भजन संहिता 65:9
तू भूमि की सुधि लेकर उसको सींचता हैं, तू उसको बहुत फलदायक करता है; परमेश्वर की नहर जल से भरी रहती है; तू पृथ्वी को तैयार करके मनुष्यों के लिये अन्न को तैयार करता है।
Thou visitest | פָּקַ֥דְתָּ | pāqadtā | pa-KAHD-ta |
the earth, | הָאָ֨רֶץ | hāʾāreṣ | ha-AH-rets |
and waterest | וַתְּשֹׁ֪קְקֶ֡הָ | wattĕšōqĕqehā | va-teh-SHOH-keh-KEH-ha |
greatly thou it: | רַבַּ֬ת | rabbat | ra-BAHT |
enrichest | תַּעְשְׁרֶ֗נָּה | taʿšĕrennâ | ta-sheh-REH-na |
it with the river | פֶּ֣לֶג | peleg | PEH-leɡ |
of God, | אֱ֭לֹהִים | ʾĕlōhîm | A-loh-heem |
full is which | מָ֣לֵא | mālēʾ | MA-lay |
of water: | מָ֑יִם | māyim | MA-yeem |
thou preparest | תָּכִ֥ין | tākîn | ta-HEEN |
them corn, | דְּ֝גָנָ֗ם | dĕgānām | DEH-ɡa-NAHM |
when | כִּי | kî | kee |
thou hast so | כֵ֥ן | kēn | hane |
provided | תְּכִינֶֽהָ׃ | tĕkînehā | teh-hee-NEH-ha |