Jeremiah 4:26
फिर मैं क्या देखता हूँ कि यहोवा के प्रताप और उस भड़के हुए प्रकोप के कारण उपजाऊ देश जंगल, और उसके सारे नगर खण्डहर हो गए थे।
I beheld, | רָאִ֕יתִי | rāʾîtî | ra-EE-tee |
and, lo, | וְהִנֵּ֥ה | wĕhinnē | veh-hee-NAY |
the fruitful place | הַכַּרְמֶ֖ל | hakkarmel | ha-kahr-MEL |
wilderness, a was | הַמִּדְבָּ֑ר | hammidbār | ha-meed-BAHR |
and all | וְכָל | wĕkāl | veh-HAHL |
the cities | עָרָ֗יו | ʿārāyw | ah-RAV |
down broken were thereof | נִתְּצוּ֙ | nittĕṣû | nee-teh-TSOO |
at the presence | מִפְּנֵ֣י | mippĕnê | mee-peh-NAY |
Lord, the of | יְהוָ֔ה | yĕhwâ | yeh-VA |
and by | מִפְּנֵ֖י | mippĕnê | mee-peh-NAY |
his fierce | חֲר֥וֹן | ḥărôn | huh-RONE |
anger. | אַפּֽוֹ׃ | ʾappô | ah-poh |