भजन संहिता 84:6
वे रोने की तराई में जाते हुए उसको सोतों का स्थान बनाते हैं; फिर बरसात की अगली वृष्टि उसमें आशीष ही आशीष उपजाती है।
Who passing | עֹבְרֵ֤י׀ | ʿōbĕrê | oh-veh-RAY |
through the valley | בְּעֵ֣מֶק | bĕʿēmeq | beh-A-mek |
of Baca | הַ֭בָּכָא | habbākāʾ | HA-ba-ha |
make | מַעְיָ֣ן | maʿyān | ma-YAHN |
well; a it | יְשִׁית֑וּהוּ | yĕšîtûhû | yeh-shee-TOO-hoo |
the rain | גַּם | gam | ɡahm |
also | בְּ֝רָכ֗וֹת | bĕrākôt | BEH-ra-HOTE |
filleth | יַעְטֶ֥ה | yaʿṭe | ya-TEH |
the pools. | מוֹרֶֽה׃ | môre | moh-REH |