Jonah 4:2
और उसने यहोवा से यह कह कर प्रार्थना की, हे यहोवा जब मैं अपने देश में था, तब क्या मैं यही बात न कहता था? इसी कारण मैं ने तेरी आज्ञा सुनते ही तर्शीश को भाग जाने के लिये फुर्ती की; क्योंकि मैं जानता था कि तू अनुग्रहकारी और दयालु परमेश्वर है, विलम्ब से कोप करने वाला करूणानिधान है, और दु:ख देने से प्रसन्न नहीं होता।
And he prayed | וַיִּתְפַּלֵּ֨ל | wayyitpallēl | va-yeet-pa-LALE |
unto | אֶל | ʾel | el |
the Lord, | יְהוָ֜ה | yĕhwâ | yeh-VA |
said, and | וַיֹּאמַ֗ר | wayyōʾmar | va-yoh-MAHR |
I pray thee, | אָנָּ֤ה | ʾonnâ | oh-NA |
O Lord, | יְהוָה֙ | yĕhwāh | yeh-VA |
not was | הֲלוֹא | hălôʾ | huh-LOH |
this | זֶ֣ה | ze | zeh |
my saying, | דְבָרִ֗י | dĕbārî | deh-va-REE |
when I was | עַד | ʿad | ad |
yet | הֱיוֹתִי֙ | hĕyôtiy | hay-yoh-TEE |
in | עַל | ʿal | al |
my country? | אַדְמָתִ֔י | ʾadmātî | ad-ma-TEE |
Therefore | עַל | ʿal | al |
כֵּ֥ן | kēn | kane | |
fled I | קִדַּ֖מְתִּי | qiddamtî | kee-DAHM-tee |
before | לִבְרֹ֣חַ | librōaḥ | leev-ROH-ak |
unto Tarshish: | תַּרְשִׁ֑ישָׁה | taršîšâ | tahr-SHEE-sha |
for | כִּ֣י | kî | kee |
I knew | יָדַ֗עְתִּי | yādaʿtî | ya-DA-tee |
that | כִּ֤י | kî | kee |
thou | אַתָּה֙ | ʾattāh | ah-TA |
art a gracious | אֵֽל | ʾēl | ale |
God, | חַנּ֣וּן | ḥannûn | HA-noon |
merciful, and | וְרַח֔וּם | wĕraḥûm | veh-ra-HOOM |
slow | אֶ֤רֶךְ | ʾerek | EH-rek |
to anger, | אַפַּ֙יִם֙ | ʾappayim | ah-PA-YEEM |
and of great | וְרַב | wĕrab | veh-RAHV |
kindness, | חֶ֔סֶד | ḥesed | HEH-sed |
and repentest | וְנִחָ֖ם | wĕniḥām | veh-nee-HAHM |
thee of | עַל | ʿal | al |
the evil. | הָרָעָֽה׃ | hārāʿâ | ha-ra-AH |