Psalm 123
1 हे स्वर्ग में विराजमान मैं अपनी आंखें तेरी ओर लगाता हूं!
2 देख, जैसे दासों की आंखें अपने स्वामियों के हाथ की ओर, और जैसे दासियों की आंखें अपनी स्वामिनी के हाथ की ओर लगी रहती है, वैसे ही हमारी आंखें हमारे परमेश्वर यहोवा की ओर उस समय तक लगी रहेंगी, जब तक वह हम पर अनुग्रह न करे॥
3 हम पर अनुग्रह कर, हे यहोवा, हम पर अनुग्रह कर, क्योंकि हम अपमान से बहुत ही भर गए हैं।
4 हमारा जीव सुखी लोगों के ठट्ठों से, और अहंकारियों के अपमान से बहुत ही भर गया है॥
1 A Song of degrees.
2 Unto thee lift I up mine eyes, O thou that dwellest in the heavens.
3 Behold, as the eyes of servants look unto the hand of their masters, and as the eyes of a maiden unto the hand of her mistress; so our eyes wait upon the Lord our God, until that he have mercy upon us.
4 Have mercy upon us, O Lord, have mercy upon us: for we are exceedingly filled with contempt.
5 Our soul is exceedingly filled with the scorning of those that are at ease, and with the contempt of the proud.