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भजन संहिता 52:3 छवि
तू भलाई से बढ़कर बुराई में और धर्म की बात से बढ़कर झूठ से प्रीति रखता है।
तू भलाई से बढ़कर बुराई में और धर्म की बात से बढ़कर झूठ से प्रीति रखता है।
तू भलाई से बढ़कर बुराई में और धर्म की बात से बढ़कर झूठ से प्रीति रखता है।