Isaiah 44:14
वह देवदार को काटता वा वन के वृक्षों में से जाति जाति के बांजवृक्ष चुनकर सेवता है, वह एक तूस का वृक्ष लगाता है जो वर्षा का जल पाकर बढ़ता है।
He heweth him down | לִכְרָת | likrāt | leek-RAHT |
cedars, | ל֣וֹ | lô | loh |
and taketh | אֲרָזִ֔ים | ʾărāzîm | uh-ra-ZEEM |
cypress the | וַיִּקַּ֤ח | wayyiqqaḥ | va-yee-KAHK |
and the oak, | תִּרְזָה֙ | tirzāh | teer-ZA |
which he strengtheneth | וְאַלּ֔וֹן | wĕʾallôn | veh-AH-lone |
trees the among himself for | וַיְאַמֶּץ | wayʾammeṣ | vai-ah-METS |
of the forest: | ל֖וֹ | lô | loh |
he planteth | בַּעֲצֵי | baʿăṣê | ba-uh-TSAY |
ash, an | יָ֑עַר | yāʿar | YA-ar |
and the rain | נָטַ֥ע | nāṭaʿ | na-TA |
doth nourish | אֹ֖רֶן | ʾōren | OH-ren |
it. | וְגֶ֥שֶׁם | wĕgešem | veh-ɡEH-shem |
יְגַדֵּֽל׃ | yĕgaddēl | yeh-ɡa-DALE |