Jeremiah 17:8
वह उस वृक्ष के समान होगा जो नदी के तीर पर लगा हो और उसकी जड़ जल के पास फैली हो; जब घाम होगा तब उसको न लगेगा, उसके पत्ते हरे रहेंगे, और सूखे वर्ष में भी उनके विषय में कुछ चिन्ता न होगी, क्योंकि वह तब भी फलता रहेगा।
For he shall be | וְהָיָ֞ה | wĕhāyâ | veh-ha-YA |
tree a as | כְּעֵ֣ץ׀ | kĕʿēṣ | keh-AYTS |
planted | שָׁת֣וּל | šātûl | sha-TOOL |
by | עַל | ʿal | al |
the waters, | מַ֗יִם | mayim | MA-yeem |
out spreadeth that and | וְעַל | wĕʿal | veh-AL |
her roots | יוּבַל֙ | yûbal | yoo-VAHL |
by | יְשַׁלַּ֣ח | yĕšallaḥ | yeh-sha-LAHK |
river, the | שָֽׁרָשָׁ֔יו | šārāšāyw | sha-ra-SHAV |
and shall not | וְלֹ֤א | wĕlōʾ | veh-LOH |
see | יִרְאֶ֙ | yirʾe | yeer-EH |
when | כִּֽי | kî | kee |
heat | יָבֹ֣א | yābōʾ | ya-VOH |
cometh, | חֹ֔ם | ḥōm | home |
but her leaf | וְהָיָ֥ה | wĕhāyâ | veh-ha-YA |
be shall | עָלֵ֖הוּ | ʿālēhû | ah-LAY-hoo |
green; | רַֽעֲנָ֑ן | raʿănān | ra-uh-NAHN |
and shall not | וּבִשְׁנַ֤ת | ûbišnat | oo-veesh-NAHT |
careful be | בַּצֹּ֙רֶת֙ | baṣṣōret | ba-TSOH-RET |
in the year | לֹ֣א | lōʾ | loh |
of drought, | יִדְאָ֔ג | yidʾāg | yeed-Aɡ |
neither | וְלֹ֥א | wĕlōʾ | veh-LOH |
shall cease | יָמִ֖ישׁ | yāmîš | ya-MEESH |
from yielding | מֵעֲשׂ֥וֹת | mēʿăśôt | may-uh-SOTE |
fruit. | פֶּֽרִי׃ | perî | PEH-ree |