Psalm 120
1 संकट के समय मैं ने यहोवा को पुकारा, और उसने मेरी सुन ली।
2 हे यहोवा, झूठ बोलने वाले मुंह से और छली जीभ से मेरी रक्षा कर॥
3 हे छली जीभ, तुझ को क्या मिले? और तेरे साथ और क्या अधिक किया जाए?
4 वीर के नोकीले तीर और झाऊ के अंगारे!
5 हाय, हाय, क्योंकि मुझे मेशेक में परदेशी होकर रहना पड़ा और केदार के तम्बुओं में बसना पड़ा है!
6 बहुत काल से मुझ को मेल के बैरियों के साथ बसना पड़ा है।
7 मैं तो मेल चाहता हूं; परन्तु मेरे बोलते ही, वे लड़ना चाहते हैं!
1 A Song of degrees.
2 In my distress I cried unto the Lord, and he heard me.
3 Deliver my soul, O Lord, from lying lips, and from a deceitful tongue.
4 What shall be given unto thee? or what shall be done unto thee, thou false tongue?
5 Sharp arrows of the mighty, with coals of juniper.
6 Woe is me, that I sojourn in Mesech, that I dwell in the tents of Kedar!
7 My soul hath long dwelt with him that hateth peace.
8 I am for peace: but when I speak, they are for war.
Cross Reference
Acts 7:42
सो परमेश्वर ने मुंह मोड़कर उन्हें छोड़ दिया, कि आकशगण पूजें; जैसा भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तक में लिखा है; कि हे इस्त्राएल के घराने, क्या तुम जंगल में चालीस वर्ष तक पशुबलि और अन्नबलि मुझ ही को चढ़ाते रहे?
Nehemiah 9:21
चालीस वर्ष तक तू जंगल में उनका ऐसा पालन पोषण करता रहा, कि उन को कुछ घटी न हुई; न तो उनके वस्त्र पुराने हुए और न उनके पांव में सूजन हुई।
Nehemiah 9:18
वरन जब उन्होंने बछड़ा ढालकर कहा, कि तुम्हारा परमेश्वर जो तुम्हें मिस्र देश से छुड़ा लाया है, वह यही है, और तेरा बहुत तिरस्कार किया,
Joshua 24:14
इसलिये अब यहोवा का भय मानकर उसकी सेवा खराई और सच्चाई से करो; और जिन देवताओं की सेवा तुम्हारे पुरखा महानद के उस पार और मिस्र में करते थे, उन्हें दूर करके यहोवा की सेवा करो।
Zechariah 7:5
सब साधारण लोगों से और याजकों से कह, कि जब तुम इन सत्तर वर्षों के बीच पांचवें और सातवें महीनों में उपवास और विलाप करते थे, तब क्या तुम सचमुच मेरे ही लिये उपवास करते थे?
Hosea 9:9
वे गिबा के दिनों की भांति अत्यन्त बिगड़े हैं; सो वह उनके अधर्म की सुधि ले कर उनके पाप का दण्ड देगा॥
Ezekiel 20:24
क्योंकि उन्होंने मेरे नियम न माने, मेरी विधियों को तुच्छ जाना, मेरे विश्रामदिनों को अपवित्र किया, और अपने पुरखाओं की मूरतों की ओर उनकी आंखें लगी रहीं।
Ezekiel 20:16
क्योंकि उन्होंने मेरे नियम तुच्छ जाने और मेरी विधियों पर न चले, और मेरे विश्रामदिन अपवित्र किए थे; इसलिये कि उनका मन उनकी मूरतों की ओर लगा रहा।
Ezekiel 20:8
परन्तु वे मुझ से बिगड़ गए और मेरी सुननी न चाही; जिन घिनौनी वस्तुओं पर उनकी आंखें लगी थीं, उनकी किसी ने फेंका नहीं, और न मिस्र की मूरतों को छोड़ा। तब मैं ने कहा, मैं यहीं, मिस्र देश के बीच मुम पर अपनी जलजलाहट भड़काऊंगा। और पूरा कोप दिखाऊंगा।
Isaiah 43:23
मेरे लिये होमबलि करने को तू मेम्ने नहीं लाया और न मेलबलि चढ़ा कर मेरी महिमा की है। देख, मैं ने अन्नबलि चढ़ाने की कठिन सेवा तुझ से नहीं कराई, न तुझ से धूप ले कर तुझे थका दिया है।
Deuteronomy 32:17
उन्होंने पिशाचों के लिये जो ईश्वर न थे बलि चढ़ाए, और उनके लिये वे अनजाने देवता थे, वे तो नये नये देवता थे जो थोड़े ही दिन से प्रकट हुए थे, और जिन से उनके पुरखा कभी डरे नहीं।
Leviticus 17:7
और वे जो बकरों के पूजक हो कर व्यभिचार करते हैं, वे फिर अपने बलिपशुओं को उनके लिये बलिदान न करें। तुम्हारी पीढिय़ों के लिये यह सदा की विधि होगी॥