John 11:35 in Hindi

Hindi Hindi Bible John John 11 John 11:35

John 11:35
यीशु के आंसू बहने लगे।

John 11:34John 11John 11:36

John 11:35 in Other Translations

King James Version (KJV)
Jesus wept.

American Standard Version (ASV)
Jesus wept.

Bible in Basic English (BBE)
And Jesus himself was weeping.

Darby English Bible (DBY)
Jesus wept.

World English Bible (WEB)
Jesus wept.

Young's Literal Translation (YLT)
Jesus wept.

Jesus

ἐδάκρυσενedakrysenay-THA-kryoo-sane

hooh
wept.
Ἰησοῦςiēsousee-ay-SOOS

Cross Reference

Luke 19:41
जब वह निकट आया तो नगर को देखकर उस पर रोया।

John 11:33
जब यीशु न उस को और उन यहूदियों को जो उसके साथ आए थे रोते हुए देखा, तो आत्मा में बहुत ही उदास हुआ, और घबरा कर कहा, तुम ने उसे कहां रखा है?

Hebrews 4:15
क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक नहीं, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी न हो सके; वरन वह सब बातों में हमारी नाईं परखा तो गया, तौभी निष्पाप निकला।

Jeremiah 13:17
और यदि तुम इसे न सुनो, तो मैं अकेले में तुम्हारे गर्व के कारण रोऊंगा, और मेरी आंखों से आंसुओं की धारा बहती रहेगी, क्योंकि यहोवा की भेड़ें बंधुआ कर ली गई हैं।

Hebrews 2:16
क्योंकि वह तो स्वर्गदूतों को नहीं वरन इब्राहीम के वंश को संभालता है।

Romans 9:2
कि मुझे बड़ा शोक है, और मेरा मन सदा दुखता रहता है।

Luke 19:11
जब वे ये बातें सुन रहे थे, तो उस ने एक दृष्टान्त कहा, इसलिये कि वह यरूशलेम के निकट था, और वे समझते थे, कि परमेश्वर का राज्य अभी प्रगट हुआ चाहता है।

Lamentations 1:16
इन बातों के कारण मैं रोती हूँ; मेरी आंखों से आंसू की धारा बहती रहती है; क्योंकि जिस शान्तिदाता के कारण मेरा जी हरा भरा हो जाता था, वह मुझ से दूर हो गया; मेरे लड़के-बाले अकेले हो गए, क्योंकि शत्रु प्रबल हुआ है।

Jeremiah 14:17
तू उन से यह बात कह, मेरी आँखों से दिन रात आंसू लगातार बहते रहें, वे न रुकें क्योंकि मेरे लोगों की कुंवारी बेटी बहुत ही कुचली गई और घायल हुई है।

Jeremiah 9:1
भला होता, कि मेरा सिर जल ही जल, और मेरी आंखें आँसुओं का सोता होतीं, कि मैं रात दिन अपने मारे हुए लोगों के लिये रोता रहता।

Isaiah 63:9
उनके सारे संकट में उसने भी कष्ट उठाया, और उसके सम्मुख रहने वाले दूत ने उनका उद्धार किया; प्रेम और कोमलता से उसने आप ही उन को छुड़ाया; उसने उन्हें उठाया और प्राचीनकाल से सदा उन्हें लिए फिरा।

Isaiah 53:3
वह तुच्छ जाना जाता और मनुष्यों का त्यागा हुआ था; वह दु:खी पुरूष था, रोग से उसकी जान पहिचान थी; और लोग उस से मुख फेर लेते थे। वह तुच्छ जाना गया, और, हम ने उसका मूल्य न जाना॥

Psalm 119:136
मेरी आंखों से जल की धारा बहती रहती है, क्योंकि लोग तेरी व्यवस्था को नहीं मानते॥

Psalm 35:13
जब वे रोगी थे तब तो मैं टाट पहिने रहा, और उपवास कर करके दु:ख उठाता रहा; और मेरी प्रार्थना का फल मेरी गोद में लौट आया।

Job 30:25
क्या मैं उसके लिये रोता नहीं था, जिसके दुदिर्न आते थे? और क्या दरिद्र जन के कारण मैं प्राण में दुखित न होता था?

Genesis 43:30
तब अपने भाई के स्नेह से मन भर आने के कारण और यह सोचकर, कि मैं कहां जा कर रोऊं, यूसुफ फुर्ती से अपनी कोठरी में गया, और वहां रो पड़ा।