Micah 4:1
अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा, और सब पहाडिय़ों से अधिक ऊंचा किया जाएगा; और हर जाति के लोग धारा की नाईं उसकी ओर चलेंगे।
But in the last | וְהָיָ֣ה׀ | wĕhāyâ | veh-ha-YA |
days | בְּאַחֲרִ֣ית | bĕʾaḥărît | beh-ah-huh-REET |
pass, to come shall it | הַיָּמִ֗ים | hayyāmîm | ha-ya-MEEM |
mountain the that | יִ֠הְיֶה | yihye | YEE-yeh |
of the house | הַ֣ר | har | hahr |
of the Lord | בֵּית | bêt | bate |
shall be | יְהוָ֤ה | yĕhwâ | yeh-VA |
established | נָכוֹן֙ | nākôn | na-HONE |
in the top | בְּרֹ֣אשׁ | bĕrōš | beh-ROHSH |
of the mountains, | הֶהָרִ֔ים | hehārîm | heh-ha-REEM |
and it | וְנִשָּׂ֥א | wĕniśśāʾ | veh-nee-SA |
exalted be shall | ה֖וּא | hûʾ | hoo |
above the hills; | מִגְּבָע֑וֹת | miggĕbāʿôt | mee-ɡeh-va-OTE |
people and | וְנָהֲר֥וּ | wĕnāhărû | veh-na-huh-ROO |
shall flow | עָלָ֖יו | ʿālāyw | ah-LAV |
unto | עַמִּֽים׃ | ʿammîm | ah-MEEM |