भजन संहिता 37:25
मैं लड़कपन से लेकर बुढ़ापे तक देखता आया हूं; परन्तु न तो कभी धर्मी को त्यागा हुआ, और न उसके वंश को टुकड़े मांगते देखा है।
I have been | נַ֤עַר׀ | naʿar | NA-ar |
young, | הָיִ֗יתִי | hāyîtî | ha-YEE-tee |
and | גַּם | gam | ɡahm |
old; am now | זָ֫קַ֥נְתִּי | zāqantî | ZA-KAHN-tee |
not I have yet | וְֽלֹא | wĕlōʾ | VEH-loh |
seen | רָ֭אִיתִי | rāʾîtî | RA-ee-tee |
the righteous | צַדִּ֣יק | ṣaddîq | tsa-DEEK |
forsaken, | נֶעֱזָ֑ב | neʿĕzāb | neh-ay-ZAHV |
nor his seed | וְ֝זַרְע֗וֹ | wĕzarʿô | VEH-zahr-OH |
begging | מְבַקֶּשׁ | mĕbaqqeš | meh-va-KESH |
bread. | לָֽחֶם׃ | lāḥem | LA-hem |