भजन संहिता 37:30
धर्मी अपने मुंह से बुद्धि की बातें करता, और न्याय का वचन कहता है।
The mouth | פִּֽי | pî | pee |
of the righteous | צַ֭דִּיק | ṣaddîq | TSA-deek |
speaketh | יֶהְגֶּ֣ה | yehge | yeh-ɡEH |
wisdom, | חָכְמָ֑ה | ḥokmâ | hoke-MA |
and his tongue | וּ֝לְשׁוֹנ֗וֹ | ûlĕšônô | OO-leh-shoh-NOH |
talketh | תְּדַבֵּ֥ר | tĕdabbēr | teh-da-BARE |
of judgment. | מִשְׁפָּֽט׃ | mišpāṭ | meesh-PAHT |