1 John 4:10
प्रेम इस में नहीं कि हम ने परमेश्वर ने प्रेम किया; पर इस में है, कि उस ने हम से प्रेम किया; और हमारे पापों के प्रायश्चित्त के लिये अपने पुत्र को भेजा।
1 John 4:10 in Other Translations
King James Version (KJV)
Herein is love, not that we loved God, but that he loved us, and sent his Son to be the propitiation for our sins.
American Standard Version (ASV)
Herein is love, not that we loved God, but that he loved us, and sent his Son `to be' the propitiation for our sins.
Bible in Basic English (BBE)
And this is love, not that we had love for God, but that he had love for us, and sent his Son to be an offering for our sins.
Darby English Bible (DBY)
Herein is love, not that we loved God, but that he loved us, and sent his Son a propitiation for our sins.
World English Bible (WEB)
In this is love, not that we loved God, but that he loved us, and sent his Son as the atoning sacrifice{"atoning sacrifice" is from the Greek "hilasmos," an appeasing, propitiating, or the means of appeasement or propitiation-- the sacrifice that turns away God's wrath because of our sin.} for our sins.
Young's Literal Translation (YLT)
in this is the love, not that we loved God, but that He did love us, and did send His Son a propitiation for our sins.
| Herein | ἐν | en | ane |
| τούτῳ | toutō | TOO-toh | |
| is | ἐστὶν | estin | ay-STEEN |
| ἡ | hē | ay | |
| love, | ἀγάπη | agapē | ah-GA-pay |
| not | οὐχ | ouch | ook |
| that | ὅτι | hoti | OH-tee |
| we | ἡμεῖς | hēmeis | ay-MEES |
| loved | ἠγαπήσαμεν | ēgapēsamen | ay-ga-PAY-sa-mane |
| τὸν | ton | tone | |
| God, | Θεόν, | theon | thay-ONE |
| but | ἀλλ' | all | al |
| that | ὅτι | hoti | OH-tee |
| he | αὐτὸς | autos | af-TOSE |
| loved | ἠγάπησεν | ēgapēsen | ay-GA-pay-sane |
| us, | ἡμᾶς | hēmas | ay-MAHS |
| and | καὶ | kai | kay |
| sent | ἀπέστειλεν | apesteilen | ah-PAY-stee-lane |
| his | τὸν | ton | tone |
| υἱὸν | huion | yoo-ONE | |
| Son | αὐτοῦ | autou | af-TOO |
| propitiation the be to | ἱλασμὸν | hilasmon | ee-la-SMONE |
| for | περὶ | peri | pay-REE |
| our | τῶν | tōn | tone |
| ἁμαρτιῶν | hamartiōn | a-mahr-tee-ONE | |
| sins. | ἡμῶν | hēmōn | ay-MONE |
Cross Reference
इफिसियों 2:4
परन्तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है; अपने उस बड़े प्रेम के कारण, जिस से उस ने हम से प्रेम किया।
1 यूहन्ना 2:2
और वही हमारे पापों का प्रायश्चित्त है: और केवल हमारे ही नहीं, वरन सारे जगत के पापों का भी।
1 यूहन्ना 3:1
देखो पिता ने हम से कैसा प्रेम किया है, कि हम परमेश्वर की सन्तान कहलाएं, और हम हैं भी: इस कारण संसार हमें नहीं जानता, क्योंकि उस ने उसे भी नहीं जाना।
रोमियो 5:8
परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा।
1 यूहन्ना 4:19
हम इसलिये प्रेम करते हैं, कि पहिले उस ने हम से प्रेम किया।
1 पतरस 3:18
इसलिये कि मसीह ने भी, अर्थात अधमिर्यों के लिये धर्मी ने पापों के कारण एक बार दुख उठाया, ताकि हमें परमेश्वर के पास पहुंचाए: वह शरीर के भाव से तो घात किया गया, पर आत्मा के भाव से जिलाया गया।
यूहन्ना 15:16
तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जाकर फल लाओ; और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से मांगो, वह तुम्हें दे।
1 यूहन्ना 4:8
जो प्रेम नहीं रखता, वह परमेश्वर को नहीं जानता है, क्योंकि परमेश्वर प्रेम है।
रोमियो 8:29
क्योंकि जिन्हें उस ने पहिले से जान लिया है उन्हें पहिले से ठहराया भी है कि उसके पुत्र के स्वरूप में हों ताकि वह बहुत भाइयों में पहिलौठा ठहरे।
रोमियो 3:25
उसे परमेश्वर ने उसके लोहू के कारण एक ऐसा प्रायश्चित्त ठहराया, जो विश्वास करने से कार्यकारी होता है, कि जो पाप पहिले किए गए, और जिन की परमेश्वर ने अपनी सहनशीलता से आनाकानी की; उन के विषय में वह अपनी धामिर्कता प्रगट करे।
यूहन्ना 3:16
क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।
दानिय्येल 9:24
तेरे लोगों और तेरे पवित्र नगर के लिये सत्तर सप्ताह ठहराए गए हैं कि उनके अन्त तक अपराध का होना बन्द हो, और पापों को अन्त और अधर्म का प्रायश्चित्त किया जाए, और युगयुग की धामिर्कता प्रगट होए; और दर्शन की बात पर और भविष्यवाणी पर छाप दी जाए, और परमपवित्र का अभिषेक किया जाए।
व्यवस्थाविवरण 7:7
यहोवा ने जो तुम से स्नेह करके तुम को चुन लिया, इसका कारण यह नहीं था कि तुम गिनती में और सब देशों के लोगों से अधिक थे, किन्तु तुम तो सब देशों के लोगों से गिनती में थोड़े थे;
1 पतरस 2:24
वह आप ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिए हुए क्रूस पर चढ़ गया जिस से हम पापों के लिये मर कर के धामिर्कता के लिये जीवन बिताएं: उसी के मार खाने से तुम चंगे हुए।
तीतुस 3:3
क्योंकि हम भी पहिले, निर्बुद्धि, और आज्ञा न मानने वाले, और भ्रम में पड़े हुए, और रंग रंग के अभिलाषाओं और सुखविलास के दासत्व में थे, और बैरभाव, और डाह करने में जीवन निर्वाह करते थे, और घृणित थे, और एक दूसरे से बैर रखते थे।
2 कुरिन्थियों 5:19
अर्थात परमेश्वर ने मसीह में होकर अपने साथ संसार का मेल मिलाप कर लिया, और उन के अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया और उस ने मेल मिलाप का वचन हमें सौंप दिया है॥