning away from their sin when you send trouble on them:
Darby English Bible (DBY)
When the heavens are shut up, and there is no rain, because they have sinned against thee; if they pray toward this place, and confess thy name, and turn from their sin, because thou hast afflicted them;
Webster's Bible (WBT)
When heaven is shut up, and there is no rain, because they have sinned against thee; if they pray towards this place, and confess thy name, and turn from their sin, when thou afflictest them:
World English Bible (WEB)
When the sky is shut up, and there is no rain, because they have sinned against you; if they pray toward this place, and confess your name, and turn from their sin, when you do afflict them:
Young's Literal Translation (YLT)
`In the heavens being restrained, and there is no rain, because they sin against Thee, and they have prayed towards this place, and confessed Thy name, and from their sin turn back, for Thou dost afflict them,
| When heaven | בְּהֵֽעָצֵ֥ר | bĕhēʿāṣēr | beh-hay-ah-TSARE |
| is shut up, | שָׁמַ֛יִם | šāmayim | sha-MA-yeem |
| and there is | וְלֹֽא | wĕlōʾ | veh-LOH |
| no | יִֽהְיֶ֥ה | yihĕye | yee-heh-YEH |
| rain, | מָטָ֖ר | māṭār | ma-TAHR |
| because | כִּ֣י | kî | kee |
| they have sinned | יֶֽחֶטְאוּ | yeḥeṭʾû | YEH-het-oo |
| pray they if thee; against | לָ֑ךְ | lāk | lahk |
| toward | וְהִֽתְפַּלְל֞וּ | wĕhitĕppallû | veh-hee-teh-pahl-LOO |
| this | אֶל | ʾel | el |
| place, | הַמָּק֤וֹם | hammāqôm | ha-ma-KOME |
| and confess | הַזֶּה֙ | hazzeh | ha-ZEH |
| וְהוֹד֣וּ | wĕhôdû | veh-hoh-DOO | |
| name, thy | אֶת | ʾet | et |
| and turn | שְׁמֶ֔ךָ | šĕmekā | sheh-MEH-ha |
| sin, their from | וּמֵֽחַטָּאתָ֥ם | ûmēḥaṭṭāʾtām | oo-may-ha-ta-TAHM |
| when | יְשׁוּב֖וּן | yĕšûbûn | yeh-shoo-VOON |
| thou afflictest | כִּ֥י | kî | kee |
| them: | תַֽעֲנֵֽם׃ | taʿănēm | TA-uh-NAME |
Cross Reference
1 राजा 8:33
फिर जब तेरी प्रजा इस्राएल तेरे विरुद्ध पाप करने के कारण अपने शत्रुओं से हार जाए, और तेरी ओर फिर कर तेरा नाम ले और इस भवन में तुझ से गिड़गिड़ाहट के साथ प्रार्थना करे,
व्यवस्थाविवरण 11:17
और यहोवा का कोप तुम पर भड़के, और वह आकाश की वर्षा बन्द कर दे, और भूमि अपनी उपज न दे, और तुम उस उत्तम देश में से जो यहोवा तुम्हें देता है शीघ्र नष्ट हो जाओ।
लैव्यवस्था 26:19
और मैं तुम्हारे बल का घमण्ड तोड़ डालूंगा, और तुम्हारे लिये आकाश को मानो लोहे का और भूमि को मानो पीतल की बना दूंगा;
2 शमूएल 24:13
सो गाद ने दाऊद के पास जा कर इसका समाचार दिया, और उस से पूछा, क्या तेरे देश में सात वर्ष का अकाल पड़े? वा तीन महीने तक तेरे शत्रु तेरा पीछा करते रहें और तू उन से भागता रहे? वा तेरे देश में तीन दिन तक मरी फैली रहे? अब सोच विचार कर, कि मैं अपने भेजने वाले को क्या उत्तर दूं।
लूका 4:25
और मैं तुम से सच कहता हूं, कि एलिय्याह के दिनों में जब साढ़े तीन वर्ष तक आकाश बन्द रहा, यहां तक कि सारे देश में बड़ा आकाल पड़ा, तो इस्राएल में बहुत सी विधवाएं थीं।
प्रकाशित वाक्य 11:6
इन्हें अधिकार है, कि आकाश को बन्द करें, कि उन की भविष्यद्ववाणी के दिनों में मेंह न बरसे, और उन्हें सब पानी पर अधिकार है, कि उसे लोहू बनाएं, और जब जब चाहें तब तब पृथ्वी पर हर प्रकार की विपत्ति लाएं।
रोमियो 15:9
और अन्यजाति भी दया के कारण परमेश्वर की बड़ाई करें, जैसा लिखा है, कि इसलिये मैं जाति जाति में तेरा धन्यवाद करूंगा, और तेरे नाम के भजन गाऊंगा।
रोमियो 10:9
कि यदि तू अपने मुंह से यीशु को प्रभु जानकर अंगीकार करे और अपने मन से विश्वास करे, कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जिलाया, तो तू निश्चय उद्धार पाएगा।
मलाकी 3:10
सारे दशमांश भण्डार में ले आओ कि मेरे भवन में भोजनवस्तु रहे; और सेनाओं का यहोवा यह कहता है, कि ऐसा कर के मुझे परखो कि मैं आकाश के झरोखे तुम्हारे लिये खोल कर तुम्हारे ऊपर अपरम्पार आशीष की वर्षा करता हूं कि नहीं।
योएल 2:15
सिय्योन में नरसिंगा फूको, उपवास का दिन ठहराओ, महासभा का प्रचार करो;
योएल 1:13
हे याजको, कटि में टाट बान्ध कर छाती पीट-पीट के रोओ! हे वेदी के टहलुओ, हाय, हाय, करो। हे मेरे परमेश्वर के टहलुओ, आओ, टाट ओढ़े हुए रात बिताओ! क्योंकि तुम्हारे परमेश्वर के भवन में अन्नबलि और अर्घ अब नहीं आते॥
होशे 14:1
हे इस्राएल, अपने परमेश्वर यहोवा के पास लौट आ, क्योंकि तू ने अपने अधर्म के कारण ठोकर खाई है।
यहेजकेल 18:30
प्रभु यहोवा की यह वाणी है, हे इस्राएल के घराने, मैं तुम में से हर एक मनुष्य का न्याय उसकी चालचलन के अनुसार ही करूंगा। पश्चात्ताप करो और अपने सब अपराधों को छोड़ो, तभी तुम्हारा अधर्म तुम्हारे ठोकर खाने का कारण न होगा।
व्यवस्थाविवरण 28:23
और तेरे सिर के ऊपर आकाश पीतल का, और तेरे पांव के तले भूमि लोहे की हो जाएगी।
1 राजा 8:29
कि तेरी आंख इस भवन की ओर अर्थात इसी स्थान की ओर जिसके विषय तू ने कहा है, कि मेरा नाम वहां रहेगा, रात दिन खुली रहें: और जो प्रार्थना तेरा दास इस स्थान की ओर करे, उसे तू सुन ले।
1 राजा 17:1
और तिशबी एलिय्याह जो गिलाद के परदेसियों में से था उसने अहाब से कहा, इस्राएल का परमेश्वर यहोवा जिसके सम्मुख मैं उपस्थित रहता हूँ, उसके जीवन की शपथ इन वर्षों में मेरे बिना कहे, न तो मेंह बरसेगा, और न ओस पड़ेगी।
2 इतिहास 6:24
फिर यदि तेरी प्रजा इस्राएल तेरे विरुद्ध पाप करने के कारण अपने शत्रुओं से हार जाएं, और तेरी ओर फिरकर तेरा नाम मानें, और इस भवन में तुझ से प्रार्थना और गिड़गिड़ाहट करें,
2 इतिहास 6:26
जब वे तेरे विरुद्ध पाप करें, और इस कारण आकाश इतना बन्द हो जाए कि वर्षा न हो, ऐसे समय यदि वे इस स्थान की ओर प्रार्थना कर के तेरे नाम को मानें, और तू जो उन्हें दु:ख देता है, इस कारण वे अपने पाप से फिरें,
यशायाह 1:15
जब तुम मेरी ओर हाथ फैलाओ, तब मैं तुम से मुंह फेर लूंगा; तुम कितनी ही प्रार्थना क्यों न करो, तौभी मैं तुम्हारी न सुनूंगा; क्योंकि तुम्हारे हाथ खून से भरे हैं।
यशायाह 9:13
तौभी ये लोग अपने मारने वाले की ओर नहीं फिरे और न सेनाओं के यहोवा की खोज करते हैं।
यिर्मयाह 14:1
यहोवा का वचन जो यिर्मयाह के पास सूखे वर्ष के विषय में पहुंचा:
यहेजकेल 14:13
हे मनुष्य के सन्तान, जब किसी देश के लोग मुझ से विश्वासघात कर के पापी हो जाएं, और मैं अपना हाथ उस देश के विरुद्ध बढ़ा कर उसका अन्नरूपी आधार दूर करूं, और उस में अकाल डालकर उस में से मनुष्य और पशु दोनों को नाश करूं,
व्यवस्थाविवरण 28:12
यहोवा तेरे लिये अपने आकाशरूपी उत्तम भण्डार को खोल कर तेरी भूमि पर समय पर मेंह बरसाया करेगा, और तेरे सारे कामों पर आशीष देगा; और तू बहुतेरी जातियों को उधार देगा, परन्तु किसी से तुझे उधार लेना न पड़ेगा।